लिंग का ढीलापन दूर करने वाली दवा | Ling Ka Dhilapan ki Dawa

ढीलापन दूर करने की दवा विलासी पुरुष हमेशां ऐसी दवाओं को खोजते रहते हैं जो कामशक्ति बढ़ा सकें | आधुनिक समय में शीघ्रपतन, लिंग का ढीलापन, उत्तेजना में कमी एवं धात गिरने जैसी समस्याएं ज्यादातर युवाओं में देखने को मिलती हैं | ऐसी समस्या होने पर आम तौर पर व्यक्ति अंग्रेजी दवाओं या फिर कुछ आयुर्वेदिक दवा जिनमें अफ़ीम का उपयोग होता है का उपयोग करने लग जाते हैं | ये दवाएं कुछ समय के लिए तो उपयोगी प्रतीत होती हैं पर बाद में इनके बहुत घातक दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं |

मन्मथ रस बहुत ही सुरक्षित एवं कारगर आयुर्वेदिक दवा है जो पुरुषों की सभी प्रकार की यौन कमजोरियों को दूर करने की क्षमता रखती है | इस दवा का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है | यह लिंग की शिथिलता (ढीलापन), शीघ्रपतन, कामेच्छा की कमी एवं नपुंसकता जैसे रोगों में अत्यंत लाभदायक है |

लिंग का ढीलापन क्यों होता है ? Ling ke Dhilepan Ke Karan

पुरुषों में यौन रोगों के बहुत से प्रकार होते हैं | जैसे :-

  • शीघ्रपतन या जल्दी स्खलन की समस्या |
  • कामेच्छा में कमी होना |
  • इन्द्रिय शिथिलता या लिंग का ढीला पड़ जाना |
  • उत्तेजना में कमी |
  • नपुंसकता (मानसिक एवं शारीरिक)

इन्द्रिय शिथिलता (लिंग का ढीलापन) होने की स्थिति में पुरुष यौन संबंध बनाने में असमर्थ होता है | यह पुरुषों के लिय मानसिक तनाव का कारण बनता है | ऐसी स्थिति में पुरुष न तो खुद यौन संतुष्टि हासिल कर पाता है और न ही अपनी महिला साथी को ये एहसास दिला पाता है | इन्द्रिय शिथिलता के निम्न कारण हो सकते हैं :-

  • शराब का ज्यादा सेवन करने से |
  • मोटापा होने की वजह से |
  • उच्च रक्त चाप की समस्या (High BP) के कारण |
  • दिल की किसी बीमारी के कारण |
  • मानसिक तनाव रहने से |
  • टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के कम हो जाने से |
  • दवाओं के दुष्प्रभाव से |
  • अनियमित दिनचर्या एवं खान पान की वजह से |
  • अश्लील विचार एवं हस्तमैथुन की अधिकता |
  • उम्र बढ़ने के साथ |

लिंग का ढीलापन दूर करने के लिए क्या उपाय करें ? Ling ka Dhilapan dur Karne ke upay

इस तरह की यौन समस्याओं से बचने के लिए सबसे जरुरी है की आप अपनी दिनचर्या एवं खान पान सही रखें | अच्छे पौष्टिक भोजन का सेवन करें, प्रयाप्त नींद लें, चिंता एवं मानसिक तनाव की स्थिति से बचें, नशा न करें एवं मन को साफ रखें |

लेकन किसी वजह से आप लिंग के ढीलेपन या अन्य कोई यौन कमजोरियों का सामना कर रहें हैं तो वाजीकरण में ही इन रोगों का स्थायी समाधान है | वाजीकरण के ऊपर हमने पहले एक लेख लिखा हैं आप उस से वाजीकरण के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

आयुर्वेद में इस विषय के लिए हजारों औषधियों का वर्णन है, इस लेख में हम आज कुछ ऐसी ही औषधियों के बारे में जानेंगे जो विशेषकर लिंग का ढीलापन दूर करने के लिए रामबाण दवा के रूप में जानी जाती हैं | ये दवाएं हैं कामसुधा योग एवं मन्मथ रस :-

मन्मथ रस क्या है, इसके घटक, बनाने की विधि एवं फायदे |

ढीलापन की दवा पतंजलि : यह एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें वंग भस्म, शुद्ध पारा, गंधक, तालमखाना एवं शतावरी जैसी गुणकारी जड़ी बूटियों का योग होता है | यह दवा मुख्यतः विर्यवाहिनी नाड़ियो पर असर करती है एवं स्तंभन शक्ति बढाती है | अतः यह उन पुरुषों के लिए अमृत सामान है जिनके लिंग की नशें कमजोर हो जाने से ढीलापन बना रहता है एवं वीर्य जल्दी निकल जाता है |

इस दवा को पतंजलि बैद्यनाथ एवं अन्य आयुर्वेदिक फार्मेसियों द्वारा बनाया जाता है | लेकिन ध्यान दें यह एक रस औषधि है अत: सेल्फ मेडिकेशन बिलकुल भी न करें क्योंकि रस औषधियों का उपयोग बिना चिकित्सकीय सलाह के नहीं करना चाहिए | चाहे वह दवा ढीलापन की दवा पतंजलि के रूप में ही क्यों न हो |

अगर गलत तरीके एवं बिना रोग को समझे ही सेवन की जाये तो नुकसान हो सकता है |

मन्मथ रस
मन्मथ रस

मन्मथ रस के घटक :-

  • शुद्ध पारा एवं गंधक – प्रत्येक चार तोला |
  • अभ्रक भस्म – दो तोला |
  • शुद्ध कपूर – एक तोला |
  • बंग भस्म एवं लौह भस्म – प्रत्येक एक तोला |
  • ताम्र भस्म – 6 माशे |
  • तालमखाना, कौंच बीज, विदारी कंद, शतावरी – सभी तीन तीन माशा |
  • विधारा की जड़, बला, जावित्री, अतिश – प्रत्येक तीन माशा |
  • जायफल, लौंग, भांग के बीज, अजवायन, राल सफ़ेद एवं जीरा – सभी तीन तीन माशा |

मन्मथ रस बनाने की विधि / Manmath ras kaise banta hai ?

इस औषधि को बनाने के लिए ऊपर बताये गए सभी द्रव्यों को बतायी गयी मात्रा में लें | इसके उपरांत इन सब को खरल में अच्छे से मिला लें | फिर इनको जल में अच्छे से घोंट लें | जब अच्छी तरह घुट जाए तो इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें | इस तरह से मन्मथ रस तैयार हो जाता है |

मन्मथ रस के फायदे एवं उपयोग क्या हैं ? Manmath Ras Benefits in Hindi

यह कामुक पुरुषों के लिए बहुत गुणकारी औषधि है | जो पुरुष बल एवं वीर्य बढाकर कामशक्ति बढ़ाना चाहते हैं उन्हें इस दवा का सेवन जरुर करना चाहिए | इस दवा का सबसे बड़ा फायदा ये है की इसमें अफ़ीम का उपयोग नहीं किया जाता है अतः इसका कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है | यह त्रिवंग भस्म, शिलाप्रवांग वटी एवं कामसुधा योग की तरह ही एक सुरक्षित औषधि है |

  • यह विर्यवाहिनी नाड़ियो को पुष्ट करती है |
  • मन्रमथ रसायन सबके सेवन करने योग्य है |
  • ढीलापन दूर करने की दवा के रूप में मन्मथ रस का उपयोग बहुत उपयोगी होता है | इसमें पारा एवं गंधक जैसी धातुएं है अत: बिना वैद्य परामर्श इसका सेवन नहीं करना चाहिए |
  • शुक्र विकार जैसे वीर्य का पतलापन आदि को दूर कर देता है |
  • यह प्राकृतिक रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को संतुलित करता है |
  • स्नायु दौर्बल्य की समस्या में बहुत फायदेमंद है |
  • नपुंसकता एवं शीघ्रपतन जैसे रोगों के लिए एक उत्तम वाजीकर औषधि है |

लिंग का ढीलापन दूर करने के लिए कामसुधा योग एक बेहतर एवं सुरक्षित विकल्प है |

कामसुधा योग जैसा नाम वैसा काम, यानि यह औषधि कामशक्ति से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं के लिए एक रामबाण औषधि के रूप में जानी जाती है | यह वर्तमान समय में पुरुषों के लिए अमृत समान औषधि है | कामसुधा योग वाजीकरण सिद्धांत पर आधारित औषधि है | इसमें कुल 21 वाजीकरण द्रव्यों (जड़ी बूटियों) का योग है |

ling ka dhilapan

आइये जानते हैं कामसुधा योग के घटक द्रव्यों के बारे में :-

  • शुद्ध शिलाजीत, कौंच बीज, अकरकरा
  • सफ़ेद मूसली, तालमखाना, विदारीकन्द
  • गोक्षुर, अश्वगंधा (नागौरी), शतावरी
  • बला बीज, जावित्री, प्रवाल पिष्टी
  • दालचीनी, चौभचीनी, अतिबला, सेमलकंद
  • स्याह मूसली, सिद्ध मकरध्वज, जायफल
  • समुद्र शोष, वंग भस्म

कामसुधा योग बनाने की विधि / Preparation of Kamsudha Yog

इस वाजीकरण औषधि को बनाने के लिए एक्सट्रेक्ट विधि का इस्तेमाल किया जाता है | सभी घटक द्रव्यों का एक्सट्रेक्ट (सार तत्व) निकाल लिया जाता है | इससे यह फायदा होता है की जड़ी बूटियों का में मौजूद सिर्फ गुणकारी अवयवों का इस्तेमाल दवा बनाने में किया जाता है | इस एक्सट्रेक्ट को कैप्सूल या वटी के रूप में तैयार कर लिया जाता है |

इन्द्रिय शिथिलता एवं अन्य यौन कमजोरियों में कामसुधा योग के फायदे |

ख़राब जीवन शैली, अनुचित खान पान, नशे की अधिकता एवं बुरी आदतों के कारण लिंग के ढीलेपन, नशों में कमजोरी, शीघ्रपतन, धात गिरना एवं कामेच्छा की कमी जैसी समस्याएं हो जाती हैं | इन समस्याओं के लिए वे जड़ी बूटियां कारगर होती हैं जो स्नायु संकोचक होती हैं एवं बल व वीर्य वर्धक होती हैं | कामसुधा योग में उपयोग में ली गयी जड़ी बूटियां उत्तम बल एवं वीर्यवर्धक व स्नायु संकोचक मानी जाती हैं | इसके साथ ही ये वीर्य वाहिनी नाड़ी को पुष्ट करती हैं जिससे लिंग में तनाव न आना एवं जल्दी स्खलित हो जाने की समस्या नष्ट हो जाती है |

वाजीकरण जड़ी बूटियां दो प्रकार की होती हैं :-

  • उष्ण वीर्य वाली जड़ी बूटियां
  • शीत वीर्य वाली जड़ी बूटियां

जो व्यक्ति उष्ण प्रकृति वाले होते हैं उन्हें शीत वीर्य वाली जड़ी बूटियों का सेवन कराना सही रहता है क्योंकि उष्ण वीर्य वाली जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से अधिक उष्णता के कारण समस्या बढ़ सकती है | इसी तरह शीत वीर्य वाले व्यक्तियों को उष्ण वीर्य वाली जड़ी बूटियां उपयोगी होती हैं क्योंकि शीत वीर्य वाले जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करने पर कामेच्छा की कमी हो सकती है |

कामसुधा योग इसलिए सुरक्षित है क्योंकि इसमें दोनों तरह की (उष्ण एवं शीत वीर्य) जड़ी बूटियों को उचित अनुपात में उपयोग में लिया गया है अतः यह दोनों प्रकृति के पुरुषों के लिए समान गुणकारी है |

कामसुधा योग के फायदे :-

  • इन्द्रिय शिथिलता (लिंग का ढीलापन) दूर करता है |
  • धात की समस्या को नष्ट कर देता है |
  • वीर्य का पतलापन एवं शुक्राणुओं की कमी में फायदेमंद |
  • स्नायु संकोचक गुणों के कारण शीघ्रपतन में बहुत लाभदायक है |
  • बल एवं वीर्य वर्धक है |
  • शारीरिक कमजोरी एवं थकान की समस्या को दूर कर देता है |
  • शिलाजीत के गुणों के कारण उत्साह एवं स्फूर्ति वर्धक है |

अनुपान की विधि एवं परहेज :-

इसके दो कैप्सूल रोजाना सुबह शाम गुनगुने दूध या शहद के साथ लें | दूध उपलब्ध न हो तो गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं | इसके सेवन के दौरान ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थ, फास्ट फ़ूड, खट्टाई आदि से परहेज करें | पौष्टिक भोजन जैसे दूध दही एवं मलाई आदि का भरपूर सेवन करें |

कामसुधा योग के नुकसान :-

यह वाजीकरण पर आधारित एक सुरक्षित औषधि है | आम तौर पर इसका कोई नुकसान देखने को नहीं मिलता क्योंकि इसमें उष्ण एवं शीत वीर्य वाली जड़ी बूटियों को उचित अनुपात में प्रयोग किया गया है | लेकिन अगर आपको डायबिटीज, हृदय रोग या लीवर की कोई समस्या जैसी बड़ी बीमारी है तो इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श कर लें | 17 से 70 वर्ष तक की आयु के पुरुष इसका उपयोग कर सकते हैं |

अगर आप लिंग का ढीलापन दूर करने की दवा कर यौन शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो आपको वाजीकरण औषधियों का सेवन करना चाहिए |

ध्यान रखें किसी भी दवा के सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श जरुर कर लें |

धन्यवाद !

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