प्रदरान्तक रस (Pradarantak ras) जैसा की नाम से ही विदीत हो रहा है महिलाओं में सभी प्रकार के प्रदर रोगों के लिए एक रामबाण औषधि है | यह नए पुराने,, श्वेत एवं लाल प्रदर, रक्त प्रदर जैसी सभी समस्याओं में उपयोगी औषधि है | प्रदर रोगों के कारण महिलाओं में दुर्बलता आ जाती है, प्रदरान्तक रस के सेवन से शरीर सबल एवं स्वस्थ हो जाता है |
इस लेख में हम महिलाओं के लिए अमृत समान उपयोगी इस औषधि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे | इसके बारे में निम्न बातों का पता चलेगा :-
- प्रदरान्तक रस क्या है Pradarantak ras kya hai ?
- इसके घटक क्या हैं एवं इसे कैसे बनाया जाता है ?
- महिलाओं के लिए यह किस तरह उपयोगी है ?
- प्रदरान्तक रस के फायदे क्या हैं Pradarantak ras ke fayde kya hai ?
- इस औषधि का रोगानुसार अनुपान कैसे करें ?
प्रदरान्तक रस (Pradarantak ras) क्या है, घटक एवं बनाने की विधि
महिलाओं में श्वेत प्रदर (white discharge), रक्त प्रदर एवं माहवारी की समस्या अधिकांशतः देखने को मिलती है | इन रोगों के कारण स्त्री का शरीर अत्यंत दुर्बल हो जाता है | इन रोगों में प्रदरान्तक रस एक रामबाण औषधि का काम करता है | इसमें कौड़ी भस्म, लौह भस्म, शुद्ध पारद एवं खपरिया आदि का योग होता है | आइये जानते हैं इसके घटक :-
- शुद्ध पारद – 3 माशे
- लौह भस्म – 3 तोला
- बंग भस्म – 3 माशे
- चांदी भस्म – 3 माशे
- खपरिया – 3 माशे
- कौड़ी भस्म – 3 माशे
- ग्वारपाठे का रस – घोंटने के लिए
प्रदरान्तक रस कैसे बनता है ? Pradarantak ras bnane ki vidhi
इस रसायन को बनाने के लिए सर्वप्रथम पारा एवं गंधक की कज्जली बनायी जाती है | इस कज्जली में बाकि द्रवों को अच्छे से मिला लिया जाता है | इसके उपरांत इस मिश्रण को एक दिन तक ग्वारपाठे के रस में घोंटते हैं | जब यह अच्छी तरह घुट जाए तो इसकी छोटी छोटी गोलियां बना कर सुखा ली जाती हैं | इस तरह से प्ररान्तक रस (pradarantak ras) बन के तैयार हो जाता है |
महिलाओं के लिए प्रदरान्तक रस के फायदे एवं उपयोग
प्रदर रोगों के कारण महिलाओं शारीरिक रूप से दुर्बल हो जाती हैं | इससे कमर दर्द, पेट दर्द, हाथ पैरों में जलन, हल्का बुखार एवं भूख नहीं लगना आदि समस्याएं हो जाती हैं | इन रोगों में प्रदरान्तक रस अत्यंत फायदेमंद औषधि है | इसके सेवन से सभी प्रकार के प्रदर रोग खत्म हो जाते हैं | आइये जानते हैं इसके फायदे :-
- सभी प्रकार के प्रदर रोगों (श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर) में फायदेमंद |
- शारीरिक कमजोरी दूर करता है |
- शरीर हष्ट पुष्ट हो जाता है |
- प्रदर रोगों से जनित अन्य समस्याओं में लाभ मिलता है |
- गर्भाशय को पुष्ट करता है |
- गर्भधारण में लाभदायक है |
- महिलाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है |
अनुपान एवं सेवन की विधि :-
इस रसायन की एक या दो गोली सुबह शाम आंवला स्वरस या मधु के साथ लें | अथवा गुड़हल पुष्प के रस के साथ सेवन करें |
- श्वेतप्रदर में पत्रांगासव या चन्दनासव के साथ लें |
- अन्य प्रदर रोगों में मधुकाध्यवालेह के साथ सेवन करें |
ध्यान रखें किसी भी औषधि के सेवन से पहले चिकित्सक से उचित परामर्श जरुर कर लें |
धन्यवाद !