स्वर्णबंग या सुवर्णराजवंगेश्वर एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधि है | यह सम्पूर्ण शरीर को बल देने वाला रसायन है | इसका निरंतर सेवन करके बल एवं बुद्धि की प्राप्ति की जा सकती है | यह स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए समान गुणकारी है |
इस लेख में हम इस रसायन से जुड़ी निम्न जानकारी साझा करेंगे :-
- स्वर्णबंग क्या है एवं इसे कैसे बनाते हैं ?
- Swarn Bang के घटक क्या हैं ?
- इस औषधि का सेवन एवं अनुपान कैसे करें ?
- यह औषधि किन किन रोगों में उपयोगी है ?
- क्या स्वर्ण बंग (Swarn Bang) के कोई साइड इफेक्ट्स हैं ?
- इसका सेवन करते समय पथ्य अपथ्य क्या है ?
- स्वपनदोष दूर करने के लिए इसका सेवन कैसे करें ?
- श्वेतप्रदर में स्वर्णबंग कितना फायदेमंद है ?
- इसके फायदे एवं उपयोग क्या हैं ? Swarn Bang Benefits and uses in hindi
स्वर्ण बंग (Swarn Bang) क्या है, इसके घटक एवं बनाने की विधि जानें :-
यह एक आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त औषधि है जिसको भारत भैषज्य रत्नाकर में “मस्कमृगांक रस” के नाम से वर्णित किया गया है | मुख्यतः यह प्रमेह रोगों में उपयोगी है | स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए इसका उपयोग किया जाता है | श्वेत प्रदर, शीघ्रपतन, शुक्रमेह एवं स्वपन दोष जैसे रोगों में स्वर्णबंग बहुत ही फायदेमंद औषधि है | यह सभी प्रकार के प्रमेह रोगों में असरदार दवा है |
अब जानते हैं इसके घटक द्रव्यों एवं बनाने की विधि के बारे में |
स्वर्ण बंग में निम्न घटक द्रव्यों का उपयोग किया जाता है :-
- शुद्ध बंग – चार तोला
- नौसादर – दो तोला
- शुद्ध पारद – दो तोला
- कल्मी शोरा – दो माशा
- शुद्ध गंधक – दो तोला
आइये अब जानते हैं स्वर्ण बंग को कैसे बनाते हैं ?
इस उत्तम एवं गुणकारी औषधि को बनाने के लिए निम्न विधि का इस्तेमाल किया जाता है :-
- सबसे पहले लौहे के कड़ाही में शुद्ध बंग डाल कर उसे पिघला लें |
- ध्यान रखें इसे धीमी आंच पर पिघलाएं नहीं तो बंग जल कर काला पड़ जायेगा |
- अब इसे खरल में डाल कर इसमें पारा मिला कर अच्छे से घोंट लें |
- जब यह पूरी तरह घुट जाएगा तो पिट्टी के जैसे हो जाएगा |
- इस पिट्ठी को अब निम्बू के रस में सेंधा नमक मिला कर दो दिन तक खरल करें |
- फिर इसको अच्छे से साफ पानी से धो लें |
- अब इस पिट्ठी को धुप में सुखा लें |
- जब यह सुख जाये तो इसमें शुद्ध गंधक मिला कर कज्जली बना लें |
- अब इसमें नौसादर एवं शोरा भी मिला दें |
- इसकी अब बहुत महीन कज्जली बना लें |
- इस कज्जली को अब आतशी शीशी में डाल कर बालुका यन्त्र में 12 घंटे तक आंच दें |
- जब शीशी के मुंह से धुंवा निकलना बंद हो जाये तो शीशी को निकाल कर इसको ठंडा होने दें |
- जब ये ठंडा हो जाये तो शीशी को तोड़ कर इसमें से स्वर्णबंग को निकाल लें |
स्वर्ण बंग का सेवन एवं अनुपान कैसे करें ? Swarn Bang Uses in Hindi
स्वर्णबंग अनेकों रोगों की असरदार दवा है | सामान्यतः इसका एक से दो रत्ती (250 मिलीग्राम) की मात्रा में मक्खन या मलाई के साथ सेवन कर सकते हैं |
इसका रोगानुसार सेवन निम्न प्रकार करें :-
- श्वेतप्रदर में :- सुवर्ण बंग (एक रत्ती), यशद भस्म (एक रत्ती) एवं जटामांसी चूर्ण एक माशा सेवन करें |
- शुक्रमेह में :- स्वर्ण बंग एक रत्ती, यशद भस्म आधी रत्ती एवं 4 रत्ती इलायची चूर्ण मिला कर सेवन करें | इससे पुराने से पुराने शुक्र स्राव की समस्या ख़त्म हो जाती है |
- सुजाक में :- इसे शीतल चीनी में मिला कर दूध की लस्सी या ठन्डे पानी के साथ सेवन करें |
- प्रमेह में :- कच्ची हल्दी के रस की साथ एक रत्ती स्वर बंग (Swarn Bang) मिला कर दे |
- स्वप्नदोष में :- प्रवालचन्द्र पुटी एक रत्ती एवं स्वर्णबंग एक रत्ती एवं एक माशा शीतल चीनी चूर्ण को मिला कर शहद के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है |
- यौन शक्ति के लिए स्वर्णबंग (एक रत्ती) को यशद भस्म एवं शतावरी चूर्ण के साथ मिलाकर गाय के दूध के साथ सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है |
- वीर्य की कमी दूर करने के लिए इसे सेमलकंद के चूर्ण में मिला दूध के साथ सेवन करें |
जानें स्वर्णबंग के उपयोग एवं फायदे / Swarn Bang uses and Benefits in hindi
यह शीतवीर्य वाला रसायन है | अतः इसके सेवन से शीघ्रपतन एवं स्वप्नदोष जैसी समस्याओं में बहुत फायदा होता है | यह स्त्रियों के लिए श्वेत प्रदर की भी अत्यंत कारगर दवा है | यह सभी प्रकार के प्रमेह में उपयोगी , बलदायक एवं नेत्रों के लिए फायदेमंद औषधि है | आइये जानते हैं यह किन किन रोगों में फायदेमंद है :-
- यह वीर्य विकारों को बहुत जल्दी ठीक कर देता है |
- वीर्य की कमी एवं पतलेपन से आई यौन कमजोरी में इसका सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है |
- शीघ्रपतन की समस्या में इसका सेवन पथ्य अपथ्य के साथ करने से बहुत लाभ मिलता है |
- यह श्वेत प्रदर में भी फायदेमंद है |
- इसका सेवन नेत्रों के लिए गुणकारी है |
- स्वर्ण बंग का विशेष प्रभाव मूत्र पिंड, शुक्रवाहिनी एवं वीर्य वाहिनी नाड़ियो पर होता है |
- यह पुरुष एवं स्त्री दोनों के प्रजनन अंगो को बल देता है |
- इसके सेवन से कामवासना का संचार होता है एवं यौन शक्ति बढती है |
- यह वीर्य को पुष्ट करके शरीर को बलवान एवं फुर्तीला बनाता है |
- सुजाक रोग के कारण उत्पन्न नपुंसकता में इसका सेवन करने से शीघ्र फायदा होता है |
- Swarn bang Benefits in hindi में इसके श्वास एवं पुराने कास (खांसी) की समस्या में फायदे भी प्रमुख हैं |
- श्वेतप्रदर के कारण उत्पन्न क्षय रोग में इसका सेवन बहुत लाभदायक है |
- रक्त – रसादि की कमी के कारण शरीर सुख गया हो तो इसका सेवन करने से मोटा हो जाता है |
- इसके सेवन से मेदोविकर नष्ट हो जाते हैं |
- यह शुक्र धातु की उत्पति करता है |
स्वर्णबंग के नुकसान / swarn bang side effects in hindi
सुवर्णराज वंगेश्वर (स्वर्ण बंग) एक अत्यंत उपयोगी एवं सुरक्षित औषधि है | सामान्यतः इसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव (No Known Side Effets) नहीं हैं | चिकित्सक के द्वारा बताये गए अनुसार एवं पथ्य के साथ सेवन करने से यह दवा बहुत ही गुणकारी है | आप इसका सेवन रोगानुसार एवं चिकित्सक के दिशा निर्देशों पर ही करें |
Baidyanath Swarn bang Uses and Benefits in Hindi, Buy online
आयुर्वेद दवा निर्माता कंपनियों में Baidyanath बहुत ही प्रतिष्ठित कंपनी है | इसके उत्पाद विश्वसनीय होते हैं | आइये जानते हैं बैद्यनाथ के इस उत्पाद के बारे में :-
Baidyanath Swarn Bang (सुवर्णराज वंगेश्वर) :-
- Quantity (मात्रा) – 2.5 ग्राम
- Price (कीमत) – 89 रुपए
- Uses and Benefits – मूत्र विकार, वीर्य विकार, रजो विकार, शीघ्रपतन, श्वेतप्रदर
- Side Effects – No Known Side Effects (कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं)
स्वर्ण बंग के बारे में यहाँ पर दी गयी जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करके जरुर बताएं | आप हमारी कमियों को भी उजागर कर सकते हैं |
धन्यवाद |
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