वीर्य बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा : इस लेख में हम वीर्य (Semen) बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा एव उपचार के बारे में बतायेंगे | लेकिन पहले ये जान लेना जरुरी है की वीर्य की कमी से क्या क्या परेशानियाँ हो सकती हैं एवं इसके क्या कारण हैं | दोस्तों पुरुषों में बाँझपन का सबसे बड़ा कारण है वीर्य की कमी (Virya ki Kami) होना या शुक्र दोष |
शुक्राणु या वीर्य के कम हो जाने या पतलापन (Watery Sperm) के कारण शुक्राणुओं की कमी हो जाती है एवं पुरुष की प्रजनन क्षमता पर इसका सीधा सीधा असर पड़ता है | वीर्य बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में जानें :-
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वीर्य बढाने की आयुर्वेदिक दवा / Virya Badhane ki ayurvedic tablet
दोस्तों, वीर्य की कमी के कारण पुरुष कमजोर यौन शक्ति एवं शीघ्रपतन से भी ग्रसित हो जाता है | वीर्य बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा से इस कमी को दूर किया जा सकता है | अगर वीर्य पतला हो तो संभोग के समय जल्दी स्खलन हो जाता है | इससे यौन क्रिया में आनंद की अनुभूति ना के बराबर होती है एवं पुरुष अपनी महिला साथी के सामने शर्मिंदा महसूस करता है |
यौन कमजोरियां सीधे सीधे आपके वैवाहिक जीवन में तनाव पैदा करती हैं | इसलिए जरुरी है की समय रहते वीर्य (Virya Badhane ki Tablet) को बढाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करके इस समस्या से निजात पा लें |
वीर्य की कमी एवं पतलापन निम्न कारणों से हो सकता है :-
- शराब का अत्याधिक सेवन करना |
- तम्बाखू एवं धुम्रपान |
- असंतुलित एवं दूषित आहार |
- मोटापा |
- किसी दवा का दुष्प्रभाव |
- Testosterone हार्मोन का निम्न स्तर |
- तनावपूर्ण दिनचर्या |
- अत्याधिक हस्तमैथुन |
वीर्य बढाने की दवा एवं पारम्परिक उपचार / Virya Badhane ki Tablet
आयुर्वेदानुसार शुक्रदोष पुरुषों में बाँझपन का एक बड़ा कारण है | WHO (World Health Organization) के अनुसार प्रत्येक मिलीलीटर वीर्य में अगर शुक्राणुओं की संख्या 1500 लाख से कम है तो इसे वीर्य की कमी या शुक्राणुओं की कमी कह सकते हैं | अगर आपमें वीर्य की कमी है एवं आप वीर्य को बढ़ाना चाहते हैं तो निचे बतायी गयी वीर्य बढाने की दवा का उपयोग कर सकते हैं |
वीर्य बढाने की दवा – चंद्रप्रभा वटी / Virya Badhane ki Tablet Chandraprabha Vati
आयुर्वेद चिकित्सा में चंद्रप्रभा वटी को उत्तम रसायन औषधि माना जाता है | मूत्र विकारों एवं शुक्रदोषों के लिए यह एक चमत्कारिक आयुर्वेदिक वटी है | इसके सेवन से शरीर में कान्ति और बल की व्रद्धी होती है | आयुर्वेदिक चिकित्सक चंद्रप्रभा वटी को मूत्र विकारों एवं वीर्य दोषों की सबसे उत्तम औषधि मानते है |
चंद्रप्रभा वटी का निर्माण 35 प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों के सहयोग से किया जाता है | वीर्य विकार, पतलापन, वीर्य की कमी, मर्दाना कमजोरी और मधुमेह जैसे रोगों में यह बल्य, वृष्य और रसायन रूप में उपयोगी होती है | इसमें निम्न जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है जो इसे सबसे कारगर वीर्य बढाने की दवा बनाती हैं |
- चन्द्रप्रभा, वचा, मुस्ता, भूनिम्ब, गुडूची – 3 ग्राम
- देवदारु, हरिद्रा, अतिविषा, दारूहरिद्रा, पिप्पलीमूल, चित्रक – 3 ग्राम
- धान्यक, हरीतकी, विभितकी, आमलकी, चव्य, विडंग – 3 ग्राम
- गज्जपिप्पली, त्रिकटु, माक्षिक भस्म, सज्जीक्षार , यवक्षार, सैन्धव लवण – 3 ग्राम
- विडलवण, सौवर्चलवण, त्रिवृत, दंती, पत्रक – 3 ग्राम
- त्वक, इलायची, वंशलोचन, लौहभस्म, शर्करा – 12 ग्राम
- शिलाजीत, गुग्गुलु – 96 ग्राम
वीर्य बढाने की अन्य 5 आयुर्वेदिक दवाओं के नाम / Virya Badhane ki 5 Best ayurvedic Medicine
आयुर्वेद में वाजीकरण शाखा इसी विषय के बारे में है | वाजीकरण में उन दवाओं एवं उपचार के तौर तरीकों के बारे में बताया गया है जो प्रजनन प्रणाली में सुधार करती हैं एवं कामशक्ति बढ़ाती हैं | यहाँ पर हम ऐसी ही 5 आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में बतायेंगे जो वीर्य बढ़ाने में बहुत कारगर मानी जाती हैं |
१. कामसुधा योग :- यह पुर्णतः वाजीकरण सिद्धांतो पर आधारित औषधि है | वीर्य बढाने वाली इस दवा में 21 कामशक्ति बढ़ाने वाली जड़ी बूटियों का उपयोग किया गया है | पथ्य अपथ्य के साथ निरंतर सेवन करने से किसी भी तरह की यौन कमजोरी में इस दवा से आशातीत लाभ देखने को मिलता है |
२. शिलाप्रवांग वटी :- यह प्रशिद्ध कामोत्तेजक औषधि है | इसके सेवन से वीर्य की गुणवता एवं मात्रा दोनों में वृद्धि होती है | इसमें शुद्ध शिलाजीत, प्रवाल पिष्टी एवं वंग भस्म जैसी औषधियों का उपयोग किया जाता है | वीर्य बढाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है |
३. त्रिवंग भस्म :- यह भस्म तीन धातुओं सीसा (नाग), वंग एवं जस्ता के मिश्रण से बनाई जाती है | तीन धातुओं के मिश्रण के कारण इसे त्रिवंग भस्म बोला जाता है | यह वीर्य वर्धक, स्त्रीरोग हर एवं मधुमेह जैसे रोगों में बहुत गुणकारी औषधि का काम करती है |
४. स्वर्ण बंग :- यह एक आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त औषधि है जिसको भारत भैषज्य रत्नाकर में “मस्कमृगांक रस” के नाम से वर्णित किया गया है | यह वीर्य बढाने के लिए उत्तम आयुर्वेदिक दवा है | इसके अलावा श्वेत प्रदर, शीघ्रपतन, शुक्रमेह एवं स्वपन दोष जैसे रोगों में स्वर्णबंग बहुत ही फायदेमंद औषधि है |
५. शक्र वल्लभ रस :- शक्र वल्लभ रस (Shakra Vallabh Ras) पुरुषों में यौन समस्याओं के लिए एक विश्वसनीय आयुर्वेदिक दवा है | इसका उपयोग करने से वीर्य की कमी, शीघ्रपतन, नपुंसकता, धातु दुर्बलता एवं स्वपनदोष जैसी समस्या जड़ से ख़त्म हो जाती हैं |
वीर्य बढाने के लिए आसन घरेलु नुश्खे – Virya Badhane ke Gharelu Nushkhe
शुक्रदोष का एक मुख्य कारण अपौष्टिक खान पान भी है | यहाँ पर हम कुछ ऐसे खाध्य पदार्थ एवं नुस्खे बताएँगे जिनका उपयोग करके आप आसानी से वीर्य की कमी को दूर कर सकते हैं | वीर्य बढाने के लिए इन घरेलु नुश्खो को अपनाएं :-
- मखाना की खीर का सेवन करें |
- रोजाना २-३ खजूर खाएं |
- उड़द की दाल भी वीर्य बढाने एवं इसे गाढ़ा करने के लिए बहुत फायदेमंद होती है |
- सर्दियों में गोखरू के लड्डू बना कर खाएं ये कामशक्ति एवं वीर्य बढ़ाने के लिए अत्यंत उपयोगी है |
- रोजाना दूध का सेवन करें यह उत्तम वाजीकर होता है |
- पिस्ता, अखरोट, किशमिश एवं बादाम जैसे मेवों का सेवन करें |
- गन्ना, अन्नानास एवं पका हुवा आम धातु वर्धक माने जाते हैं इनके सेवन से वीर्य बढ़ता है |
- दही (ताजा) एवं दही से बनी चीजों का सेवन करें |
- छुहारा, जामुन एवं ग्वारपाठा भी वीर्य बढ़ाने में उपयोगी हैं |
वीर्य की कमी से बचने के उपाय – Virya ki kami se bachane ke upay
व्यक्ति अगर पुर्णतः स्वस्थ है एवं वह उचित खान पान का सेवन कर रहा है तो प्रयाप्त मात्रा में वीर्य का निर्माण होता रहता है | यहाँ पर हम कुछ ऐसी आदतों एवं जीवनचर्या के बारे में बतायेंगे जिनको अपनाकर शुक्रक्षय (शुक्राणुओं का नष्ट होना) एवं यौन कमजोरियों से बचा जा सकता है |
- रोजाना व्यायाम करें |
- मूत्रवेग धारण ना करें यानि पेशाब करते समय रुक रुक कर पेशाब करना चाहिए |
- अश्लील चलचित्रों को देखने की आदत से बचें |
- अच्छी नींद लें | जल्दी सोना एवं जल्दी उठने की आदत को अपनाएं |
- अत्याधिक हस्तमैथुन न करें |
- शराब का सेवन करने से बचें |
- धुम्रपान न करें |
- पौष्टिक खाद्य पदार्थों एवं फलों का सेवन करें |
- अधिक गर्म पानी से न नहायें |
- खट्टी एवं चटपटी चीजों का कम सेवन करें |
- तनाव एवं चिंता से बचें और स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं |
वीर्य बढाने के लिए योगासन – Virya Badhane vale Yogasan
योग एवं प्राणायाम स्वस्थ एवं सुखी जीवन जीने का सबसे आसन तरीका है | अगर हम अपनी दिनचर्या में योग एवं प्राणायाम को अपनाते हैं एवं पथ्य अपथ्य के अनुसार भोजन करें तो किसी भी प्रकार का रोग होने की संभावना बहुत कम हो जाती है | वीर्य की कमी दूर करने एवं शुक्राणु बढाने के लिए आप निम्न योगासन करें :-
- अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardh Matsyendrasan)
- गरुडासन (Garudasan)
- उत्तानपादासन (Uttanpadasan)
- धनुरासन (Dhanurasan)
- सुखासन (Sukhasan)
References:-
- WHO(World health organization) – Value of sperm characteristics
- What causes watery semen, does it affect fertility (Medical News Today)
- NCBI (Ayurvedic Management of Shukra dosh)
यहाँ पर दी गयी जानकारी शैक्षिण है | किसी भी दवा का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें | धन्यवाद !
Virya badsne ki ayaurvedic dava
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great ayurvedic information
Very ki kAmi hai
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Hi
6005282676