बाँझपन या बंध्यता वो स्थिति है जिसमें स्त्री पुरुष दोनों मिल के संतान उत्पति करने में असमर्थ होते हैं | इसे अंग्रेजी में sterility या infertility भी कहते हैं | यह समस्या स्त्री एवं पुरुष दोनों के कारण हो सकती है | बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज जानने के साथ हम इसके कारण, लक्षण, प्रभाव के बारे में भी चर्चा करेंगे | Ayurvedic treatment for infertility in hindi में आप उन सभी आयुर्वेदिक दवाओं एवं उपचार के बारे में जानेंगे जिनका उपयोग बाँझपन के इलाज में किया जाता है |
बाँझपन दो प्रकार का होता है :-
- मर्दाना बाँझपन (Male sterility) :- जब बाँझपन का कारण पुरुष में शुक्र विकार या कमजोर मैथुन शक्ति होती है |
- जनाना बाँझपन (Female sterility) :- यह स्त्री में गर्भ विकार या अन्य कारण से गर्भधारण नहीं हो पाने की स्थिति के कारण होता है |
इस लेख में हम इन दोनों तरह के बाँझपन के आयुर्वेदिक इलाज, घरेलु उपाय एवं पथ्य अपथ्य के बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे |
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बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज क्या है ? / Ayurvedic treatment for infertility in hindi
आयुर्वेद में कहा गया है रोग का निदान करने से पहले उसके कारण और प्रकृति के बारे में जान लेना बहुत जरुरी है | जिससे उचित दवा का चयन किया जा सके एवं रोग को बिना किसी दुष्प्रभाव के ठीक किया जा सके | पुरुषों में बाँझपन जननेंद्रियों के उचित विकास नहीं होने, शुक्र कमजोर होने से, शुक्रवाहिनी नलिका में अवरोध होने आदि कारणों से हो सकती है इसलिए Ayurvedic treatment for infertility in hindi के बारे में जानने से पहले इन कारणों का पता लगाना जरुरी होता है |
ऐसे ही महिलाओं में भी बाँझपन की आयुर्वेदिक दवा एवं इलाज का निर्धारण उसका कारण जान कर ही करना चाहिए | आइये अब जानते हैं पुरुषों एवं महिलाओं के लिए बाँझपन की आयुर्वेदिक दवा एवं इलाज के बारे में :-
पुरुषों में बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज / Ayurvedic treatment for infertility in male (Hindi)
पुरुषों में बाँझपन का मुख्य कारण यौन कमजोरी एवं शुक्र विकार होते हैं | युवावस्था में गलत दिनचर्या एवं आदतों के कारण यह स्थिति पैदा होती है | कभी कभी शुक्राणु बनते नहीं है या वो इतने कमजोर होते हैं की गर्भधारण की स्थिति में नहीं होते | इसके अलावा यौन कमजोरी जैसे नपुंसकता, लिंग का प्रयाप्त विकास नहीं होना आदि कारणों से भी यह समस्या हो जाती है |
ऐसे में आयुर्वेदिक दवा एवं इलाज से बाँझपन को दूर किया जा सकता है | पुरुषों में बाँझपन के लिए निम्न आयुर्वेदिक दवा एवं इलाज उपलब्ध है :-
नपुंसकता के कारण बाँझपन हो तो :-
- मकरध्वज वटी
- कामसुधा योग
- मूसली पाक
- कौंच पाक
- स्तंभनकारी योग
इन सभी दवाओं का उपयोग चिकित्सक की सलाह से पथ्य अपथ्य के साथ करने पर नपुंसकता को दूर किया जा सकता है | यह कमजोरी दूर होने पर पुरुष यौन संबंध बनाने में समर्थ हो जाता है एवं संतानोत्पति में आने वाली बाधा दूर हो जाती है |
शुक्रदोष के कारण पुरुषों में बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज एवं दवा
शुक्राणुओं की कमी होना एवं शुक्र विकार होना पुरुषो में बांझपन का प्रमुख कारण है | इन सभी का इलाज आयुर्वेद दवा से आसानी से किया जा सकता है |
- शक्रवल्लभ रस
- वीर्यशोधन चूर्ण
- विदार्यादि चूर्ण
- धातुपौष्टिक चूर्ण
- धात्री रसायन
कामेच्छा में कमी के कारण बांझपन आयुर्वेदिक इलाज क्या है ?
- कामाग्नि संदीपन रस
- कामदेव चूर्ण
- कामसुधा योग
- वंगेश्वर रस
- कामदेव घृत
- कामेश्वर मोदक
पुरुषों में कामेच्छा की कमी होने पर वह यौन संबंध बनाने के लिए उत्तेजित नहीं हो पाता या उसके लिंग में उत्तेजना नहीं आती | इस कारण से वह यौन संबंध बनाने में असमर्थ होता है जिससे संतान उत्पति नहीं कर पाता | इसके लिए निम्न आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जाता है :-
पुरुषों में बाँझपन दूर करने के कुछ घरेलु उपाय / Home remedies for male infertility in hindi
अधिकतर पुरुषों में बाँझपन शुक्र दोषों एवं यौन कमजोरी के कारण होता है | इस समस्या में कुछ कारगर घरेलु उपाय प्रयोग किये जा सकते हैं | निम्न घरेलु नुश्खे अपनाकर शुक्र दोष दूर किए जा सकते हैं :-
- वीर्य की कमी होने पर मखाना की खीर बना के खाने से बहुत लाभ होता है |
- गोंद के लड्डू मर्दाना ताक़त बढाने के लिए बहुत उपयोगी है | यौन कमजोरी होने पर इनका उपयोग करना चाहिए |
- शुक्र दोष होने पर विदारीकन्द, गोखरू, सफ़ेद मूसली, अश्वगंधा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना कर दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है |
- शुक्राणुओं की कमी के कारण बाँझपन हो तो गोखरू, कौंच बीज चूर्ण, शतावरी, विदारीकन्द को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना कर सेवन करने से लाभ होता है |
महिला बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज / Ayurvedic treatment for infertility in female (Hindi)
पुरुषों की तरह स्त्रियों में भी बाँझपन के अनेको कारण हैं | इसमें योनि का पुर्णतः विकसित न होना, गर्भाशय की कमजोरी, गर्भाशय अविकसित होना, मासिक धर्म में अनियमितता, PCOD जैसे रोग, बच्चेदानी में गांठ या अन्य प्रकार के विकार प्रमुख हैं | इन सभी कारणों के कारण स्त्री गर्भधारण करने में असमर्थ होती है | इस तरह की बांझपन को दूर करने का आयुर्वेदिक इलाज और दवा इन कारणों पर निर्भर करता है |
बाँझपन दूर करने में उपयोगी शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधियां :-
निम्न दवाओं का उपयोग बाँझपन के आयुर्वेदिक इलाज के लिए किया जाता है :-
- स्त्री व्याधिहर रसायन
- वृहत फलघृत
- शतावरी घृत
- अशोकारिष्ट (मासिक धर्म के विकारो के लिए)
- हिंग्वाष्टक चूर्ण
- लक्ष्मणा लौह
- शुभ्रा भस्म
- सुपारी पाक
- गर्भविलास तेल
प्रदर रोगों के कारण महिला बाँझपन को दूर करने का आयुर्वेदिक इलाज
महिलाओं में प्रदर एवं पुरुषों में प्रमेह रोग बहुत हानिकारक व्याधियां हैं | इनके कारण शरीर जर्जर हो जाता है एवं कमजोरी आ जाती है | जिस महिला को प्रदर रोग होता है वह संतान उत्पन्न करने में असमर्थ हो जाती है | ऐसे में उसे पहले प्रदर नाशक दवाएं सेवन करा के बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है |
- प्रदर नाशक चूर्ण
- पुष्यनुग चूर्ण
- बोल पर्पटी
- प्रदरान्तक लौह
- सोमनाथ रस
- प्रदरान्तक रस
- अशोकारिष्ट
- रजः प्रवर्तनी वटी
गर्भाशय की कमजोरी को दूर कर बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज
गर्भाशय की कमजोरी महिलाओं में बाँझपन का एक बड़ा कारण है | गर्भाशय में विकार होने पर गर्भधारण में दिक्कत आती है एवं कई बार गर्भधारण के बाद गर्भपात हो जाता है | ऐसे में निम्न दवाओं का उपयोग किया जाता है :-
- गर्भपाल रस
- गर्भविनोद रस
- शुभ्रा भस्म
- रजः प्रवर्तनी वटी
- सौभाग्यशुंठी पाक
महिला बाँझपन दूर करने के घरेलु उपाय
- नागकेशर और चिकनी सुपारी को समान मात्रा में लेकर महीन चूर्ण बना लें इस चूर्ण को तीन से छ ग्राम मात्रा में मासिक धर्म के बाद 16 दिनों तक रोज गाय के दूध के साथ सेवन करायें |
- असगंध की जड़ के साथ चांदी भस्म गाय के दूध के साथ पीस कर खाने से बाँझपन दूर होता है |
- ढाक का पता १ नग दूध के साथ पीस क्र गर्भवती स्त्री को सेवन कराने से गर्भ की रक्षा होती है |
- शतावरी चूर्ण 5 ग्राम 100 ml दूध में पका कर मिश्री मिलाकर सुबह शाम 3 सप्ताह तक सेवन करने से गर्भ ठहर जाता है |
- बबूल का गोंद 36 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 12 ग्राम, नागौरी असगंध, शतावरी, 60 ग्राम प्रत्येक लेकर महीन चूर्ण बना सुबह शाम गाय के दूध के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है |
सवाल जवाब | Frequently asked questions
बाँझपन का आयुर्वेदिक इलाज क्या है ?
इसमें बांझपन के कारण के अनुसार दवा एवं चिकित्सा की जाती है |
पुरुषों में बांझपन का क्या कारण है ?
अविकसित जननांग, शुक्र दोष, नपुंसकता आदि |
महिला बाँझपन का क्या कारण है ?
योनि का प्रयाप्त विकास न होना, गर्भाशय की कमजोरी, मासिक धर्म में अनियमितता आदि |
बांझपन की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौनसी है ?
गर्भपाल रस, सुपारी पाक, कामसुधा योग (पुरुषों के लिए), शतावरी घृत, लक्ष्मणा लौह आदि |
धन्यवाद ||
References :-
- Ayurvedic management of female infertility due to tubal blockage
- Role of Nasya and Matra Basti with Narayana Taila on anovulatory factor
- Clinical efficacy of Ayurveda treatment regimen on Subfertility with Poly Cystic Ovarian Syndrome (PCOS)
- Ayurvedic management of necrozoospermia – A case report