बोल पर्पटी रक्तपित्त, रक्तप्रदर एवं खुनी बवासीर जैसी समस्याओं की प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है | यह पर्पटी प्रकरण की दवा है जिसमे प्रधान द्रव्य बोल (हिरादोखी) होता है | यह औषधि महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए हितकारी है | रक्तपित्त की समस्या में तो इससे शीघ्र लाभ होता है | आइये जानते हैं इसके बारे में :-
औषधि का नाम | बोल पर्पटी |
औषधि का प्रकार | पर्पटी |
गुण | रक्तदोष नाशक, स्राव रोधी, गर्भाशय पुष्ट करने वाली |
उपयोग | रक्तपित्त, खुनी बवासीर, रक्त प्रदर, यकृत वृद्धि |
सेवन कैसे करें | दो से तीन रत्ती शहद या मक्खन से / चिकित्सक की सलाह लेकर |
प्रधान द्रव्य/ मुख्य घटक | बोल (हिरादोखी) |
सेवनकाल / समयावधि | एक महिना चिकित्सक की सलाह से |
विशेष प्रभाव | रक्तवाहक नाड़ीयो को संकुचित करता है | |
दुष्प्रभाव | कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं |
सावधानियां | रोगानुसार सेवन करें |
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बोल पर्पटी क्या है / What is Bol parpati ?
आयुर्वेद में औषधियां अनेकों प्रकार की होती हैं जैसे गुग्गुलु, रस रसायन, वती, अर्क, पाक अवलेह, पर्पटी आदि | इनमें से पर्पटी प्रकरण की औषधियां उदर एवं आन्त्रिक विकारों में बहुत उपयोगी मणि जाती हैं | बोल पर्पटी भी पर्पटी परिकल्पना की औषधि है यह रक्तदोष से होने वाले रोगों की प्रसिद्ध दवा है एवं गर्भाशय के लिए भी लाभदायक है | यह दो प्रकार से बनती है, एक सामान्य बोल पर्पटी और दूसरी कृष्ण बोल पर्पटी जो गर्भाशय के लिए उत्तम होती है |
घटक द्रव्य या जड़ी बूटियां / Contents of Bol parpati
इस आयुर्वेदिक औषधि को बनाने के लिए निम्न द्रव्यों की आवश्यकता होती है :-
- शुद्ध पारा
- बोल (हिरादोखी)
- गंधक (शोधित)
बोल पर्पटी बनाने की विधि / Preparation of Bol Parpati
इस औषधि को बनाने के लिए सबसे पहले पारा और गंधक की कज्जली बनाई जाती है | इसके बाद बोल का महीन चूर्ण मिला लिया जाता है | इसके बाद इस मिश्रण को घोट कर पर्पटी विधि से पर्पटी बना ली जाती है |
बोल पर्पटी के औषधीय गुण / Medicinal uses of bol parpati
- रक्तदोष नाशक
- स्राव रोधी
- गर्भाशय बलकारक
सेवन की विधि एवं अनुपान की जानकारी / How to use Bol parpati
इसकी दो से तीन रत्ती मात्रा का सेवन शहद, मिश्री या मक्खन के साथ दिन में दो बार करना चाहिए | ध्यान रखें चिकित्सक की सलाह से रोगानुसार ही इसका सेवन करें |
बोल पर्पटी के फायदे एवं उपयोग / Bol parpati benefits and uses
पर्पटी परिकल्पना की औषधियों का मुख्य उपयोग गृहणी, अतिसार जैसे आन्त्रिक विकारों में किया जाता है | लेकिन बोल पर्पटी में हिरादोखी एवं एलुवा के गुणों के कारण इसका उपयोग रक्तस्राव रोकने के लिए अधिक किया जाता है | यह रक्तपित्त, रक्तप्रदर, खुनी बवासीर एवं गर्भाशय के विकारों में अधिक उपयोगी है | आइये जानते हैं रोगानुसार इसके फायदे एवं उपयोग :-
नाक से खून बहने की समस्या में फायदेमंद है बोल पर्पटी :-
रक्तपित्त की समस्या में नाक से खून बहने की दिक्कत बहुत होती है | इस समस्या में यह पर्पटी अत्यंत गुणकारी औषधि है | क्योंकि इसमें रक्तपित्त नाशक गुण होते हैं | इसके सेवन से नाक से होने वाला रक्त स्राव बंद हो जाता है |
महिलाओं के लिए उपयोगी है इस पर्पटी का सेवन करना
बहुत सी महिलाओं में गर्भाशय एवं यौन विकार के कारण रक्तप्रदर, गर्भस्राव जैसी समस्या देखने को मिलती है | इस समस्या में यह पर्पटी बहुत उपयोगी सिद्ध होती है | इस पर्पटी का सेवन करने से रक्तवाहक नाड़ियां संकुचित होती हैं जिससे रक्त स्राव बंद हो जाता है |
खुनी बवासीर में फायदेमंद है यह पर्पटी
बवासीर बहुत पीडादायी रोग है | खुनी बवासीर में गुदा मार्ग से खून आता है एवं बहुत तेज दर्द होता है | इस समस्या में यह पर्पटी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है | इसके सेवन से खून आना बंद हो जाता है |
प्रसूता के लिए भी लाभदायक है बोल पर्पटी
प्रसव के बाद दूषित रक्त का निकलना बहुत आवश्यक होता है | कभी कभी प्रसव के बाद यह रक्त नहीं निकल पाता है | इसके लिए यह पर्पटी का उपयोग करना लाभकारी होता है | इसके सेवन से दूषित रक्त बाहर निकलकर रक्त स्राव स्वयं बंद हो जाता है |
बोल पर्पटी के नुकसान एवं सावधानियां / Bol parpati side effects
यह औषधि रक्त शोधन के लिए अत्यंत गुणकारी है | इसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं | रोगानुसार एवं चिकित्सक के बताये अनुसार इसका सेवन करने पर किसी तरह का नुकसान नहीं होता है |
धन्यवाद ||
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