धात्री रसायन (अनोशदारू) : फायदे, घटक द्रव्य एवं बनाने की विधि

धात्री रसायन को अनोशदारू के नाम से भी जाना जाता है | यह अत्यंत पौष्टिक, वाजीकारक, वीर्य वर्धक एवं आमाशय व हृदय को बल देने वाला है | किसी कारणवश शरीर कमजोर पड़ हो गया, मानसिक या शारीरिक दुर्बलता हो यह रसायन बहुत लाभ देता है | यह सप्तधातुओं की वृद्धि करता है |

धात्री रसायन क्या है / What is dhatri rasayan ?

यह अवलेह प्रकरण की आयुर्वेदिक औषधि है | इसे धात्री अवलेह भी बोला जाता है | शरीर में बल एवं वीर्य की वृद्धि करने वाला यह रसायन अनेकों रोगों में उपयोगी एवं गुणकारी औषधि का काम करता है | इसमें सफेद चंदन, जटामांसी, अगर, आंवला एवं स्वर्ण वर्क जैसे अवयवों का उपयोग किया जाता है |

धात्री रसायन के घटक द्रव्य / Dhatri rasayan ingredients

इस अवलेह में निम्न घटक द्रव्यों का उपयोग होता है |

  • आंवला, नागरमोथा
  • छोटी इलायची, बड़ी इलायची
  • अगर, तगर
  • जटामांसी, सफेद चंदन
  • वंशलोचन, रूमी मस्तगी
  • जायफल, जावित्री
  • केशर, तेजपात
  • तालिसपत्र, लौंग
  • गुलाब के फूल, धनियां
  • काला जीरा, कपूरकर्चरी
  • दालचीनी, अवरेशम
  • बिजौरा निम्बू के छिलके
  • चांदीवर्क, स्वर्ण वर्क

धात्री अवलेह (रसायन) बनाने की विधि / Dhatri rasayan kaise banaye

इस रसायन को बनाने के लिए निम्न विधि का उपयोग किया जाता है |

  • ताजे हरे आंवले 24 घंटे के लिए गो दुग्ध में भिगो दें |
  • अब इन आँवलो को अच्छे से उबाल लें और गुठली को निकाल लें |
  • आँवलों को मसल कर पिट्ठी बना लें |
  • इस पिट्ठी को गोघृत में पका लें |
  • अब लच्छेदार चाशनी बना लें |
  • सभी जड़ी बूटियों का महीन चूर्ण बना लें |
  • इस चूर्ण को आँवले के पाक में मिला लें और धीमी आंच पर कुछ देर घोंटे |
  • अब इसमें चाँदी वर्क और स्वर्ण वर्क मिला इसे सुरक्षित पात्र में रख लें |

धात्री रसायन का सेवन कैसे करें / How to use Dhatri Rasayan ?

इसकी एक चम्मच सुबह शाम भोजन से पहले गो दुग्ध के साथ सेवन करें या सोने से आधा घंटा पूर्व सेवन करें |

धात्री अवलेह

धात्री रसायन (अवलेह) के फायदे / dhatri rasayan benefits and uses

अवलेह और पाक पौष्टिक एवं बलवर्धक होते हैं | धात्री रसायन शरीर को हष्ट पुष्ट करने वाला एवं वीर्य बढाने वाला रसायन है | उन पुरुषों को जिनका वीर्य कम बनता है या वीर्य में पतलापन है उन्हें इस रसायन का उपयोग जरुर करना चाहिए | यह पाचक और दीपक भी है, इसके सेवन से सभी धातुओं की वृद्धि होती है | आइये जानते हैं धात्री अवलेह के फायदे एवं उपयोग :-

  • यह बल वर्धक एवं पौष्टिक रसायन है |
  • धात्री रसायन एक वाजीकारक औषधि है |
  • इसके सेवन से वीर्य बढ़ता है |
  • यह आमाशय एवं हृदय को बल देता है |
  • जठराग्नि को बढाता है एवं पाचन मजबूत करता है |
  • ज्वर एवं जीर्ण ज्वर में भी फायदेमंद है |
  • इसके सेवन से ज्वर के बाद आयी कमजोरी दूर होती है |
  • किसी भी रोग के कारण आयी शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी धात्री अवलेह के सेवन से दूर होती है |
  • फेफड़ो की कमजोरी इस रसायन के सेवन से दूर हो जाती है |
  • यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत है इसके सेवन से विटामिन सी की कमी दूर होती है |
  • खाया पिया न लगता हो वजन घट रहा हो तो धात्री रसायन का सेवन करना चाहिए |

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सन्दर्भ / reference :-

Evaluation of Dhatri Avaleha as adjuvant therapy in Thalassemia (Anukta Vyadhi in Ayurveda)

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