शर्बत (Sharbat) : सभी प्रकार के शर्बत के घटक, बनाने की विधि एवं फायदे

शर्बत (शरबत) अरबी भाषा के शब्द शरिबा से बना है जिसका अर्थ होता है “पीना” | आम तौर पर शरबत को एक शीतलता देने वाला स्वादिष्ट पेय माना जाता है | लेकिन आयुर्वेद के नजरिये से यह एक औषधि होती है | भिन्न भिन्न प्रकार के शर्बत अनेकों रोगों में दवा के रूप में काम में लिए जाते हैं | आधुनिक समय में शरबत का चलन बढ़ा है क्योंकि अन्य आयुर्वेदिक औषधियां जैसे भस्म, रस रसायन, वटी आदि स्वाद में कटु और कषाय होती हैं | इस वजह से इन्हें सेवन करना पसंद नहीं करते |

शरबत स्वादिष्ट एवं सौम्य प्रकृति का होने के कारण व्यक्ति रूचि करके इसका सेवन करता है | इस कारण वैद्य भी अभी शर्बत प्रकरण की औषधियों का उपयोग ज्यादा करने लगे हैं |

Post Contents

शर्बत क्या है / What is sharbat in hindi ?

शरबत एक पेय पदार्थ होता है | निम्बू का शर्बत, गुलाब का शर्बत आदि का चलन प्राचीन काल से हमारे यहाँ रहा है | यह स्वादिष्ट एवं सौम्य गुणों से युक्त होता है एवं बहुत गुणकारी भी | औषधीय प्रयोग में आने वाले शरबत प्रायः अर्क, स्वरस, जड़ी बूटियों के चूर्ण, सार तत्व एवं चीनी, मिश्री आदि से बनाये जाते है | आधुनिक समय अधिक समय तक प्रयोग करने व ख़राब होने से बचने के लिए इनमें कुछ preservative का उपयोग भी किया जाता है |

इस लेख में हम सभी प्रकार के औषधीय शर्बत के बारे में बतायेंगे | इन्हें कैसे बनाते हैं, घटक क्या हैं और आयुर्वेदानुसार इन शरबत के फायदे क्या क्या है जैसी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में मिलेगी |

अडूसा (वासा) शर्बत : बनाने की विधि, घटक द्रव्य एवं फायदे

इस शरबत को अडूसा की मूल से बनाया जाता है | यह शरबत खांसी श्वास रक्तपित्त एवं रक्तप्रदर के लिए बहुत फायदेमंद है |

  • घटक द्रव्य :– अडूसा मूल, चीनी
  • बनाने की विधि :- अडूसा मूल को जल में घोंट क्वाथ बना लें | अब इसमें चीनी मिलाकर पका कर शरबत तैयार कर लें |
  • सेवन की विधि : दो से तीन तोला मात्रा लेकर उतना ही जल मिलाकर दिन में दो तीन बार सेवन करें |
  • फायदे एवं उपयोग : खांसी, जुखाम, श्वास, रक्तपित्त एवं रक्त प्रदर की समस्या में |

उन्नाव का शर्बत कैसे बनाएं, जानें फायदे एवं उपयोग

यह रक्त पित्त, क्षय एवं पित्त विकारों के लिए उपयोग शरबत है | यह स्वादिष्ट और मधुर होता है |

  • घटक द्रव्य :– उन्नाव(असली), चीनी
  • बनाने की विधि :- उन्नाव को कूट कर जल में घोंट लें | अब इसमें चीनी मिलाकर पका कर शरबत तैयार कर लें |
  • सेवन की विधि : दो से चार तोला मात्रा लेकर उतना ही जल मिलाकर प्रातः और सांयकाल सेवन करें |
  • फायदे एवं उपयोग : रक्तपित्त, कफ़ में खून आने की समस्या, त्वचा विकार

गावजवान शरबत के घटक, बनाने की विधि एवं फायदे

बुखार में अनिद्रा की समस्या होने पर यह शर्बत बहुत उपयोगी होता है | इसके सेवन से गहरी नींद आती है | यह दिमाग को आराम देता है और वेदना (पीड़ा) को कम करता है |

  • घटक द्रव्य :– गावजवान, गुलाब के फुल, चंदन छाल का चूर्ण, गुलाब अर्क, छड़ीला, बालछड
  • बनाने की विधि :- सभी जड़ी बूटियों को पानी में अच्छे से पकाएं, एक चौथाई जल शेष रह जाने पर चीनी मिला शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : दो से चार तोला गावजवान अर्क के साथ |
  • फायदे एवं उपयोग : थकावट, अनिद्रा, बेचैनी, दिमाग की कमजोरी में |

अनार का शर्बत कैसे बनाते हैं ?

अनार को एक दैवीय फल माना जाता है | इसमें अनेकों औषधीय गुण होते हैं | इसका शर्बत दीपन पाचक गुणों वाला एवं रुचिकारक स्वादिष्ट पेय होता है |

अनार का शरबत
  • घटक द्रव्य :– अनार दाना, चीनी
  • बनाने की विधि :- अनार के दाने लेकर पानी में घोंटे, जब आधा जल शेष रह जाये तो चीनी और पानी मिला शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : तीन से चार तोला दिन में दो चार बार जल मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : रुचिवर्धक, थकान दूर करने वाला, दीपक एवं पाचन गुणों से युक्त |

केवड़ा का शरबत : बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

यह मन को प्रसन्न करने वाला, आमाशय को शांति प्रदान करने वाला और थकान मिटाने वाला शरबत है |

  • घटक द्रव्य :– केवड़ा का जल, सिट्रिक एसिड, चीनी, केवड़ा एसेंस |
  • बनाने की विधि :- केवड़ा जल में थोडा सा सिट्रिक एसिड मिला, चीनी के साथ शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : दो से चार तोला एक ग्लास पानी में मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : मन प्रसन्न करने वाला, आमाशय के लिए गुणकारी, मूत्रल, रुचिकारक और पौष्टिक |

खस का शरबत कैसे बनाएं

यह शरबत गर्मियों में बहुत गुणकारी पेय है | इसके सेवन से पेशाब में जलन, अपच, रक्तपित्त, शारीरिक एवं मानसिक थकावट दूर हो जाती है |

  • घटक द्रव्य :खस का अर्क, चीनी, निम्बू सत्व
  • बनाने की विधि :- खस के अर्क में थोड़ा सा निम्बू सत्व एवं आवश्यकतानुसार चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : एक ग्लास पानी में मिलाकर सेवन करें |
  • फायदे एवं उपयोग : रक्तपित्त, गर्मी की समस्या, आँखों में जलन, मूत्र विकार, रुचिकारक |
खस का शरबत

गिलोय शर्बत : घटक द्रव्य, बनाने की विधि, फायदे एवं उपयोग

गिलोय एक अमृत तुल्य जड़ी बूटी है | गिलोय के औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में इसे दैवीय औषधि के नाम से जाना जाता है | इसका शर्बत किसी भी प्रकार का ज्वर, मूत्र विकार, रक्त पित्त एवं दाह रोग में बहुत गुणकारी होता है |

गिलोय का शर्बत
  • घटक द्रव्य :गिलोय का रस, गिलोय अर्क, चीनी |
  • बनाने की विधि :- गिलोय रस को घोंट कर चीनी मिला शरबत बना लें |
  • सेवन की विधि : दो से चार तोला चौगुने पानी में मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : सभी प्रकार के ज्वर, मूत्र विकार, आँखों में जलन, दाह रोग |

गुड़हल का शरबत कैसे बनाएं ?

यह हृदय को उल्लासित और मन को शांत करने वाला शरबत है |

  • घटक द्रव्य :– गुड़हल फूल, गुलाब जल, केवड़ा अर्क, कागजी निम्बू का रस चीनी, |
  • बनाने की विधि :- सभी घटक द्रव्यों को बोटल में भर कर मुंह बंद कर ३ दिन तक रखें इसके बाद छान कर दूसरी बोतल में डाल लें |
  • सेवन की विधि : एक से दो तोला गावजवान अर्क के साथ |
  • फायदे एवं उपयोग : दिल की धड़कन, अंतर्दाह, पेशाब में जलन |

गुलवनफ्सा का शर्बत के फायदे एवं बनाने की विधि

यह खांसी, बुखार जुखाम एवं नजला जैसी समस्याओं में गुणकारी औषधि है |

  • घटक द्रव्य :– गुलवनफ्सा का अर्क, चीनी, सिट्रिक एसिड |
  • बनाने की विधि :- गुलवनफ्सा का अर्क में थोड़ा सा सिट्रिक एसिड एवं आवश्यकतानुसार जल व चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : दो से चार तोला चौगुने पानी में मिलाकर या कफ़ की दवा के साथ |
  • फायदे एवं उपयोग : सर्दी, जुखाम, खांसी, मानसिक अशांति |

गुलाब का शरबत : बनाने की विधि, घटक द्रव्य एवं फायदे

यह शरबत अत्यंत स्वादिष्ट एवं गुणकारी होता है | इसके सेवन से थकान, जलन, गर्मी एवं प्यास की अधिकता में बहुत लाभ मिलता है |

खस का शरबत
  • घटक द्रव्य :- गुलाब जल, चीनी |
  • बनाने की विधि :- गुलाब जल में आवश्यकतानुसार जल व चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : एक ग्लास पानी में मिलाकर दिन में दो तीन बार |
  • फायदे एवं उपयोग : पेशाब में जलन, गर्मी, सुर्खी, प्यास की अधिकता |

चंदन का शर्बत कैसे बनाएं एवं इसके फायदे ?

चंदन शीत वीर्य वाली जड़ी बूटी है इसमें बहुत लाभकारी औषधीय गुण होते हैं | चंदन शर्बत शीतवीर्य, दिल दिमाग को ठंडक देने वाला, स्वादिष्ट एवं मधुर होता है |

चंदन का शरबत
  • घटक द्रव्य :चंदन का बुरादा या अर्क, चीनी एवं निम्बू सत्व |
  • बनाने की विधि :- चंदन का बुरादा रात में पानी में भिगो कर छोड़ दें सुबह इस पानी को उबाल लें और चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : दो से पांच तोला चौगुने पानी में मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : शीतवीर्य, दिल दिमाग को ठंडक देने वाला, पेशाब में जलन, रक्तपित्त, अवसाद |

जुफा शरबत : सभी प्रकार की खांसी को ठीक करने वाली औषधि

यह शर्बत सभी प्रकार की खांसी में उपयोगी है | इसके सेवन से कफ़ पिघल कर निकलने लगता है |

  • घटक द्रव्य :– मुन्नका, उन्नाव, सातिस्तान, अंजीर, मुलेठी, सौंफ की जड़, जुफा, हंसराज,
  • बिहीदाना, अनीसून, सौंफ, जौ, अलसी, जटामांसी, गावजवान |
  • बनाने की विधि :- सभी जड़ी बूटियों को जौकूट करके रात में पानी में भिगो दे, सुबह उबाल कर चीनी मिला शरबत बना लें |
  • सेवन की विधि : एक से दो तोला उतना ही जल मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : सभी प्रकार की खांसी के लिए |

निलोफर का शरबत कैसे बनाएं ?

यह शर्बत पित्त का शमन करता है | सभी प्रकार के पित्त विकारों में इसका सेवन करने से लाभ मिलता है |

  • घटक द्रव्य :– निलोफर के फूल, जल एवं चीनी |
  • बनाने की विधि :- निलोफर के फूल रात में पानी में भिगो कर छोड़ दें सुबह इस पानी को उबाल लें और चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : एक तोला शीतल जल के साथ |
  • फायदे एवं उपयोग : पित्त शामक, रक्तपित्त |

वनप्सा का शर्बत : गुण, फायदे एवं बनाने की विधि |

यह शरबत पित्त शामक और शीतलता देने वाला है |

  • घटक द्रव्य :– वनप्सा पत्ती, चीनी, जल |
  • बनाने की विधि :- वनप्सा पत्ती को पानी में उबाल लें और चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : दो से चार तोला आवश्यकतानुसार जल मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : शुष्क कास, पित्त शामक |

ब्राह्मी शर्बत : घटक द्रव्य, बनाने की विधि एवं फायदे

ब्राह्मी दिमाग के लिए बहुत गुणकारी औषधि है | उन्माद, यादाश्त की कमजोरी, हिस्टीरिया, सर दर्द जैसी सभी समस्याओं में ब्राह्मी शर्बत फायदेमंद है |

ब्राह्मी शर्बत
  • घटक द्रव्य :– ब्राह्मी, शंखपुष्पी, चीनी एवं निम्बू सत्व |
  • बनाने की विधि :- ब्राह्मी व शंखपुष्पी पानी में भिगो कर छोड़ दें सुबह इस पानी को उबाल लें और चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : एक से दो तोला आवश्यकतानुसार पानी में मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : उन्माद, सर दर्द, मानसिक तनाव, हिस्टीरिया, कमजोर यादाश्त |

फालसा का शर्बत कैसे बनाएं ?

आमाशय और हृदय के लिए यह शर्बत बहुत गुणकारी है | यह स्वादिष्ट रोचक, शीतवीर्य एवं अतिसार नाशक है |

  • घटक द्रव्य :– फालसा का रस, चीनी |
  • बनाने की विधि :- फालसा का रस ले कर पानी को उबाल लें और चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : दो से पांच तोला शीतल जल में मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : शीतवीर्य, दिल दिमाग को ठंडक देने वाला, आमाशय बलकारी, अतिसार नाशक |

रक्त शोधक शरबत : बनाने की विधि, घटक, फायदे

रक्त को शुद्ध करने के लिए यह बहुत उपयोगी औषधि है | खाज खुजली एवं फोड़े फुंसी जैसी समस्याओं में इसका सेवन करना चाहिए |

  • घटक द्रव्य :– उशबा, मजीठ, सौंफ, उन्नाव, सपिस्तान, हंसराज, गाजवान |
  • बनाने की विधि :- जौकुट कर पानी में भिगो कर छोड़ दें सुबह इस पानी को उबाल लें और चीनी मिलाकर शर्बत बना लें |
  • सेवन की विधि : एक से दो तोला पानी में मिलाकर |
  • फायदे एवं उपयोग : रक्त शोधक, सुजाक, फोड़ा फुंसी, दाद |

धन्यवाद !

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *