शंखपुष्पी के 9 बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ या फायदे – Sankhpushpi in Hindi

शंखपुष्पी सरा मेध्या वृष्या मानसरोगहृत |

रसायनी कषायोष्ण स्मृतिकान्तिबलप्रदा |

दोषापस्मारभूतादिकुष्ठकृमिविषप्राणुत ||

शंखपुष्पी
image – wikipedia.org

शंखपुष्पी को आयुर्वेद में मेध्य (तेजबुद्धि करने वाली), वृष्य, रसायन एवं मानसिक रोग नाशक उत्तम औषध द्रव्य माना जाता है | यह अपस्मार, उन्माद एवं मष्तिष्क को तेज करने का उत्तम रसायन है |

वैदिक काल में इसे गर्भप्रद कहा गया है | चरकसंहिता में इसका उल्लेख नहीं है लेकिन ब्रह्मरसायन में शंखावली की योजना की गई है | मिर्गी जैसे रोगों में इसे पुराने घी के साथ देने का विधान बताया गया है |

सुश्रुत संहिता में तिक्तवर्ग के द्रव्यों में शंखपुष्पी की गणना की गई है | बच्चों में सुवर्ण आदि के साथ शंखपुष्पी के चूर्ण का विधान बताया गया है | यह बच्चों के लिए अच्छी मेध्य औषधि है |

पुरातन समय से ही आपने जाना कि यह औषधि मष्तिष्क के लिए कितनी फायदेमंद है | अत: वर्तमान समय के रोगों एवं बच्चों में याददास्त बढाने के लिए इसे बेशक सेवन किया जा सकता है | बाजार में आज कल बहुत सी आयुर्वेदिक फार्मेसी जैसे पतंजलि शंखपुष्पी Syrup, डाबर एवं बैद्यनाथ आदि की शंखपुष्पी टॉनिक आसानी से उपलब्ध हो जाती है |

चलिए जानते है इसका सामान्य परिचय

पर्याय

इसे शंखपुष्पी, मंगल्यापुष्पा, मंगल्यकुसुमा, कम्बुपुष्पि, कम्बू मालिनी, किरटी, चंद्रा, मनोरमा एवं मंगल्या आदि नामों से भी जाना जाता है |

वानस्पतिक परिचय

इसका प्रसरणशील अर्थात नीचे फ़ैल कर बढ़ने वाला पौधा होता है | यह सम्पूर्ण भारत में विशेषकर पत्थरीले मैदानों में अधिक देखने को मिलती है |

शाखाएं – 4 से 12 इंच लम्बी, रोमश एवं फैली हुई होती है |

पते – ये रेखाकार आधा से 1.5 इंच लम्बे एवं इनपर कुछ रोयें होते है |

शंखपुष्पी के फुल – ये हल्के गुलाबी या सफ़ेद रंग के होते है | बाहर से रोम युक्त होते है | ये कुछ कुपीदार दिखाई पड़ते है | इसके फल अंडाकार होते है |

शंखपुष्पी के औषधीय गुण धर्म

रस – तिक्त एवं कषाय |

गुण – स्निग्ध एवं पिच्छिल |

विपाक – मधुर |

वीर्य – उष्ण अर्थात इसकी तासीर गरम होती है |

प्रभाव – मेध्य (बुद्धि को बल देने वाली)

यह वात एवं पित का शमन करती है | सभी प्रकार के मानसिक रोगों को दूर करने वाली है | स्मृति, कान्ति, बलप्रद, अपस्मार (मिर्गी), कुष्ठ, कृमि एवं विषघ्न होती है |

शंखपुष्पी के फायदे / Shankhpushpi Benefits in Hindi

शंखपुष्पी विशेषकर मानसिक रोगों में अधिक फायदेमंद रहती है | यहाँ से आप इसके सभी स्वास्थ्य लाभ एवं फायदों के बारे में जानेंगे

मानसिक रोग

शंखपुष्पी विशेष रूप से मानसिक रोगों में अधिक फायदेमंद होती है | यह उन्माद (पागलपन), अपस्मार (मिर्गी) एवं स्मृति की क्षति में उपयोग करनी लाभदायक है | यह वात एवं पित प्रधान मानसरोगों में अपने औषधीय गुण धर्मो के कारण यह लाभदायक है |

इसे मेध्य, मस्तिष्क – वातनाड़ीशामक, बल्य एवं रसायन होने से मष्तिष्क की दुर्बलता, उन्माद, मिर्गी, भ्रम एवं अनिद्रा आदि में शंखपुष्पी का प्रयोग श्रेष्ठ माना जाता है |

अनुलोमन

शंखपुष्पी उष्ण वीर्य, पिच्छिल गुण तथा मधुर विपाक से वात का अनुलोमन करती है | यह आंतो की सफाई करके कब्ज को दूर करती है | इसे वातशामक एवं अनुलोमन औषधि माना जाता है |

कुष्ठ रोग में शंखपुष्पी के फायदे

यह रक्त की अशुद्धियों को दूर करके रक्तपित, रक्तस्तम्भन एवं रक्त जन्य सभी रोगों में लाभ देती है | कुष्ठ रोग में भी रक्त की अशुद्धि एवं पित की अशुद्धि प्रधान होती है | अत: शंखपुष्पी पिच्छिल गुण एवं मधुरता से पितशामक एवं तिक्त और उष्ण से रक्तगत दोषों का शमन करके कुष्ठ में लाभ पहुंचती है |

वृष्य एवं रसायन

यह उत्तम बलवर्द्धक एवं वृष्य औषधि है | गर्भास्य जन्य दौर्बल्य में शंखपुष्पी का प्रयोग फायदेमंद रहता है | यह स्त्रियों एवं पुरुषों दोनों के लिए रसायन का कार्य करती है | अत: यौन कमजोरियों में इसका सेवन फायदेमंद रहता है |

दिमाग तेज करने के लिए शंखपुष्पी

बुद्धि अर्थात दिमाग को तेज करने के लिए शंखपुष्पी के स्वरस को शहद के साथ सेवन करना लाभदायक रहता है | इसके रस की जगह शंखपुष्पी के चूर्ण का सेवन भी किया जा सकता है | साथ में शहद मिलाकर सेवन करें |

रक्तचाप की समस्या में

उच्च रक्तचाप अर्थात High Blood Pressure की समस्या में इसके चूर्ण को पानी में उबाल कर जब एक चौथाई बचे तब उतार कर काढ़ा बना कर सेवन करना चाहिए | यह रक्तगत व्याधियों को दूर करके हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को भी दूर कर देती है |

पेट के कीड़े

बच्चों या बड़ो में होने वाले उदर कृमि की समस्या में इसके चूर्ण का 3 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सेवन करना लाभदायक रहता है | बच्चों के लिए बाजार में उपलब्ध शंखपुष्पी सिरप का सेवन भी किया जा सकता है | इससे पेट के कीड़े मरते है |

ज्वर एवं अनिद्रा में शंखपुष्पी के फायदे

शंखपुष्पी सीधे मस्तिष्क पर कार्य करती है | अत: तेज बुखार के समय रोगी द्वारा मानसिक संतुलन खोने एवं नींद न आने की समस्या में इसे मिश्री या शहद के साथ नियमित सेवन करना लाभदायक रहता है |

याददास्त बढाने के लिए शंखपुष्पी

बार – बार भूलने की समस्या भी मष्तिष्क की क्रियाशीलता का एक विकार है | इस समस्या में यह उत्तम साबित होती है | शंखपुष्पी tonic या Syrup आदि का नियमित कुछ समय के लिए प्रयोग करने से याददास्त बढती है |

व्यक्ति आसानी से बताई गई बात को याद रखता है एवं साथ ही इससे एकाग्रता बढती है |

धन्यवाद |

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