कस्तूरी का उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता रहा है | यह एक जान्तव द्रव्य है जो एक विशेष प्रकार के हिरण में पाया जाता है | कस्तूरी नर वयस्क की नाभि में ही पाया जाता है | कस्तूरी गुटिका इसी कस्तूरी से बनायी जाती है |
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कस्तूरी गुटिका क्या है / What is Kasturi gutika ?
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसको कस्तूरी से बनाया जाता है | कस्तूरी उष्ण वीर्य वाली होती है जिसमें वात एवं कफ नाशक गुण पाए जाते हैं | आयुर्वेद में इसका उपयोग बहुत सी दवाओं में किया जाता है | कस्तूरी गुटिका एक वाजीकारक औषधि है | इसको वटी / गुटिका परिकल्पना के तहत बनाया जाता है | शुक्र विकारों और प्रमेह रोगों में यह दवा बहुत उपयोगी होती है |
कस्तूरी गुटिका के घटक क्या हैं / Kasturi gutika ingredients
इस गुटिका को बनाने के लिए निचे दिए गये द्रव्यों की आवश्यकता होती है :-
- स्वर्ण भस्म – एक भाग
- कस्तूरी – दो भाग
- रोप्य भस्म – तीन भाग
- केशर – चार भाग
- छोटी इलायची – पांच भाग
- जायफल – छः भाग
- वंशलोचन – सात भाग
- जावित्री – आठ भाग
इसके अलावा बकरी का दूध और पान का रस मर्दन करने के लिए लिया जाता है |
कस्तूरी गुटिका कैसे बनाते हैं / Kasturi gutika banane ki vidhi
इस गुणकारी औषधि को बनाने के लिए निम्न विधि का उपयोग किया जाता है |
- सबसे पहले सभी द्रव्यों का महीन चूर्ण बना लें |
- इस चूर्ण को आपस में मिला लें |
- अब इस मिश्रण को बकरी के दूध के साथ तीन दिन तक मर्दन करें |
- इसके बाद पान के रस में तीन दिन तक मर्दन करें |
- अब इसकी एक एक रत्ती की गोलियां बना लें |
कस्तूरी गुटिका के फायदे एवं उपयोग / Kasturi gutika benefits and uses
कस्तूरी से बनी यह औषधि पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद है | कस्तूरी गुटिका उत्तम वाजीकारक और शुक्रदोष नाशक है | किसी भी प्रकार के प्रमेह रोग में इसका अच्छा लाभ होता है | इसका सेवन पथ्य अपथ्य के अनुसार करने पर शरीर हष्ट पुष्ट और बलवान हो जाता है | आइये जानते हैं रोगानुसार इसके फायदे :-
- यह शुक्र स्तंभक रसायन है |
- इसका असर वीर्य वाहिनी नाड़ी पर विशेष होता है |
- लिंग में आई शिथिलता को दूर करने के लिए बहुत उपयोगी है |
- सभी प्रकार के मूत्र रोगों में इस दवा का अच्छा असर होता है |
- वीर्य पतला हो जाने पर इसका सेवन धात्री रसायन के साथ करने से शीघ्र असर होता है |
- नपुंसकता में कामसुधा योग के साथ २ महीने सेवन करने से बहुत लाभ होता है |
- इसका प्रभाव मस्तिष्क और हृदय पर भी होता है |
- वीर्य बढाने के लिए यह बहुत उपयोगी है |
- यह शुक्राणुओं की कमी में भी बहुत उपयोगी औषधि है |
- इसके सेवन से रस रक्तादि धातुओं की वृद्धि होती है |
- वात विकारों में भी इसका उपयोग लाभकारी होता है |
- श्वास, कास एवं कफ जनित रोगों में भी यह फायदेमंद है |
नुकसान और सावधानियां / Kasturi gutika side effects
सामान्यतः इस गुटिका का कोई दुष्प्रभाव नहीं है | लेकिन यह उष्ण वीर्य होने के कारण गर्मियों में इसका सेवन करने से बचना चाहिए या अनुपान के रूप में शीत प्रकृति वाले द्रव्यों के साथ सेवन करना चाहिए |
धन्यवाद !
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reference / सन्दर्भ
- TABLET & TABLETING IN AYURVEDA (VATI KALPANA)-A REVIEW
- GENERAL GUIDELINES FOR DRUG DEVELOPMENT OF AYURVEDIC FORMULATIONS