कस्तूरी भैरव रस (बृहत्) के फायदे एवं बनाने की विधि / Kasturi Bhairav Rasa In Hindi

कस्तूरी भैरव रस – आयुर्वेद के रस प्रकरण की यह दवा विभिन्न प्रकार के ज्वर (बुखार), जीर्ण ज्वर एवं विषम ज्वर अर्थात सभी प्रकार के ज्वरों में उपयोग की जाती है | मलेरिया हो या रुक – रुक के आने वाली बुखार इन सभी प्रकार की सन्निपतिक बुखारों में इसका उपयोग प्रमुखता से होता है | डायरिया, गृहणी एवं ज्वरातिसार में कस्तूरी भैरव रस का प्रयोग बेलगिरी चूर्ण या जीरा के साथ करवाया जाता है | अत: अतिसार एवं गृहणी में भी यह दवा प्रभावी है |

इस में लगभग 18 प्रकार के आयुर्वेदिक द्रव्यों एवं भस्मों का समावेश रहता है | इसे बालको, गर्भवती एवं बुजुर्गों में भी प्रयोग कर सकते है | लेकिन अधिकृत आयुर्वेदिक चिकित्सक का परामर्श अवश्य लेना चाहिए | ज्वर के अलावा मनोरोग, हृदय रोग, रक्तचाप आदि विकारों में भी इस्तेमाल की जाती है |

इस आर्टिकल में हम आपको कस्तूरी भैरव रस वृहत के घटक द्रव्य, बनाने की विधि एवं फायदे के बारे में सम्पूर्ण विवरण देंगे |

कस्तूरी भैरव रस (वृहत) के घटक द्रव्य / Ingredients of Kasturi Bhairav Rasa In Hindi

  • कस्तूरी – 1 भाग
  • कपूर – 1 भाग
  • ताम्रभस्म – 1 भाग
  • धाय के फुल – 1 भाग
  • कौंच बीज – 1 भाग
  • रौप्य भस्म – 1 भाग
  • सुवर्ण भस्म – 1 भाग
  • मोतिपिष्टि – 1 भाग
  • लौह भस्म – 1 भाग
  • प्रवाल भस्म – 1 भाग
  • लौह भस्म – 1 भाग
  • घृतकुमारी – 1 भाग
  • वायविडंग – 1 भाग
  • नागरमोथा – 1 भाग
  • सौंठ – 1 भाग
  • खस – 1 भाग
  • शुद्ध हरताल – 1 भाग
  • माणिक्य भस्म – 1 भाग
  • अभ्रक भस्म – 1 भाग
  • आंवला – 1 भाग
  • मर्दनार्थ – आक के पतों का रस

कैसे बनती है कस्तूरी भैरव रस वृहत दवा

कस्तूरी भैरव रस बनाने की विधि : सबसे इस दवा का निर्माण भै. र. (भैषज्य रत्नावली) एवं सि. यो. स. (सिद्ध योग संग्रह) के अनुसार किया जाता है | सर्वप्रथम सभी आयुर्वेदिक द्रव्यों का कपडछान चूर्ण कर लिया जाता है (भस्मों को छोड़कर) | अब तैयार चूर्ण में भस्में मिलाकर आक के पतों के स्वरस से मर्दन किया जाता है | इसके पश्चात कपूर एवं कस्तूरी मिलाकर दिन भर मर्दन करके 125 mg की गोलियां बना ली जाती है | इस प्रकार से कस्तूरी भैरव रस का निर्माण होता है |

ध्यान दें सभी द्रव्य समान मात्रा में लेने होते है | लेकिन फिर भी कस्तूरी इसका प्रधान द्रव्य माना जाता है एवं इसी के आधार पर नाम में भी कस्तूरी रहती है |

कस्तूरी भैरव रस (बृहत) के फायदे / Health Benefits of Kasturi Bhairav Rasa (Vrihat) in Hindi

इस आयुर्वेदिक रस के फायदे सभी प्रकार के ज्वर में विशेष है | सन्निपात ज्वर, मलेरिया, मन्मथ ज्वर, साधारण ज्वर, बार – बार आने वाली बुखार इन सभी में यह दवा काफी फायदेमंद रहती है | विस्तृत जानकारी निम्न प्रकार है |

  • सभी प्रकार के नूतन ज्वर में कस्तूरी भैरव रस वृहत फायदेमंद आयुर्वेदिक दवा है | इसका प्रयोग अदरक स्वरस के साथ करवाने से जल्द ही नए बुखार से छुटकारा मिलता है |
  • सन्निपात एवं पुनरावर्ती वाले बुखार अर्थात वात, पित्त कफ प्रधान ज्वर एवं बार – बार आने वाले ज्वर में भी यह दवा अत्यंत लाभदायक है | अनुपन अदरक स्वरस
  • सूतिका ज्वर – अर्थात प्रसूति महिला में रक्त में विष प्रवेश करने से आने वाली बुखार में कस्तूरी भैरव रस वृहत का सेवन लाभदायक रहता है | इसका प्रयोग आयुर्वेदिक वैद्य के परामर्श पश्चात ही करना चाहिए |
  • मन्मथ ज्वर – मन्मथ ज्वर में भी यह फायदेमंद है |
  • उन्माद – उन्माद में भी अन्य औषध योगों के साथ इस दवा का प्रयोग आयुर्वेदिक वैद्यों द्वारा निर्देशित किया जाता है | यह मस्तिष्क को शांत करती है एवं उन्माद में लाभ पहुंचती है |
  • पेट के कीड़ों की समस्या में खुजली, रुखी त्वचा एवं भूख की कमी में कस्तूरी भैरव रस वृहत का सेवन करवाने से लाभ मिलता है |
  • यह सभी प्रकार के नए, पुराने, पुर्नावृति वाले एवं आकस्मिक ज्वरों में अत्यंत लाभदायक औषधि है | इस दवा का प्रयोग वैद्य के परामर्श से करना उचित रहता है |

कस्तूरी भैरव रस (बृहत) की सेवन विधि

इस दवा का प्रयोग बच्चों, बुजुर्गों एवं महिलाओं में किया जा सकता है | लेकिन रस प्रकार की दवा होने के कारण एक निश्चित मात्रा एवं समय के लिए ही इस दवा का प्रयोग करना चाहिए | यह दवा बैगर वैद्य परामर्श लेना नुकसान दायक हो सकता है | बुखार में निश्चित रूप से चमत्कारिक प्रभाव दिखाती है लेकिन वैद्य के निर्देशानुसार लेने से अन्य को दुष्प्रभाव प्रकट नहीं होते |

इसका सेवन विभिन्न रोगों में अलग – अलग अनुपान एवं मात्रा अनुसार किया जाता है | जैसे नूतन बुखार में 1 गोली अदरक स्वरस के साथ दी जाती है | अनुपान में अदरक स्वर, पान स्वरस एवं शहद का प्रयोग किया जाता है | जो रोगानुसार अलग – अलग है एवं दवा की मात्रा एवं कितने समय तक लेनी है यह भी रोग के ऊपर निर्भर करता है | अत: वैद्य परामर्श आवश्यक है | अधिकृत आयुर्वेदिक प्रोफेशनल से ही परामर्श लिया जाना चाहिए |

कस्तूरी भैरव रस (बृहत) के नुकसान

अगर उचित मात्रा में एक निश्चित समयांतराल तक दवा का सेवन किया जाये तो इस दवा के कोई दुस्प्रभाव नहीं है | बिना वैद्य परामर्श या निर्देशित मात्रा से अधिक सेवन करने पर दुष्प्रभाव हो सकते है | इस दवा का प्रयोग एक सटीक खुराक की मात्रा में सिमित समय अवधि के लिए किया जाना चाहिए | बाकि किसी भी उम्र एवं अवस्था के रोगी को यह दवा दि जा सकती है | इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं है |

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