अदरक एक औषधीय मसाला है जिसका उपयोग भारतीय रसोई में प्रमुखता से किया जाता है | सर्दी – जुकाम और खांसी आदि रोगों में अदरक के घरेलु नुस्खे पूर्णतया कारगर है | यह उष्णकटीबंधिय और शीतोष्णकटिबंध का देशज पौधा है | अदरक उत्पादन में भारत भी विश्व में अग्रणी है | अदरक के सूखने के बाद यह सौंठ कहलाती है जो दोनों ही रूपों में समान गुणकारी साबित होती है | आयुर्वेद में औषध निर्माण आदि में सौंठ का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है लेकिन जहाँ स्वरस आदि का उपयोग करना हो तो वहां अदरक ही काम में ली जाती है |
अदरक के फायदे
अदरक
अदरक में एंटीफंगल , एंटीबायोटिक , एंटीसेप्टिक, एंटीइन्फ्लेमेट्री आदि गुण पाए जाते है | इसके अलावा इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम , सिलिकोन और कैल्शियम आदि तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते है |
अदरक के गुणधर्म
अदरक का रस तिक्त एवं कटू होता है | गुणों में यह गुरु और रुक्ष होती है एवं इसका वीर्य उष्ण होता है | पचने के बाद इसका विपाक मधुर और तीक्षण होता है | अदरक उष्ण वीर्य की होने के कारण वात एवं कफ शामक होती है | यह पाचन , दीपन, लंघन, शूल, शोथ , कास, हिक्का , प्रतिश्याय, अस्थमा आदि रोगों में काफी लाभदायक एवं प्रभावशाली औषधि है |
अदरक के फायदे और घरेलु नुस्खे
कैंसर की सम्भावना को कम करती है अदरक
अदरक में पाए जाने वाले तत्व कैंसर की सम्भावना को कम करते है | अदरक को स्तन कैंसर , प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर के इलाज में लाभदायक माना गया है | यह कोलोन में सुजन को कम करती है, जिससे कोलोन कैंसर के इलाज में सहायता मिलती है | जेर्नल ऑफ़ बायोमेडिसिन और बायोटेक्नोलॉजी के द्वारा प्रकाशित शोध में बताया गया है कि अदरक में पाए जाने वाले रसायन – स्तन कैंसर में स्वस्थ स्तन कोशिकाओं पर बिना असर डाले कैंसर कोशिकाओं को ख़त्म करती है | किमोथेरेपी के द्वारा सम्भव है कि कैंसर की सभी कोशिकाएं ख़त्म हो जाती है लेकिन स्तन कैंसर में ये कोशिकाएं फिर से पनपने लगती है | अदरक के सेवन से इन कोशिकाओं की पनपने की गति में रूकावट पैदा होती है |
हृदय और शुगर रोग में अदरक के फायदे
अदरक में पाए जाने वाले तत्व हाई शुगर लेवल को बैलेंस करने में असरदार है | ये तत्व ग्लूकोज को मस्सल कोशिका तक पंहुचने में मदद करते है जिससे रक्त शर्करा का लेवल बैलेंस होता है | अदरक के रस का एक सिमित मात्रा में सेवन करने से मधुमेह में आराम मिल सकता है |
हृदय रोग एवं दुर्बलता में भी अदरक के गुण काफी लाभ पंहुचाते है | अदरक के रस और शहद को समान मात्रा में मिलकर नित्य चाटने से ह्रदय विकारो में लाभ मिलता है | हृदय दुर्बलता में सोंठ को पीसकर एक गिलास पानी में काढ़ा बना कर सेवन करने से हृदय दुर्बलता में काफी लाभ मिलता है |
पाचन सम्बन्धी विकारो में अदरक के फायदे
अदरक में दीपन और पाचन के गुण होते है इसलिए यह पाचन संस्थान के लिए फायदेमंद होती है | पाचन सम्बन्धी रोग जैसे अपच या पेट खराब हो तो अदरक एक एक चम्मच रस को एक गिलास पानी में डालकर सेवन करे | पाचन सम्बन्धी सभी विकारो में लाभ मिलेगा |
पाचन संबंधी सभी विकारों में अदरक के छोटे – छोटे टुकड़े कर ले | इन टुकडो को खाने वाले पान के पतों में लपेट ले और ऊपर से एक लौंग चुभा दे | इस प्रकार कई 10 बंडल बना ले और इन्हें निम्बू के रस में डालकर 10 – 15 दिन छोड़ दे | इसके बाद एक पान रोज खाना खाने के बाद खाए पाचन से सबंधित सभी विकारो से छुटकारा मिलेगा |
खांसी में अदरक के फायदे
खांसी सुखी हो या कफ वाली – सभी में अदरक फायदा देती है | अगर आप खांसी से परेशान है और कोई उपाय नहीं सूझ रहा तो बस एक अदरक का टुकड़ा चुसे , तुरंत खांसी रुक जावेगी |
अगर खांसी लम्बी और बलगम वाली हो तो अदरक के छोटे – छोटे 10 टुकड़े , थोडा सा गुड और 5 पीसी हुई कालीमिर्च इन सभी को हल्का गरम करे और अच्छी तरह मिल जाने पर रात में सोते समय खाए | जल्द ही कफज खांसी में आराम मिलेगा |
दमा रोग में अदरक के फायदे
दमा के इलाज में भी अदरक काफी हद तक फायदेमंद है | अगर आप को दमा है तो बस अदरक का ये छोटा सा प्रयोग दमे के रोग में राहत प्रदान करेगा | सबसे पहले 1 किलो ताज़ी अदरक का रस निकाल ले | इस रस में एक किलो चीनी मिलादे | अब इसे धीमी आंच पर उबाले जब अच्छी तरह उबल जाए तब निचे उतार कर ठंडा करले | और इसे किसी कांच की बोटेल में रख ले | इसके 6 हिस्से कर के नित्य सुबह एक हिस्सा भूखे पेट खाए |
निरंतर प्रयोग से दमा ठीक हो जाता है | ध्यान दे इसे शीतकाल में ही प्रयोग में लावे और अपनी प्रकृति का भी ध्यान रखे | अगर शरीर अधिक गरमी सहन करने योग्य नहीं है तो इसे न आजमावे | क्योकि निरंतर प्रयोग गर्मी पैदा करता है | अत: अल्सर , बवासीर और गरम प्रकृति के लोग न आजमावे |
गठिया रोग में अदरक के फायदे
अदरक में पाए जाने वाले तत्व संधिवात में लाभदायक साबित होते है | गठिया रोग में अदरक का तेल बना कर स्थानिक प्रयोग करने से गठिया रोग में राहत मिलती है |
अदरक का तेल बनाने के लिए अदरक का 150 ग्राम की मात्रा में रस निकाल ले | समान मात्रा में तील का तेल ले और दोनों को मिलाकर गरम करे | जब तेल में से शन – शन की आवाज आनी बंद हो जाए अर्थात तेल से सारा पानी उड़ जावे तब इसे आंच से उतार कर ठंडा कर ले | इसे छान कर किसी बोटेल में रख ले | इस तेल की गठिया से प्रभावित अंग पर मालिश करने से राहत मिलती है | क्योकि अदरक में वातनाशक गुण होने और दर्द निवारक गुणों के कारण यह संधिवात में काफी लाभ देती है |
गर्भपात को रोकती है अदरक
यदि बार – बार गर्भपात होता हो तो जब भी गर्भधारण हो तभी से नित्य आधा चम्मच सौंठ , चौथाई चम्मच मुलहठी – इन दोनों के 250 ग्राम दूध में उबाल कर पीना शुरू करदे | यह नुस्खा गर्भपात की सम्भावना कम कर देता है | प्रसव के समय होने वाली पीड़ा में भी यह नुस्खा लाभ देता है |
फोड़े – फुंसियो में अदरक के फायदे
अगर शरीर पर कंही भी फोड़े – फुंसी निकल आये हो तो ताजा अदरक को सिलबट्टे पर घिस कर फोड़े – फुंसियो पर लगाने से जल्दी ही ठीक हो जाते है | अदरक में एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है जो इसे त्वचा विकारों में असरदार बनाता है | इसीलिए फोड़े – फुंसियो में और त्वचा की गांठो में भी यह काफी फायदेमंद साबित होती है |
भूख बढ़ाने के लिए अदरक के घरेलु नुस्खे
अदरक और निम्बू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पिने से भूख खुलकर लगती है | इसमें काला नमक , सैंधा नमक , कालीमिर्च और नौसादर मिलाकर चाटने से गले में खरास और चिपका हुआ कफ छुटता है |
श्वास की बदबू को ख़त्म करती है अदरक
अदरक में एक सुगन्धित खुशबु होती है जो सांसो की दुर्गन्ध को ख़त्म करती है | अदरक के छोटे – छोटे टुकड़े कर ले और इन्हें घी में भुन ले | अब इन टुकडो को नियमित चूसने जल्द ही सांसो की दुर्गन्ध ख़त्म होती है | इस नुस्खे से खांसी की शिकायत भी जाती रहती है |
आमवात में अदरक के फायदे / Aamvat me Adark ke Fayde
आमवात की परेशानी में सौंठ और हरड को समान मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना ले | नित्य गरम पानी के साथ फंकी लेने से आमवात में आराम मिलता है | एक चम्मच सौंठ का चूर्ण में एक चम्मच एरंड का तेल मिलाकर चाटले और ऊपर से गरम पानी का सेवन करे | आमवात में लाभ मिलेगा |
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2 thoughts on “अदरक – अदरक के फायदे और घरेलू नुस्खे”
Nice info
धन्यवाद श्रीमान |