कस्तूरी / kasturi : शुद्ध कस्तूरी की पहचान , प्रकार एवं उपयोग |

कस्तूरी / kasturi

कस्तूरी के बारे में सभी ने कुछ न कुछ जरुर सुना होता है | भारत में प्राचीन समय से ही कस्तूरी के उपयोगों का ज्ञान था | कस्तूरी का उपयोग प्राचीन समय से ही इत्र बनाने , पूजा – पाठ एवं आयुर्वेदिक औषधियों में होता आया है | वस्तुत: कस्तूरी एक जान्तव द्रव्य है जो एक विशेष प्रकार के हिरण से प्राप्त होती है | इस हिरण के नाभि के पास एक ग्रंथि होती है जो बहुत तीव्र गंध वाली होती है , इसी ग्रंथि से मृग कस्तूरी प्राप्त होती है | कस्तूरी व्यस्क नर हिरण में ही पाई जाती है | कहते है कि जब यह कस्तूरी मृग जवान हो जाता है तो इसे भी कस्तूरी की सुगंध आती है , जिसे ढूंढने के लिए यह इधर से  उधर भागा फिरता है लेकिन कस्तूरी इसे कभी प्राप्त नहीं |

कस्तूरी ( kasturi ) क्या है

कस्तुरी नाम संस्कृत के muṣká शब्द से बना है जिसका अर्थ है अंडकोस | कस्तूरी नाम एक तीखी गन्ध वाले पदार्थ को दिया जाता है कस्तूरी के ऊपर बाल होते है और अन्दर कलोंजी , इलायची के दाने की तरह दाने निकलते है जो नर हिरन की नाभि और गुदा क्षेत्र में उपस्थित एक ग्रंथि से प्राप्त होती है यह एक बिना सिंग वाला हिरन होता है
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जो नेपाल, भारत (हिमालय क्षेत्र) पाकिस्तान, तिब्बत, चीन, साइबेरिया और मंगोलिया में पाया जाता है कुछ लोग तस्करी करने के लिए हिरन को  मार कर उसकी नाभि से कस्तूरी निकाल लेते है एक बार में 30 से 40 ग्राम कस्तूरी निकलती है  कस्तूरी जन्तु उत्पादों में सबसे महंगा पदार्थ होता है प्राचीन काल से ही कस्तूरी का उपयोग इत्र बनाने और औषधीय कार्यो में किया जाता रहा है |
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कस्तूरी ( kasturi ) के प्रकार

भाव प्रकाश में कस्तूरी की उत्पति स्थान की दृष्टि से तीन जातियाँ बतलाई गई है |
1. नेपाली कस्तूरी – नेपाल देश के हिरणों से नील वर्ण की कस्तूरी पाई जाती है |
2. कामरूपी कस्तूरी – आसाम क्षेत्र के हिरणों से प्राप्त कस्तूरी जो काले रंग की होती है उसे कामरूपी कस्तूरी बोलते है |
3. कश्मीरी कस्तूरी – भारत में कश्मीर के हिरणों से प्राप्त कस्तूरी पीताभ होती है | वही कश्मीरी कस्तूरी है |
गुणात्मक दृष्टि से इन तीनो प्रकारों में कामरूपी कस्तूरी श्रेष्ठ होती है , नेपाली कस्तूरी – माध्यम और कश्मीरी कस्तूरी सामान्य मानी जाती है |

कस्तूरी ( kasturi ) की पहचान

कस्तूरी में तीव्र गंद आती है |  शुद्ध कस्तूरी को पानी में घोलकर सूंघने से सुगंध आती है और अगर नकली है तो पानी में डालने के बाद सूंघने पर कीचड़ की तरह या विकृत गंद आती है | शुद्ध कस्तूरी पानी में अविलेय होती है पानी का रंग भी मैला नही होता | अगर आप कस्तूरी को जलाएंगे तो यह चमड़े की तरह चिट – चिट की  आवाज के साथ जलती है एवं गंद भी चमड़े के सामान आती है |
कस्तूरी के लाभ
यदि शुद्ध कस्तूरी को अदरक के रस के साथ मिला कर सिर पर लगा दिया जावे तो तुरंत ही नाक से खून आने लगता है और असली मलयगिरी चन्दन को सिर पर लगा दिया जावे तो नाक से  खून बहना बंद हो जाता है |
कस्तूरी के गुण धर्म –  रस में यह कटु और तिक्त , गुण में – लघु , रुक्ष और तीक्ष्ण, वीर्य – उष्ण और विपाक – कटु होता है |
कस्तूरी के रोग प्रभाव – वात एवं कफ नाशक |
द्रव्य प्रयोग – श्वसनक ज्वर, वात श्लेष्मिक ज्वर , लकवा, सन्निपातज ज्वर और ह्रदय रोगों में इस्तेमाल की जाती है |
कस्तूरी के औषध योग – म्रिग्म्दादीवरी, वृहद् कस्तूरी भैरव रस और मृगमादासव आदि |

कस्तूरी औषध उपयोग / कस्तूरी के फायदे

गर्भाशय  रोग – अगर स्त्री का गर्भस्य रोग अपने स्थान से हट गया हो तो कस्तूरी और केशर को सामान मात्रा में लेकर पानी में पिस कर छोटी-छोटी गोलियां बना ले | इन गोलियों को मासिक धर्म के शुरू होने से पहले योनी में रखे | सिर्फ तीन दिन रखने से ही गर्भस्य के रोग में लाभ मिलेगा |
दांत दर्द – कस्तूरी के साथ कुठ को मिलाले और दांतों पर मले | जल्दी ही दांत दर्द में आराम मिलेगा |
काली खांसी – काली खांसी में सरसों के दाने के सामान कस्तूरी को मक्खन में मिला कर खाने से जल्दी काली खांसी ठीक हो  जाती है |अगर आप के मन में कस्तूरी से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो हमें निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करे | जल्द ही आपकी सहायता की जावेगी |
शुद्ध कस्तूरी अत्तर धार्मिक कार्यों के लिए अमेज़न पर उपलब्ध हैं
धन्यवाद |

44 thoughts on “कस्तूरी / kasturi : शुद्ध कस्तूरी की पहचान , प्रकार एवं उपयोग |

  1. Ashok says:

    कस्तूरी मेरे पास है शायद मुझे मिली थी एक नेपाली ने लाकर दी थी और वह आज भी उसकी sugand 10 साल हो गया वैसी की वैसी है तो क्या मुझे बेचने का है कितना रुपया आएगा

  2. parmod tomar says:

    भाई कस्तूरी की अलग अलग जगह पर जरूरत होती है ये 3 तरह की होती है और तीनो के ही अलग अलग पैसे होते है अब पता नही आपके पास कोनसे वाली है7011004340 पता करना हो तो व्हाट्सएप करके पता कर सकते हो

  3. Prince auyvedic says:

    जिसे बी कस्तूरी बस्म की जरुरत है मुझसे संपर्क करे
    कस्तूरी बसम के साथ बहुत सारे और आयुर्वेदिक तत्व मिला कर एक दबाई बनती है इसका उपयोग
    इसे आपको 25 दिन खाना पड़े गा और सुरु के 10 दिन आपको ना तो सेक्स करना है ना हस्थमुत्थान करना है
    1 आप इसके कोर्स के बाद लगातार 2 घण्टे सेक्स कर सकते है
    2 आप एक रात में 5,5 बार सेक्स कर सकते है वो बी टाइमिंग इतनी होगी आपकी बीवी रो पड़े गई
    3 इससे आपका लिंग 14 इंच से लेे कर 22 इंच के तक लंबा हो जाए गा
    4 जे लड़की के लिए बी बहुत लाबकरी है
    7587286734
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