रुद्राक्ष के नाम से आप सभी परिचित होंगे | आम धारणा के अनुसार यह एक दैवीय शक्तियों वाला वृक्ष है | माना जाता है की रुद्राक्ष की माला धारण करने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक शक्ति बढती है | इसे भुत प्रेतों और बुरी शक्तियों से बचाने वाला माना जाता है | आयुर्वेद में रुद्राक्ष के औषधीय गुण एवं फायदों के बारे में बताया गया है | इसका उपयोग मानसिक और शारीरिक कमजोरी को दूर करने और त्वचा विकारों में किया जाता है |
Post Contents
रुद्राक्ष क्या है, इस के औषधीय गुण, फायदे एवं उपयोग
संस्कृत में इसे भूतनाशक के नाम से जाना जाता है | यह मध्यम आकार का वृक्ष है जो भारत में बिहार, बंगाल और आसाम में पाया जाता है इसके अलावा यह नेपाल में भी पाया जाता है | आम तौर पर रुद्राक्ष की माला बना के पहनी जाती है और इसे सभी रोग और दुःख हरने वाला माना जाता है | लेकिन आयुर्वेद ग्रंथो के अनुसार यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है | इसकी फ्लास्थि का उपयोग अनेकों रोगों में किया जाता है |
रुद्राक्ष का botanical और अन्य भाषाओँ में नाम / Botanical name of rudraksh :-
- Botanical name/ जैविक नाम – Elaeocarpus serratus Linn.
- Indian name/ सामान्य नाम – रुद्राक्ष
- English name/ अंग्रेजी नाम – Utrasum bead tree
- Sanskrit name / संस्कृत नाम – भूतनाशक
रुद्राक्ष के औषधीय गुण क्या हैं / Rudraksh Medicinal properties
रुद्राक्ष शीत वीर्य एवं वात पीत शामक गुणों वाला होता है | इसके औषधीय गुण :-
- रस – मधुर
- गुण – स्निग्ध
- वीर्य – शीत
- विपाक – मधुर
- त्रिदोष प्रभाव – वात एवं पित्त शामक
रोगानुसार रुद्राक्ष के उपयोग एवं फायदे / Rudraksh uses and benefits
इसका उपयोग अधिकतर त्वचा विकारों में किया जाता है | फोड़े फुंसी और उनके दागों को ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी होता है | इसके अलावा अपस्मार, अनिद्रा एवं दाह रोग में इसका उपयोग किया जाता है |
दाह रोग में रुद्राक्ष के फायदे :-
दाह या जलन की समस्या होने पर व्यक्ति बेचैन हो जाता है | इस अवस्था में इसको पीस कर दही के साथ लेप बना कर लगाने पर विशेष लाभ होता है | इसमें दाहशामक गुण होते हैं |
फोड़े फुंसी और चेचक के दाग कम करने के लिए रुद्राक्ष का उपयोग कैसे करें :-
रक्त अशुद्ध हो जाने और अन्य कारणों से फोड़े फुंसी हो जाते हैं | इनके ठीक हो जाने पर इनके दाग रह जाते हैं जो बहुत समय तक बने रहते हैं | इनको ठीक करने के लिए रुद्राक्ष को चंदन के साथ लेप बना कर लगाना चाहिए |
मानसिक विक्षोभ/ अपस्मार में रुद्राक्ष के फायदे :-
तंत्रिका तन्त्र में विकार या मानसिक कमजोरी से मिर्गी आना, बेचैनी और मानसिक अशांति जैसे रोग हो जाते हैं | ऐसा होने पर रुद्राक्ष की माला धारण करने से बहुत लाभ होता है | साथ ही इसका हिम बना कर पिलाने से भी फायदा होता है |
वात एवं पित्त विकारों में रुद्राक्ष के उपयोग :-
रुद्राक्ष में वात एवं पीत शामक गुण होते हैं | वात पित्त बढ़ जाने पर इसको घिस कर पिलाने से बहुत लाभ होता है |
त्वचा विकारों में लाभदायक है रुद्राक्ष :-
रुद्राक्ष को घीस कर शहद में मिलाकर लगाने से फोड़े फुंसी और अन्य त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं |
धन्यवाद
यह भी पढ़ें :-
- पुंसवन कर्म क्या है ?
- चर्म रोगों का घरेलु उपचार
- शिवाक्षार पाचन चूर्ण के फायदे
- धात गिरना – कारण, लक्षण और उपचार
- मोटापा दूर करने का रामबाण उपचार