अस्थमा एक जटिल रोग है | आधुनिक चिकित्सा इतना विकसित होने के बावजूद इस समस्या का कोई सटीक इलाज नहीं दे पाया है | हमारी पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज प्राचीन समय से ही उपलब्ध है | लेकिन यह इलाज तभी कारगर होता है जब रोगी की प्रकृति को जानकर इलाज किया जाये एवं पथ्य अपथ्य का कड़ाई से पालन किया जाये |
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इस लेख में हम श्वास या अस्थमा के आयुर्वेदिक इलाज, दवा, पथ्य अपथ्य, सावधानियां आदि के बारे में चर्चा करेंगे | इससे पहले हम जान लेते हैं की अस्थमा रोग होता क्या है ?
अस्थमा या श्वास रोग :- जिस तरह अधिक परिश्रम करने या दौड़ भाग करने पर साँस जल्दी जल्दी फूलने लगता है वैसे ही अगर आराम की अवस्था में भी होने लगे तो ये अस्थमा रोग होता है | आयुर्वेद के अनुसार जब कफ़ दोष प्रकुपित हो जाता है एवं वायु के साथ मिलकर उसे स्वतन्त्र रूप से विचरण करने में बाधा पहुंचता है तो इससे अस्थमा रोग हो जाता है | या सरल भाषा में कहें तो श्वास आने जाने के मार्ग में कफ़ या शोथ से रुकावट आ जाती है |
अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज क्या है / Ayurvedic treatment for asthma in hindi
आयुर्वेदिक इलाज या उपचार सामान्य उपचार से अलग होता है | जहाँ आधुनिक चिकित्सा में सिर्फ दवाओं को महता दी जाती है वहीँ आयुर्वेद में सभी चीजों का समावेश कर इलाज किया जाता है | जैसे खान पान, दिनचर्या, औषधियां, पथ्य अपथ्य, जलवायु आदि | अस्थमा का इलाज आयुर्वेद में उपलब्ध है | इसके बारे में जानने से पहले हम अस्थमा के कारण एवं प्रकार के बारे में जानेंगे |
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इसके अलावा हम इस लेख में श्वास रोग नाशक कुछ आसान घरेलु उपायों एवं शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में भी बतायेंगे जिनका उपयोग करके आप श्वास का आयुर्वेदिक इलाज कर सकते हैं |
अस्थमा के कारण एवं प्रकार / causes and types of asthma
अस्थमा श्वास नली एवं फेफड़ो का प्रभावित करने वाला रोग है | इसमें कफ़ वृद्धि, श्वास नली में सुजन, धुल मिटटी के कारण एलर्जी आदि समस्याओं के कारण श्वास लेने में तकलीफ होती है जिससे रोगी को बहुत असहज लगता है एवं थकान हो जाती है | आयुर्वेद के अनुसार श्वास या अस्थमा रोग निम्न प्रकार का होता है :-
- महाश्वास – बहुत अधिक श्वास फूलता है | प्राणवायु आवाज करती हुयी उपर की तरफ चढ़ती है |
- उर्ध्व श्वास – श्वास बहुत ऊँचा चढ़ता है अत्यधिक पीड़ादायक |
- छिन्न श्वास – छाती एवं सर में दर्द होता है, श्वास लेने में बहुत ताक़त लगानी पड़ती है |
- तमक श्वास – गले में दर्द, बोलने में दिक्कत, अत्यधिक कफ़ |
- क्षुद्र श्वास – कम पीड़ादायक, यह साध्य होता है |
अस्थमा के आयुर्वेदिक इलाज से पहले इसके कारण जान लेने चाहिए :-
- दाहकारक एवं गरिष्ठ भोजन करने से
- कब्ज करने वाले खाद्य पदार्थो से
- कफ़वर्धक पदार्थो से
- अत्यधिक उपवास करने से
- खांसी बढ़ जाने एवं कफ़ जम जाने से
- श्वास नली में सुजन आने से
अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज करते समय निम्न पथ्य अपथ्य का ध्यान रखना चाहिए
पथ्य आहार :-
- पुराने चावल, गेंहू, जौ
- बकरी का दूध, चौलाई, मूली
- बैंगन, लहसुन, कुंदुरु, दाख, छुहारे
- छोटी इलायची, हरड, खजूर
- करेला, परवल, सोंठ, मूंग, मैसूर
- अनार, आंवला, मिश्री
अपथ्य आहार :-
- देर से पचने वाला भोजन
- कफ वर्धक पदार्थ
- दूध दही, गन्दा जल
- कंदों के साग
- शीतल एवं गरिष्ठ भोजन
- अत्यधिक पानी पीना
अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए उपयोग में ली जाने वाली दवाएं
अब हम कुछ ऐसी आयुर्वेद दवाओं के बारे में जानेंगे जिनका उपयोग अस्थमा के उपचार के लिए किया जाता है | इन दवाओं के प्रयोग से कफ़ दोष का शमन होता है एवं अस्थमा की समस्या में राहत मिलती है | यह सभी दवाएं शास्त्रोक्त हैं | आइये जानते हैं इन दवाओं के बारे में :-
- तमक श्वास के लिए :- अभ्रक भस्म, श्वासरोगान्तक वटी, मल्ल सिन्दूर, श्रृंग भस्म, रस सिन्दूर, समीरपन्नग, रस माणिक्य, महाद्राक्षासव
- वातज श्वास में :- दशमूलारिष्ट, प्रताप लंकेश्वर रस
- क्षुद्र श्वास रोग में :- चिंतामणि चूर्ण, लौह भस्म, आनंद भैरव रस, अभ्रक भस्म
- छिन्न श्वास के लिए :- लक्ष्मीविलास रस, वसंत कुसुमाकर रस, अश्वगंधारिष्ट, पूर्ण चंद्रोदय रस
अस्थमा रोग में काम आने वाली आयुर्वेदिक दवा की लिस्ट :-
- श्वास कुठार रस, श्वास चिंतामणि रस, श्वास भैरव रस
- सूर्यावृत्त रस, पिपल्यादि लौह, डामेश्वर रस, भार्गी गुड़
- कंटकारी अवलेह, मल्ल सिंदूर, पन्ना भस्म
- ताम्र सिन्दूर, कनकासव, दशमूल क्वाथ, लवणादि चूर्ण
- श्वासारीघृत, कालेश्वर रस, सितोपलादि चूर्ण
- ताम्र सिन्दूर, श्वास कल्प, त्रिकूट वटी
अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए इन घरेलु नुश्खो/ उपायों को अपनाएं
अस्थमा के उपचार के लिए ये आयुर्वेदिक नुश्खे आप घर पर बना के उपयोग कर सकते हैं | श्वास की समस्या में इनको अपनाने से बहुत फायदा होता है | यहाँ पर हम आपको ऐसे ही प्रभावी 5 आयुर्वेदिक घरेलु नुश्खे बतायेंगे जो अस्थमा का इलाज करने के लिए बहुत कारगर हैं | आइये जानते हैं :-
नुस्खा नम्बर 1
कायफल, अरंडी की जड़, काकड़ा सिंगी, अजवायन, सोंठ, कलौंजी, पीपल और काली मिर्च सभी को समान मात्रा में लेकर महीन चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को दो से चार ग्राम की मात्रा में बकरी के दूध के साथ सेवन करने से श्वास रोग में बहुत फायदा होता है |
नुस्खा नम्बर 2
अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए यह घरेलु उपाय बहुत कारगर है | सोंठ, काली मिर्च, पीपल, भुना हुवा सुहागा सभी को समान मात्रा में लेकर पान के रस के साथ खरल कर लें | अब इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें | इसकी एक एक गोली दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ लेने से अस्थमा रोग में राहत मिलती है |
नुस्खा नम्बर 3
पेठे की जड़ का स्वरस, अथवा उसकी जड़ एवं पत्तो का चूर्ण एक तोला लेकर गर्म जल के साथ सेवन करने से अस्थमा की समस्या में तुरंत लाभ मिलता है |
नुस्खा नम्बर 4
मिश्री 16 तोला, वंश लोचन 8 तोला, छोटी पीपर 4 तोला, छोटी इलायची 2 तोला एवं दाल चीनी एक तोला लेकर महीन चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को एक से तीन ग्राम मात्रा में लेकर असली शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन करें | इसका उपयोग करने से श्वास एवं कफ़ में बहुत राहत मिलती है |
नुस्खा नम्बर 5
अडूसे के बीज, नक छिकनी और बंगलापान सभी को बराबर मात्रा में लेकर भुन लें | रोजाना चार चार रत्ती का सेवन करने से भयंकर श्वास रोग भी ठीक हो जाता है |
अस्थमा रोग के आयुर्वेदिक इलाज से जुड़े आपके सवालों के जवाब / FAQ
क्या अस्थमा का पुर्णतः इलाज संभव है ?
प्रारंभिक अवस्था में आयुर्वेद इलाज लेने पर अस्थमा का पूर्ण इलाज हो सकता है |
अस्थमा का उपचार करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
दवाओं के साथ खान पान और पथ्य अपथ्य का ध्यान रखना बहुत जरुरी है |
अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए किन दवाओं का उपयोग किया जाता है ?
इसके लिए कफ़ नाशक दवाओं का उपयोग किया जाता है |
अस्थमा होने पर क्या नहीं करना चाहिए ?
अत्यधिक श्रम, शीतल पदार्थो का सेवन, कफ वर्धक पदार्थो का सेवन, देर से पचने वाला भोजन
श्वास रोग होने पर क्या करना लाभदायक होता है ?
उचित परहेज करना, समय पर दवा लेना, आराम करना, समय पर सोना, खुली जगह पर रहना
अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज कराने के लिए कहाँ पर जाएँ ?
इसके लिए नजदीकी आयुर्वेद अस्तपाल में सम्पर्क करें |
धन्यवाद ||
Reference :-
- Herbal treatments of asthma: a systematic review
- Clinical efficacy of herbal Padmapatradi yoga in bronchial asthma (Tamaka Swasa)
- Clinical effect of Virechana and Shamana Chikitsa in Tamaka Shwasa (Bronchial Asthma)