Ashokarishta Peene ke fayde : यह आयुर्वेद की शास्त्रोक्त आसव/अरिष्ट कल्पना की औषधि है | इसका निर्माण अशोक छाल एवं अन्य 13 आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों के सहयोग से संधान परिक्रिया के द्वारा किया जाता है |
महिलाओं के लिए यह बहुत ही उपयोगी आयुवेदिक दवा है | इसका प्रयोग रक्तप्रदर, अनियमित माहवारी, गर्भाशय विकार, मंदज्वर (हल्का बुखार), भूख न लगने आदि में करवाया जाता है |
यहाँ निचे हमने Ashokarishta Peene ke Fayde और नुकसान बताएं है | इसका सेवन वैद्य के परामर्श से करना अधिक लाभदायक होता है | वैसे यह बिना पर्चे मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है | परन्तु फिर भी किसी भी आयुर्वेदिक उत्पाद का सेवन अगर निपुण वैद्य की देख रेख में किया जाये तो यह अधिक लाभ देता है |
अशोकारिष्ट पीने के फायदे हमने सूचीबद्ध किये है | अत: इन्हें देख कर आप आसानी से समझ सकते है कि इसको पीने से किन – किन रोगों में लाभ मिलता है |
अशोकारिष्ट पीने के फायदे / Ashokarishta Peene ke fayde in Hindi
- जिन महिलाओं को पीरियड्स के समय पेट दर्द रहता है उन्हें अशोकारिष्ट पीने से बहुत अधिक फायदा मिलता है |
- आर्तव के समय अर्थात माहवारी के समय जिन्हें पीड़ा रहती है एवं हल्का बुखार भी आता है उन्हें आयुर्वेदिक वैद्य अशोकारिष्ट का सेवन बताते है | इसको पीने से माहवारी में पीड़ा एवं बुखार नहीं चढ़ता |
- खुनी बवासीर में अगर जलन और दर्द न हो रहा हो तो एसे में अशोकारिष्ट पीने से खून आना बंद हो जाता है एवं फायदा मिलता है |
- गर्भाशय के भीतर या बाहर घाव होने पर भी आयुर्वेदिक चिकित्सक अन्य औषधियों के साथ अशोकारिष्ट का सेवन बताते है |
- माहवारी के समय अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा हो तो अशोकारिष्ट पीने से लाभ मिलता है | यह रक्त स्राव को रोकने में सक्षम है |
- अधिक रक्तस्राव हो रहा हो एवं साथ में कब्ज की समस्या भी हो तो अशोकारिष्ट के साथ दंत्यारिष्ट पीने से तुरंत लाभ मिलता है |
- माहवारी के समय महिलाओं को कमर में भयंकर दर्द होता है एसे में अशोकारिष्ट पीने से बहुत अधिक लाभ मिलता है |
- इसका सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार नियमित करने से पीरियड्स के समय होने वाले भयंकर कमर दर्द, सिरदर्द, उल्टी आदि से मुक्ति मिलती है |
- इसका मुख्य घटक अशोक है अत: श्वेतप्रदर एवं गर्भाशय को मजबूत बनाने में यह बहुत फायदेमंद औषधि है |
- पांडू रोग अर्थात Anemia (रक्त की कमी) की स्थिति में भी अशोकारिष्ट पीने से बहुत लाभ मिलता है |
- मासिक धर्म के समय रक्त में दुर्गन्ध आती हो तो अशोकारिष्ट पीने से बहुत लाभ मिलता है | यह रक्त की अशुद्धि को दूर करके शीतलता प्रदान करता है जिससे श्वेत एवं रक्तप्रदर से भी मुक्ति मिलती है |
- अशोक गुणों में मधुर, शीतल, सुगन्धित एवं अस्थि को जोड़ने वाला होता है | यह कब्ज को नष्ट करता है |
- योनी भ्रंश या गर्भाशय भ्रंश अर्थात गर्भाशय का बाहर आना आदि समस्या में भी आयुर्वेदिक वैद्य अशोकारिष्ट पीने की सलाह देते है |
- माहवारी के समय पुरुष के साथ संगम करने से महिलाओं में डिम्बकोष का प्रदाह हो जाता है जिसमे पीठ एवं पेट में दर्द, उल्टी होना एवं योनी से पीब निकलने लगता है एसे रोग में भी आयुर्वेदिक चिकित्सक चंद्रप्रभा वटी के साथ अशोकारिष्ट पीने की सलाह देते है एवं यह फायदेमंद भी साबित होता है |
अशोकारिष्ट पीने के नुकसान / Ashokarishta Peene ke Nuksan
निर्देशित मात्रा एवं अनुपान के साथ अगर अशोकारिष्ट को पिया जाये तो इसके कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है | सेवन के लिए अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें | सामान्यत: अशोकारिष्ट को 10 से 15 ML की मात्रा में बराबर जल मिलाकर पीना चाहिए | अधिक मात्रा में सेवन करने से मष्तिष्क में भारीपन एवं सीने में जलन जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है |
वैसे अशोकारिष्ट स्त्रियों की परम मित्र औषधि है | लेकिन उपयोग से पहले चिकित्सक का परामर्श अवश्य लें |
धन्यवाद |