गुड़ के बारे में आप सभी परिचित हैं | स्वास्थ्य के लिए गुड़ बहुत लाभदायक माना जाता है | यह रूचिकारक और रस रक्तादि धातुओं को बढ़ाने वाला होता है | भार्गी या भारंगी गुड़ एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें प्रधान द्रव्य गुड़ और भारंगी की जड़ होती है | यह श्वास और कास रोग में बहुत उपयोगी है |
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भार्गी या भारंगी गुड़ क्या है / What is bhargi gud in hindi
यह पाक अवलेह परिकल्पना की आयुर्वेदिक औषधि है | गुड़, भारंगी की जड़, दशमूल जैसे द्रव्यों से बनी यह दवा बहुत गुणकारी है | यह सभी प्रकार के कास रोगों को नष्ट करने में सक्षम औषधि है | इसके सेवन से दारुण श्वास की समस्या में भी बहुत फायदा होता है |
इस लेख में आप भार्गी गुड़ के घटक द्रव्य, इसे बनाने की विधि, भार्गी गुड़ के फायदे एवं उपयोग के बारे में जानेंगे |
भार्गी (भारंगी) गुड़ के घटक द्रव्य / Bharangi gud ingredients in hindi
इस औषधि को बनाने के लिए निचे दिए गये द्रव्यों की आवश्यकता होती है :-
- भारंगी की जड़ – 6 सेर
- बड़ी हर्रे – 100 नग
- दशमूल – 6 सेर
- गुड़ – 6 सेर
- त्रिकटु – 4 तोला
- यवक्षार – 2 तोला
- त्रिसुगंधी – 4 तोला
- मधु – 30 तोला
जानें भारंगी गुड़ बनाने की विधि / bharangi gud preparation
सबसे पहले भारंगी की जड़, दशमूल और बड़ी हर्रे लेकर पानी में खूब पका लें | ध्यान रखें हर्रे को पोटली बना कर रखें और काढ़ा बन जाने के बाद इस पोटली को निकाल कर हर्रे का गुदा निकाल कर पीस लें |
अब क्वाथ को छान कर इसमें गुड़ डाल कर पका लें | जब पाक बन जाए तो इसमें त्रिकटु, त्रिसुगंधी और यवक्षार मिला लें | अब इसे ठंडा होने दें और ठंडा होने पर इसमें शहद भी मिला लें |
इस तरह से भारंगी गुड़ / भार्गी गुड़ तैयार हो जाता है |
भारंगी गुड़ का सेवन कैसे करें / how to use bharangi gud
इसकी एक से दो तोला मात्रा का सेवन सुबह शाम करें |
भारंगी गुड़ के फायदे एवं उपयोग / bharangi gud uses and benefits
यह औषधि पुराने श्वास और कास (खांसी) के रोगी के लिए अमृत समान औषधि है | खाने में अत्यंत रुचिकारक यह औषधि बहुत गुणकारी है | इसका प्रभाव वातवाहिनी और कफ़ वाहिनी नाड़ियो पर विशेष होता है |
अस्थमा की समस्या में जब दमें का दौरा पड़ता हो तो इसकी एक तोला मात्रा सेवन करके ऊपर से कनकासव या वासरिष्ट एक तोला सामान मात्रा में जल मिलाकर पिने से दौरा रुक जाता है |
इसके सेवन से रस रक्तादि धातुओं की वृद्धि होती है एवं शरीर को बल मिलता है | कास और श्वास का दमन करके शरीर को हष्ट पुष्ट बनाने में यह उपयोगी औषधि है |
नुकसान और सावधानियां / side effects
सामान्यतः इस दवा का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है | चिकित्सक के निर्देशानुसार इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव होने की संभावना नहीं होती है | गर्मियों में इसका सेवन करने से बचना चाहिए |
धन्यवाद ||
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