भागोतर गुटिका : यह खांसी और दमे की समस्या में प्रयुक्त होने वाली आयुर्वेदिक औषधि है | खासकर सुखी खांसी में इसका उपयोग बहुत हितकर होता है | आइये जानते हैं इस दवा के बारे में :-
औषधि का नाम (Name) | भागोतर गुटिका |
स्वरुप (Type) | गोली |
परिकल्पना (Type of medicine) | वटी / गुटिका |
उपयोग (uses) | खांसी, दमा |
फायदे (Benefits) | सुखी खांसी और छाती में जमा कफ़ को निकालने में लाभदायक |
मुख्य घटक (Ingredients) | पारा, गंधक, पीपल, बहेड़ा |
सेवन की विधि (How to use) | 1-1 गोली सुबह शाम द्राक्षारिष्ट के साथ |
दुष्प्रभाव (side effects) | कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं |
Post Contents
भागोतर गुटिका (Bhagotar gutika) क्या है / What is Bhagotar gutika ?
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग खांसी और दमे की समस्या के लिए किया जाता है | इसका निर्माण वटी गुटिका परिकल्पना से किया जाता है | शुद्ध पारा, गंधक, पीपल (छोटी), बहेड़ा, अडूसा की जड़ आदि द्रव्यों के योग से बनी यह औषधि सुखी खांसी एवं छाती में कफ़ जैम जाने जैसी समस्याओं में बहुत उपयोगी साबित होती है | इस लेख में हम इस औषधि से जुड़ी तमाम जानकारी साझा करेंगे |
भागोतर गुटिका के घटक / ingredients of bhagotar gutika
- शुद्ध पारा – एक तोला
- गंधक (शोधित) – दो तोला
- छोटी पीपल – तीन तोला
- हर्रे – चार तोला
- बहेड़ा – पांच तोला
- अडूसा की जड़ एवं छाल – छः तोला
- भारंगी की जड़ – सात तोला
- मुलेठी – आठ तोला
इसके अलावा बबूल की छाल का क्वाथ भावना देने के लिए लिया जाता है |
बनाने की विधि / Method of preparation
भागोतर गुटिका एक शास्त्रोक्त औषधि है | इसे बनाने के लिए सबसे पहले पारा और गंधक की कज्जली बनायी जाती है | अब अन्य जड़ी बूटियों का महीन चूर्ण बना के कज्जली में मिला लिया जाता है | अब इस मिश्रण में बबूल के क्वाथ से 21 भावना दी जाती है | इसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर छाया में सुखा लेते हैं | यही गोलियां भागोतर गुटिका कहलाती हैं |
भागोतर गुटिका के औषधीय गुण / Medicinal properties of bhagotar gutika
- कफ़ नाशक
- वात पित्त शामक
- ज्वर नाशक
- उष्ण वीर्य
- बल वर्धक
सेवन की विधि या कैसे उपयोग करें / How to use bhagotar gutika
कफ़ एवं दमे की समस्या में इसकी एक एक गोली शहद या द्राक्षारिष्ट के साथ सुबह शाम सेवन करें | सेवन से पहले आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरुर लें |
भागोतर गुटिका के फायदे एवं उपयोग / Bhagotar gutika benefits and uses
यह आयुर्वेदिक गोली अत्यंत उपयोगी औषधि है | खांसी और दमे की समस्या में इसका सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है | भागोतर गुटिका के फायदे सुखी खांसी में ज्यादा हैं क्योंकि यह कफ़ निसारक गुणों वाली होती है | इसका सेवन करने से छाती में जमा कफ़ पिघल कर बाहर निकल जाता है |
जब सुखी खांसी हो, कफ़ छाती में जम गया हो और इसके कारण हल्का हल्का बुखार भी आ रहा हो ऐसी समस्या में यह औषधि अत्यंत गुणकारी है | प्रकुपित वात एवं पित्त की को शांत करके यह औषधि इनसे होने वाली समस्याओं में भी लाभ करती है | इसके सेवन से जमा कफ़ निकल जाता है एवं श्वास नली साफ हो जाती है जिससे दम फूलने की समस्या में लाभ होता है |
नुकसान / Side effects
सामान्यतः इस औषधि के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है | चिकित्सक की सलाह से इसका उपयोग करना सुरक्षित है | गर्भवती महिलाओं एवं छोटे बच्चों को इस औषधि का सेवन कराने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर लेनी चाहिए | अधिक समय तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए |
भागोतर गुटिका से जुड़े आपके सवाल / Frequently asked questions
यह खांसी और दमे की उत्तम दवा है | सुखी खांसी में इसका उपयोग बहुत फायदेमंद है |
छाती में कफ़ जम जाने पर द्राक्षारिष्ट के साथ इसका सेवन करना चाहिए |
इसकी एक से दो गोली शहद या द्राक्षारिष्ट के साथ लें |
भागोतर गुटिका का सेवन करने से किसी प्रकार का नशा नहीं होता है |
इस औषधि में पारा, गंधक, पीपल, हर्रे, बहेड़ा, मुलेठी आदि जड़ी बूटियों का उपयोग होता है |
यह शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक दवा है | आप किसी भी विश्वसनीय कंपनी की इस दवा का उपयोग कर सकते हैं |
इस औषधि का सेवन हमेशा चिकित्सक की सलाह से ही करें एवं चिकित्सक द्वारा बताई विधि से ही सेवन करें |
यह भी पढ़ें :-
- विदार्यादी चूर्ण के उपयोग फायदे एवं नुकसान
- नारसिंह चूर्ण क्या है ?
- गंधक वटी के गुण एवं उपयोग
- चंदनादी लौह के फायदे एवं उपयोग