नारसिंह चूर्ण (Narsingh Churna) : गुण उपयोग एवं फायदे

चूर्ण परिकल्पना की औषधियां बनाने में बहुत ही आसान और गुणकारी होती हैं | इसलिए आयुर्वेद में इनका प्रचलन अधिक है | नारसिंह चूर्ण एक वाजीकारक औषधि है जिसका उपयोग बल एवं वीर्य की वृद्धि के लिए किया जाता है | इस चूर्ण को आप आसानी से घर पर बना सकते हैं |

इस लेख में आप नारसिंह चूर्ण के फायदे, गुण उपयोग और इसे बनाने की विधि के बारे में जानेंगे |

नारसिंह चूर्ण क्या है / What is Narsingh churna in hindi

यह एक आयुर्वेदिक चूर्ण है जो बलवर्धक, वीर्यवर्धक और रसायन गुणों वाला है | शतावरी, गिलोय, भिलावा और गोखरू जैसे उपयोगी द्रव्यों से बना यह चूर्ण पुरुषों के लिए बहुत उपयोगी है | इसके सेवन से पुरुष में कामशक्ति का संचार होता है और शरीर भी हष्ट पुष्ट हो जाता है |

नारसिंह चूर्ण के फायदे

आधुनिक समय में जब हमारा खान पान और दिनचर्या बहुत हद तक विकृत हो गयी हैं तथा अन्य बुरी आदतों और नशें के कारण यौन कमजोरियां बहुत कम उम्र में ही युवाओं को जकड़ने लगी है | ऐसे में अगर प्रारम्भ से ही इन बातों का ध्यान रखा जाये और नारसिंह चूर्ण जैसी औषधियों का सेवन किया जाये तो व्यक्ति शारीरिक रूप से हष्ट पुष्ट और काम शक्ति से परिपूर्ण रहेगा |

नारसिंह चूर्ण के घटक द्रव्य / Narsingh churna ingredients in hindi

इस चूर्ण को बनाने के लिए निचे दी गयी जड़ी बूटियों की आवश्यकता होती है :-

  • शतावरी – 64 तोला
  • गोखरू – 64 तोला
  • बाराहीकंद – 80 तोला
  • गिलोय – 100 तोला
  • शुद्ध भिलावा – 128 तोला
  • चित्रक मूल की छाल – 40 तोला
  • तिल – 64 तोला
  • दालचीनी – 11 तोला
  • तेजपता – 11 तोला
  • छोटी इलायची – 11 तोला
  • मिश्री – 180 तोला
  • विदारीकंद – 64 तोला

जानें इसे कैसे बनाते हैं / Narsingh churna Preparation in hindi

चूर्ण परिकल्पना की औषधियों का सबसे बड़ा फायदा यही है की यह बहुत आसानी से तैयार हो जाती है | अगर आप चाहें तो इन्हें आप घर पर भी आसानी से बना सकते हो | उपयोगी जड़ी बूटियां और द्रव्यों के उचित अनुपात का बोध होने पर कोई भी इन्हें बना सकता है | नारसिंह चूर्ण को बनाने के लिए ऊपर बताये गये अनुपात में जड़ी बूटियां लें और उनका महीन चूर्ण बना लें |

नारसिंह चूर्ण का सेवन कैसे करें / How to use narsingh churn in hindi

इसका सेवन 3 से 6 माशे की मात्रा में गाय के घी और शहद के साथ करें | मिश्री मिले दूध के साथ भी इसका सेवन किया जा सकता है | रात में सोने से आधा घंटा पहले इसका सेवन कर सकते हैं या दिन में दो बार खाने के बाद इसका सेवन किया जा सकता है |

नारसिंह चूर्ण के उपयोग एवं फायदे / Narsingh churna uses and benefits in hindi

जैसा आपने ऊपर पढ़ा यह उत्तम वाजीकारक और वीर्य वर्धक रसायन है | कामशक्ति को बढाने के लिए यह बहुत ही सस्ती और सुलभ दवा है | सामान्य यौन कमजोरियां होने पर इसका उपयोग किया जा सकता है | आइये जानते हैं इसके फायदे :-

  • बल एवं वीर्यवर्धक चूर्ण है |
  • शरीर में आयी कमजोरी को दूर करने के लिए उपयोगी है |
  • इसके सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है |
  • यह विर्यवाहिनी नाड़ी को पुष्ट करता है |
  • कामोत्तेजना कम होने पर इसका सेवन करना बहुत फायदेमंद है |
  • यह रस रक्तादि धातुओं की वृद्धि कर शरीर को बलवान बनाता है |
  • किसी रोग के बाद आई कमजोरी में इसे लिया जा सकता है |
  • इसके सेवन से पुरुष में कामशक्ति का संचार होता है |

नारसिंह चूर्ण के नुकसान / Narsingh churna side effects

यह चूर्ण बहुत गुणकारी और शक्तिवर्धक है, आम तौर पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है | चिकित्सक द्वारा बतायी गयी मात्रा में इसे निश्चिन्त हो कर सेवन किया जा सकता है | लेकिन बवासीर, डायबिटीज और लीवर की कमजोरी जैसे रोग होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए |

धन्यवाद ||

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