कृमिघातिनी गुटिका : जैसा आपको नाम से प्रतीत हो रहा है यह पेट के कीड़ो को मारने के लिए काम आने वाली आयुर्वेदिक औषधि है | यह समस्या ज्यादातर बच्चो को पायी जाती है | कृमि रोग हो जाने पर बच्चा बहुत दुबला पतला हो जाता है उसका शरीर सूखने लगता है | आइये जानते हैं इस दवा के बारे में :-
औषधि का नाम (Medicine Name) | कृमिघातिनी गुटिका |
स्वरुप (type of medicine) | गोली / बटी |
आयुर्वेद परिकल्पना (Hypothesis) | वटी / गुटिका परिकल्पना |
मुख्य घटक (Main contents) | काली जीरी, हल्दी, पीपल, निशोथ |
उपयोग (Uses) | कृमि विकार, अपच, अतिसार, ज्वर आदि |
सेवन की विधि (how to use) | 1-1 गोली सुबह शाम शहद या पानी से (बच्चों को आधा गोली ही दें ) |
विशेष प्रभाव (Special effect) | बच्चों को पेट के कीड़े की समस्या में |
दुष्प्रभाव (Side effects) | कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं |
कृमिघातिनी गुटिका क्या है इसके फायदे गुण एवं उपयोग / Krimi ghatini gutika uses, benefits and medicinal properties
यह गुटिका (वटी) परिकल्पना की आयुर्वेदिक औषधि है | यह बीस प्रकार के कृमि रोगों में काम आने वाली दवा है | इसका सेवन बड़े बुजुर्ग, जवान और बच्चे सभी कर सकते हैं | खास तौर पर बच्चों को होने वाले कृमि विकार (पेट के कीड़े) में यह अत्यंत लाभदायक है | इस औषधि में काली जीरी, निशोथ, पीपल एवं हल्दी जैसी जड़ी बूटियों का योग होता है |
घटक द्रव्य / ingredients
इस औषधि को बनाने के लिए निम्न जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है | आइये जानते कृमिघातिनी गुटिका के घटक क्या हैं –
इन सभी जड़ी बूटियों को समान मात्रा में लेना होता है |
बनाने की विधि / preparation method
यह औषधि आप आसानी से घर पर भी बना सकते हैं | इसके लिए उपर बताई जड़ी बूटियों का समान मात्रा में लेकर उनका महीन चूर्ण बना लें | अब इसको अच्छे से पानी के साथ खरल कर लें | जब यह गोली बनाने लायक हो जाए तो इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें | इस तरह से कृमिघातिनी गुटिका तैयार हो जाती है |
कृमिघातिनी गुटिका का सेवन कैसे करें / How to use krimi ghatini gutika
इसकी एक गोली दिन में दो बार शहद के साथ लें | बच्चों को इसकी आधी गोली शहद के साथ खिलाएं |
कृमि घातिनी गुटिका के उपयोग एवं फायदे / Krimi ghatini gutika uses and benefits
यह बटी (गुटिका) बीस प्रकार के कृमि रोगों को नष्ट कर देती है | बच्चों के पेट के कीड़े मारने के लिए यह बहुत उत्तम औषधि है | कृमि रोग विशेष कर बच्चों को होता है | इस रोग में बच्चा सूखने लगता है | इस रोग में पेट दर्द, अपच, पतले दस्त होना, पेट कड़ा रहना, ज्वर आदि विकार हो जाते हैं | इससे बच्चा चिडचिडा हो जाता है एवं रोने लगता है | ऐसे में कृमिघातिनी गुटिका का सेवन कराने से कृमि रोग नष्ट हो जाता है एवं बालक स्वस्थ और हष्ट पुष्ट हो जाता है |
इस औषधि को निम्न रोगों में उपयोग किया जाता है :-
- कृमि रोग
- ज्वर
- मंदाग्नि
- अतिसार
- अपच
- वमन
- पेट फूलना
इन सभी रोगों में कृमिघातिनी गुटिका का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है | इसका उपयोग बालक, जवान और वृद्ध सभी कर सकते हैं |
कृमिघातिनी गुटिका के नुकसान / side effects
इस औषधि का कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है | चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका उपयोग करने से किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है | बच्चो को सेवन कराते समय ध्यान रखें की इसकी आधी ही गोली खिलाएं |
FAQ / सवाल जवाब
यह कृमि रोग की दवा है | बच्चों को पेट के कीड़े होने की समस्या में यह बहुत उत्तम औषधि है |
इसकी एक गोली दिन में दो बार शहद के साथ लें | बच्चों को आधी गोली दें |
इसका उपयोग अन्य दवाओ के साथ किया जा सकता है |
निसोथ, काली जीरी, हल्दी, पीपल एवं पलाश के बीज आदि |
इस औषधि का कोई दुष्प्रभाव नहीं है |