भारत देश में प्राचीन समय से ही पीपल के पेड़ की पूजा करने का विधान है ऐसा इसलिए नहीं की पीपल के पेड़ पर लोग टोना टोटका करते है बल्कि इसलिए है क्योकि पीपल का पेड़ बाकि पेड़ो से अधिक हमे ऑक्सीजन प्रदान करता है | इसीलिए हमारी संस्कृति में इसे पूज्य एवं पवित्र माना है | अन्य वृक्षों की तरह पीपल रात में कार्बनडाई ऑक्साइड नहीं छोड़ता बल्कि पीपल रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है | पीपल में जलियंस भी अन्य पेड़ो की अपेक्षा अधिक होता है | कहावत है कि पीपल के पेड़ में भगवान ब्रह्मा विराजते है इसमें कोई झूठ भी नहीं है क्योकि इतने उपयोगी और पवित्र वृक्ष को हमारी संस्कृति भगवान् स्वरूप ही मानती है क्योकि जो इतना पवित्र , उपयोगी , वैज्ञानिक और प्रमाणित है वही तो ब्रह्मा है |
पीपल (Sacred fig) के औषधीय लाभ
पीपल का पता , फल , गोंद और दूध औषधि स्वरूप काम में लिया जाता है | आज की इस पोस्ट में हम आपको पीपल के औषधीय उपयोगो के बारे में बताएँगे –
1. वीर्य पुष्ट करे एवं नापुसकता को मिटाए
पीपल पर लगने वाले फल ( पिपरी ) को छाँव में सुखा ले , सूखने के बाद इसका महीन चूर्ण बना ले | अब इस चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में 250 ml दूध के साथ 15 दिन तक सेवन करे | ये प्रमाणित नुस्खा है जो आपके सोये हुए यौवन को फिर से जगा देगा |
पीपल के सूखे गोंड को गेंहू के आटे में हलवा बना कर खाए | यह नुस्खा भी वीर्य को पुष्ट करता है एवं इस नुस्खे से महिलाओ के प्रदर रोग में भी लाभ पंहुचता है |
2. श्वास रोग में
श्वास रोग में पीपल की छाल को एक हांड़ी में भरकर मुंह बंद करदे | अब इस हांड़ी को उपलों के आग में चार – पांच घंटे तक रखे | जब उपलों के आग ठंडी हो जाये तो इस हांड़ी को निकल कर इसमें बची राख को किसी शीशी में भर ले | इस राख को तीन रति की मात्रा में प्रतिदिन दिन में दो बार शहद के साथ सेवन करे | श्वास रोग में आशातीत लाभ मिलेगा |
3. पेट के रोग में
पीपल के पक्के हुए सूखे फल – 5 ग्राम , छोटी हरेड – 5 ग्राम , सौंफ – 5 ग्राम तथा मिश्री 15 ग्राम की मात्रा में ले | अब इन सब को कूट पीसकर चूर्ण बना ले | इस चूर्ण का सेवन तीन ग्राम की मात्रा में रोज रात को सोते समय दूध के साथ करे | पेट के सभी रोगों में लाभ मिलेगा |
4. हृदय रोग में
पीपल के फलो का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ लेने से हृदय रोग में लाभ मिलता है एवं खून का संचार सही तरीके से बना रहता है |
5. आँखों के रोगों में
पीपल का दूध आँखों के कई रोग को ठीक करता है | पीपल के पते तोड़ने से जो दूध निकलता है उसे थोड़ी मात्र में आँखों में लगाने से आँखों का दुखना , आँखों की सुजन और आँखों में आई हुई लालिमा ठीक हो जाती है |
6. पैरो की बिवाइयो में
पीपल के दूध को फटी हुई एडियो में लगाया जाये तो कुछ ही दिनों में फटी हुई एडिया ठीक होजाती है |
7. बवासीर में
बवासीर होने पर पीपल और नीम की पतियों को सामान मात्रा में लेकर पिस ले | इस लुग्धि को बवासीर के मस्सो पर चार – पांच दिन लगाए | आपके मस्से सुख जायेंगे |
8. दांतों के स्वस्थ्य के लिये
पीपल की टहनी से दान्तुन करने से दांतों के सभी रोग जैसे – दांतों का पिलापन , दांतों में कीड़े लगना , मुंह की दुर्गंद , मसुडो की सुजन आदि रोगों में लाभ मिलता है |
9. कान दर्द
अगर आप कान दर्द से परेशां है तो | पीपल की चार – पांच पतियों को पिस कर इसका रस निकल ले | अब इस रस की दो बूंद दुखते कान में डाले तुरंत रहत मिलेगी |
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धन्यवाद