याकुती रसायन आयुर्वेद में रस शास्त्र की औषधि है, हृदय की दुर्बलता और सन्निपात ज्वर में इस रसायन का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है | कमजोरी के कारण हृदय में होने वाली वेदना, पाचन विकार, साँस फूलना जैसी समस्या में इस दवा का उपयोग करना बहुत हितकारी होता है |
Post Contents
याकुती रसायन क्या है / What is yakuti rasayan ?
रस रसायन परिकल्पना की यह औषधि हृदय की कमजोरी के लिए उपयोग में ली जाती है | माणिक्य पिष्टी, मुक्ता पिष्टी, स्वर्ण वर्क और कस्तूरी जैसे गुणकारी द्रव्यों के योग से इसको बनाया जाता है | शारीरिक कमजोरी के कारण आयी हृदय की दुर्बलता में इसका सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है | इस लेख में हम याकुती रसायन के घटक द्रव्य, इसे बनाने की विधि और इसके फायदे एवं उपयोग के बारे में बतायेंगे |
याकुती रसायन के घटक द्रव्य क्या हैं / Yakuti rasayan ingredients
इस औषधि को बनाने के लिए निचे दिए गये घटकों की आवश्यकता होती है :-
- माणिक्य पिष्टी, पन्ना पिष्टी
- मुक्ता पिष्टी, प्रवाल पिष्टी
- कहरवा पिष्टी, चंश्वेदय
- सोने का वर्क
- अम्बर, कस्तूरी
- अबरेशम, केशर
ये सभी दो दो तोला की मात्रा में लें | इसके अलावा निचे बताई गयी सामग्री एक एक तोला लें |
- सफ़ेद और लाल बहमन
- जायफल, लौंग
- सफ़ेद मिर्च
- गुलाब का अर्क – मर्दन के लिए
जानें इस रसायन को कैसे बनाते हैं / Yakuti rasayan banane ki vidhi
इस औषधि का निर्माण रस रसायन परिकल्पना के अनुसार होता है | याकुती रसायन बनाने के लिए निम्न विधि का उपयोग किया जाता है :-
- सबसे पहले चंश्वेदय को महीन पीसना होता है |
- अन्य द्रव्यों का महीन चूर्ण बना लें |
- अब सब को आपस में मिला लें और सोने का वर्क भी इनमे मिला लें |
- अब गुलाब का अर्क उपयोग करके इनका मर्दन करें |
- इस तरह से 21 दिन तक इनका मर्दन करना होता है |
- ध्यान रखें कस्तूरी और अम्बर को मर्दन के अंतिम दिन मिलावें |
- मर्दन के बाद गोली बना कर छांव में सुखा लें |
इस तरह से याकुती रसायन तैयार हो जाता है |
याकुती रसायन के फायदे एवं उपयोग क्या हैं / Yakuti rasayan benefits and uses
यह बहुत ही गुणकारी औषधि है | इसका सेवन करने से हृदय में उत्पन्न दुर्बलता, शरीर ठंडा पड़ जाना, थोड़ा सा चलने पर ही सांस फूलने लग जाना, सन्निपात ज्वर, बेचैनी रहना और नींद न आना जैसे प्रकोप नष्ट हो जाते हैं | इसका असर हृदय और पाचन संस्थान पर विशेष होता है | इसलिए यह हृदय की वेदना, अनियमित धडकन, पाचन विकार, निस्तेज और दौर्बल्य की अवस्था में बहुत असरदार दवा का काम करता है | आइये जानते हैं रोगानुसार इसके फायदे :-
हृदय की दुर्बलता में याकुती रसायन के फायदे
जब अनुचित खान पान या शारीरिक कमजोरी की वजह से हृदय में कमजोरी आ गयी हो और इस वजह से सिने में दर्द होना, बेचैनी रहना, नींद न आना जैसी समस्या हो तो याकुती रसायन का सेवन करना चाहिए | इसकी एक एक गोली सुबह शाम आंवले के मुरब्बे के साथ सेवन करने से बहुत लाभ होता है |
मानसिक विकार या कमजोरी में याकुती रसायन के फायदे एवं उपयोग क्या हैं ?
अत्यधिक मानसिक श्रम करने वालों को मानसिक विकार हो जाते हैं | इससे मस्तिष्क निर्बल बन जाता है और अनेकों तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं | इस समस्या में याकुती रसायन के साथ ब्राह्मी रसायन का सेवन करने से बहुत लाभ होता है और मानसिक व्याकुलता कम होती है |
स्मरण शक्ति बढाता है याकुती रसायन
यह मस्तिष्क पर विशेष प्रभाव करता है | इसके सेवन से मानसिक वेदना समाप्त होती है और यादाश्त बढती है | मक्खन मलाई के साथ इसका सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ जाती है |
शुक्र क्षय से आयी कमजोरी में याकुती रसायन का उपयोग करें
किसी रोग या बुरी आदत के कारण अधिक समय तक शुक्र क्षय हो जाने के कारण शरीर बहुत कमजोर हो जाता है | ऐसे में भूख न लगना, कांति हीनता, दुर्बलता एवं व्याकुलता जैसे विकार हो जाते हैं | ऐसे में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए इस रसायन का सेवन करने से नवीन वीर्य का निर्माण होता है और शरीर पुनः हष्ट पुष्ट और कांतियुक्त हो जाता है |
सन्निपात ज्वर में याकुती रसायन के फायदे
जीर्ण ज्वर और सन्निपात ज्वर में शरीर अत्यंत कमजोर हो जाता है और नाड़ी की गति धीमी पड़ जाती है | इस अवस्था में यह रसायन बहुत उपयोगी होता है | इसका सेवन करने से दुर्बलता दूर होती है और नाडी का संचालन नियमित हो जाता है |
धन्यवाद
यह भी पढ़ें :-
- घर पर बनायें ये आयुर्वेदिक चूर्ण
- गर्भविलास तेल के फायदे एवं उपयोग
- बादाम पाक कैसे बनाते हैं ?
- वेदनान्तक रस है दर्द की आयुर्वेदिक दवा
- सोमरोग क्या है, जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार