बिल्वादी चूर्ण एक आयुर्वेदिक चूर्ण है जिसका उपयोग संग्रहणी (IBS) रोग और अन्य पाचन से संबंधित समस्याओं में किया जाता है | इसमें मुख्य द्रव्य बेल की गिरी होती है | बेल (बिल्व) एक दैवीय पौधा है | भारतीय संस्कृति में बेल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है एवं इसके पत्तो का उपयोग पूजा आदि के लिए किया जाता है | बेल के फल का शरबत हमारे यहाँ बहुत अधिक प्रचलित है यह अत्यंत स्वास्थ्य वर्धक होता है | पाचन संबंधित सभी विकारों में बेल के फल का उपयोग पुरातन समय से ही किया जाता रहा है |
संग्रहणी जैसे जटिल रोग में बिल्वादी चूर्ण का उपयोग बहुत फायदेमंद रहता है | यह आंतो के सभी विकारों को दूर करने की क्षमता रखता है | आप निचे दी गयी सारणी से इस चूर्ण के बारे में जान सकते हैं :-
औषधि का नाम | बिल्वादी चूर्ण या बेल गिरी चूर्ण |
प्रकार / परिकल्पना | चूर्ण परिकल्पना की दवा |
मुख्य घटक | बेल गीरी |
औषधीय गुण | पाचक, रक्तस्राव रोधक, रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी, ग्राही |
उपयोग | संग्रहणी, पाचन विकार, भूख की कमी, कब्ज, पेट दर्द, रक्त की कमी |
सेवन की विधि | 3 ग्राम मात्रा में शीतल जल, अनार के रस या छाछ के साथ दिन में दो बार |
समयावधि | एक महीने तक चिकित्सक की सलाह से |
नुकसान | कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं |
सावधानियां | बिना चिकित्सक की सलाह के न लें |
Post Contents
बिल्वादी चूर्ण क्या है / What is Bilwadi churna ?
यह एक आयुर्वेदिक चूर्ण है जिसको बेल गीरी, सोंफ, धनियाँ, हिंगू जैसी जड़ी बूटियों से बनाया जाता है | यह चूर्ण संग्रहणी रोग की प्रसिद्ध दवा है | अपने पाचन और जीवाणुरोधी गुणों के कारण आन्त्रिक विकारों में यह बहुत फायदेमंद है | पेचिश, मरोड़ उठना, दस्त, पेट भारी रहना जैसी सभी समस्याओं में यह चूर्ण बहुत उपयोगी दवा का काम करता है |
बिल्वादी चूर्ण के घटक क्या हैं / Bilwadi Churna composition and contents
इस चूर्ण का मुख्य घटक बेल फल की गीरी है | बेल फल पेट की समस्याओं में बहुत उपयोगी होता है | इसके सभी घटक निम्न हैं :-
- बेल गिरी
- मोचरस
- सोंठ
- भांग
- धाय के फूल
- सोंफ
- धनियां
बेल गिरी, मोचरस, सोंठ, भांग, धाय के फूल का एक एक भाग, धनियां दो भाग और सौंफ चार भाग लें |
बिल्वादी चूर्ण कैसे बनाएं / How to prepare Bilwadi Churna ?
आयुर्वेद में चूर्ण परिकल्पना की दवाओं का सबसे बड़ा लाभ यह होता है की इन्हें आसानी से तैयार किया जा सकता है | उपर बताये द्रव्यों को लेकर आप भी आसानी से घर पर इसे बना सकते हैं | सबसे पहले बेल गिरी, सोंठ और मोचरस के छोटे छोटे टुकड़े कर लें | अब सभी द्रव्यों को कड़ाही में डाल कर हल्की आंच पर भून लें | अब इनका चूर्ण बना लें | इस तरह आसानी से बिल्वादी चूर्ण तैयार हो जाता है |
सेवन एवं अनुपान की जानकारी / How to use Bilwadi Churna
यह आयुर्वेदिक चूर्ण एक शास्त्रोक्त औषधि है | इसकी 3 से 4 ग्राम मात्रा का सेवन ठन्डे जल, छाछ या अनार के रस के साथ करें | अतिसार की समस्या में इसका उपयोग रस पर्पटी के साथ करने से फायदा होता है | संग्रहणी रोग में इसको पंचामृत पर्पटी के साथ उपयोग करना फायदेमंद है |
बिल्वादी चूर्ण के औषधीय गुण / Bilwadi churn medicinal properties
बेल, सौंफ, धनियां जैसे औषधीय घटकों से बना यह चूर्ण अत्यंत गुणकारी है | आइये जानते हैं इसके प्रमुख औषधीय गुण क्या हैं :-
- पाचक – यह पाचन शक्ति बढाता है |
- जीवाणु नाशक – इसमें हानिकारक जीवाणुओं को ख़त्म करने वाले गुण होते हैं |
- अतिसार नाशक – यह अतिसार रोग को नष्ट करता है |
- रक्त स्राव रोधक – यह रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है |
- यह जठराग्नि को प्रदीप्त करता है एवं भूख बढाता है |
बिल्वादी चूर्ण के त्रिदोष प्रभाव / Effects of Bilwadi churn on Dosha
इसका सेवन किसी भी दोष प्रकृति वाला व्यक्ति कर सकता है | यह पित्त दोष को दूर करता है, वात दोष को शांत करता है और कफ़ दोष को कम करता है |
बिल्वादी चूर्ण के फायदे एवं उपयोग / Bilwadi churna uses and benefits
बेल, सौंफ, धनिया, सोंठ जैसे द्रव्यों से बनी यह दवा IBS रोग की सुप्रसिद्ध दवा है | यह औषधि पाचक और भूख बढ़ाने वाली है | इसके साथ ही यह अतिसार रोग में भी बहुत असरदार है | खाने के बाद पेट भारी होना, मरोड़ उठना जैसी समस्याओं में इस दवा का उपयोग करना बहुत उपयोगी रहता है | आइये जानते हैं रोगानुसार बिल्वादी चूर्ण के उपयोग एवं फायदे :-
संग्रहणी (IBS) रोग में लाभदायक है बिल्वादी चूर्ण / Bilwadi churna benefits in Irritable bowel syndrom
संग्रहणी एक बहुत ही जटिल रोग है | इस रोग में व्यक्ति का पाचन तंत्र पूरी तरह से बिगड़ जाता है | कुछ भी खाया पिया नहीं लगना और कब्ज दस्त जैसी समस्या इस रोग में निरंतर बनी रहती है | बिल्वादी चूर्ण अपने गुणों के कारण इस रोग में बहुत उपयोगी साबित होता है | इस रोग में रस पर्पटी या पंचामृत पर्पटी के साथ इस चूर्ण का सेवन करने से IBS रोग में बहुत लाभ होता है | पथ्य अपथ्य के अनुसार अगर इस दवा का सेवन किया जाए तो संग्रहणी रोग से छुटकारा पाया जा सकता है |
भूख बढ़ाने में उपयोगी है बिल्वादी चूर्ण / Bilwadi Churna uses for loss of apatite
जठराग्नि मंद हो जाने और आन्तरिक विकारों के कारण भूख नहीं लगने की समस्या हो जाती है | इससे शरीर दुर्बल और कांतिहीन हो जाता है | बिल्वादी चूर्ण अपने पाचक और दीपन गुणों के कारण भूख न लगने की समस्या में बहुत गुणकारी है | इसके सेवन से जठराग्नि प्रदीप्त होती है और भूख लगती है |
उल्टी दस्त की समस्या में फायदेमंद है बिल्वादी चूर्ण / Bilwadi churna benefits in Diarrhea
खाना खाने पर उल्टी हो जाना और दस्त की समस्या में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है | अपने ग्राही गुणों के कारण यह उल्टी दस्त जैसे विकारों में अत्यंत उपयोगी साबित होता है | इसके सेवन से पुराने और तीव्र दस्त की समस्या भी ठीक हो जाती है |
पेचिश ठीक करने के लिए उपयोगी है बिल्वादी चूर्ण / Bilwadi churna uses for Dysentery
पेचिश की समस्या बहुत दर्द दायक होती है | खुनी दस्त लगना, दर्द के साथ मरोड़ उठना जैसी परेशानी इस रोग में देखने को मिलती है | अपने अद्भुत औषधीय गुणों के कारण पेचिश की समस्या में यह चूर्ण बहुत उपयोगी साबित होता है | इसका सेवन रस पर्पटी के साथ करने पर इस रोग में राहत मिलती है |
कोलाइटिस (आंतो में सुजन) में लाभकारी है बिल्वादी चूर्ण / Bilwadi churn useful in Colitis
कोलाइटिस की समस्या में बिल्वादी चूर्ण के सेवन से अच्छा असर देखने को मिलता है | इस रोग में इसका सेवन मुक्ता पिष्टी, प्रवाल पिष्टी और वंशलोचन जैसी औषधियों के साथ किया जा सकता है |
नुकसान एवं सावधानियां / Side effects and precautions
बिल्वादी चूर्ण एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधि है | सामान्यतः इसका किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है | चिकित्सक के दिशा निर्देशों के अनुसार इसका सेवन करने पर यह कोई नुकसान नहीं करता है | किसी भी रोग या कमजोरी की अवस्था में इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है |
सामान्य सवाल जवाब / FAQ related to Bilwadi churna
बिल्वादी चूर्ण क्या है ?
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग पाचन विकारों में किया जाता है |
बिल्वादी चूर्ण का उपयोग कैसे करें ?
इसकी 3 ग्राम की मात्रा का सेवन दिन में दो से तीन बार ठन्डे जल के साथ लें चिकित्सक की सलाह से लें |
क्या बिल्वादी चूर्ण का उपयोग करने से IBS रोग ठीक हो जाता है ?
संग्रहणी रोग (IBS) में यह औषधि बहुत उपयोगी है |
इसका सेवन कितने दिनों तक किया जा सकता है ?
इस औषधि का सेवन एक से दो माह तक चिकित्सक की सलाह के साथ किया जा सकता है |
क्या इसका उपयोग अंग्रेजी दवाओं के साथ किया जा सकता है ?
डॉक्टर की सलाह के साथ इसका सेवन अंग्रेजी दवाओं के साथ कर सकते हैं |
क्या बिल्वादी चूर्ण घर पर बना सकते हैं ?
घरेलु उपयोग के लिए इसको घर पर शास्त्रोक्त विधि से बनाया जा सकता है |
बिल्वादी चूर्ण के क्या नुकसान हैं ?
अभी तक इस औषधि के कोई विशेष दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं है | यह सुरक्षित है |