अमृतारिष्ट (Amrutarishta) : गुण, उपयोग, फायदे एवं सेवन की विधि

अमृतारिष्ट : प्रकृति में ऐसे अनेकों वनस्पतियां और जड़ी बूटियां हैं जो स्वास्थ्यवर्धक और औषधीय गुणों से युक्त है | हमारे ऋषि मुनियों ने प्रकृति में संचित इस खजाने को पहचाना और रोगों से बचने और उन्हें ठीक करने के लिए बहुत सी औषधियों का निर्माण किया | गिलोय एक ऐसी ही वनस्पति है जिसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण उसे आयुर्वेद की अमृता के नाम से जाना जाता है | अमृतारिष्ट गिलोय और अन्य जड़ी बूटियों से बनी आयुर्वेदिक औषधि है जो ज्वर और दर्द नाशक गुणों से युक्त है | निचे दी गयी सारणी के माध्यम से आप इसके बारे में जान सकते हैं :-

औषधि का नाम अमृतारिष्ट, अमृतारिष्टम
प्रकार अरिष्ट परिकल्पना की औषधि
स्वरुपतरल पेय / सिरप
प्रधान द्रव्य गिलोय
औषधीय गुण पित्त शामक, वात एवं कफ नाशक,
शोथ नाशक, रक्त शोधक, पाचक
सभी ज्वर ठीक करने वाला
उपयोग ज्वर, लिवर की कमजोरी, ख़राब पाचन,
रक्त की कमी, इम्युनिटी बढ़ाने के लिए,
भूख बढ़ाने के लिए
सेवन की विधि 10 ml खाने के बाद दिन में दो बार /
चिकित्सक के परामर्श से
अनुपान बराबर मात्रा में जल के साथ
सावधानियां किसी अन्य दवा के साथ सेवन करना
हो तो एक घंटे का अंतराल रखें
समयावधिएक से दो महीने तक सेवन किया जा सकता है
अमृतारिष्ट

Post Contents

अमृतारिष्ट क्या है / What is Amrutarishta ?

यह गिलोय, दशमूल और त्रिकटु जैसे द्रव्यों से बनी आयुर्वेदिक औषधि है जिसको अरिष्ट परिकल्पना की विधि से तैयार किया जाता है | किसी भी प्रकार का ज्वर, टाइफाइड, भूख न लगना, लिवर की कमजोरी, जलन होना, पीलिया और बार बार पेशाब लगना जैसी सभी समस्याओं में इसका उपयोग किया जाता है | इम्युनिटी बढाने के लिए यह औषधि बहुत उपयोगी है | चिकित्सक द्वारा दिए निर्देशों के अनुसार उपयोग करने पर शरीर रोग मुक्त होकर हष्ट पुष्ट हो जाता है |

अमृतारिष्ट के फायदे

अमृतारिष्ट के घटक क्या हैं / Composition and contents of Amrutarishta

इसमें क्वाथ द्रव्य और प्रक्षेप द्रव्य का अलग अलग प्रयोग किया जाता है |

क्वाथ द्रव्य / Amrutarishta kwath ingredients :-

  • गिलोय – 5 किलोग्राम
  • दशमूल – 5 किलोग्राम

प्रक्षेप द्रव्य :-

  • गुड़ – 5 किलोग्राम
  • धाय के फूल – 500 ग्राम
  • सफ़ेद जीरा – 1 किलोग्राम
  • पित्तपापड़ा – 100 ग्राम
  • सोंठ, मिर्च, पीपल, नागरमोथा – सभी 50-50 ग्राम
  • नागकेशर, कुटकी, अतीस, इन्द्रजौ, सप्तप्रण की छाल – प्रत्येक 50 ग्राम

अमृतारिष्ट कैसे बनाया जाता है / Method of preparation

इस औषधि का निर्माण अरिष्ट विधि से किया जाता है | इसके लिए सबसे पहले गिलोय और दशमूल का जौकुट चूर्ण बना लें | अब इस चूर्ण से क्वाथ तैयार कर लें | क्वाथ को छान कर इसमें गुड़ और अन्य प्रक्षेप द्रव्य चूर्ण बना मिला लें | इस घोल को अब मिट्टी के चिकने में घड़े में डाल लें और संधान करके एक महीने के लिए छोड़ दें |

एक महीने बाद इसे निकाल कर छान लें | इस तरह अमृतारिष्ट तैयार हो जाता है, आप इसका उपयोग दवा के रूप में कर सकते हैं |

अमृतारिष्ट सेवन करने की विधि / How to use Amrutarishta ?

15 से 20 ml दिन में दो बार खाने के बाद बराबर मात्रा में पानी मिला कर लें |

बायोलॉजिकल और केमिकल प्रभाव / Biological and chemical effects on body

  • आमापाचन
  • आमवातघन
  • आयुषप्रद
  • बल्य
  • दीपनीय
  • ज्वरहर
  • शुलनाशक

अमृतारिष्ट के उपयोग एवं फायदे / Amrutarishta uses and benefits

यह औषधि इसके नाम के अनुसार अमृत योग्य है | इसके सेवन से सभी प्रकार के ज्वर और उसके कारण आयी निर्बलता दूर होती है | यह टाइफाइड और पीलिया जैसे रोगों में भी असरदार है | महिलाओं में प्रसुत ज्वर में भी इसका उपयोग किया जाता है | गिलोय के गुणों के कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है एवं ज्वर और दर्दनाशक भी है | आइये जानते है रोगानुसार इसके फायदे एवं उपयोग :-

रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाता है अमृतारिष्ट / Amrutarishta as Immunity booster

इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट और इम्मुनो मोडूलेटरी गुण होते हैं | इसके सेवन से इम्युनिटी बढ़ती है |

ज्वर नाशक है अमृतारिष्ट / Amrutarishta is beneficial in fever

गिलोय और दशमूल के गुणों के कारण यह सभी प्रकार के बुखार को ठीक करने की क्षमता रखता है | आधुनिक समय में जहाँ पेरासिटामोल जैसे ड्रग का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में इस रोग के लिए किया जा रहा है और इसके कारण बहुत से दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं | ऐसे में अमृतारिष्ट बुखार के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है |

टाइफाइड में अमृतारिष्ट के फायदे / Benefits in typhoid

यह एक बल्यवर्धक गुणों वाला रसायन है | इसके सेवन से बुखार तो ठीक होता ही है साथ ही शरीर में सभी धातुओं की वृद्धि हो कमजोरी भी दूर होती है | टाइफाइड जैसे रोग में इसके सेवन से बहुत अच्छा लाभ देखने को मिलता है |

पीलिया रोग में भी उपयोगी है अमृतारिष्ट / Amrutarishta uses in jaundice

पीलिया रोग में जब शरीर में रक्ताणुओं की कमी हो शरीर पिला पड़ जाता है और शरीर कमजोर हो जाता है तो इस दवा का सेवन उपयोगी होता है | इसके सेवन रक्त रसादि धातुओं की वृद्धि होती है और पीलिया रोग में लाभ मिलता है |

महिलाओं के लिए फायदेमंद है अमृतारिष्ट / Amrutarishta uses for women

प्रसव के बाद महिलाओं को अनेक तरह की व्याधियां होने का खतरा रहता है | इसमें बुखार और कमजोरी आ जाना अधिकतर देखने को मिलता है | अमृतारिष्ट प्रसूता को होने वाले ज्वर में बहुत फायदेमंद औषधि है | इसके सेवन से रक्त की भी वृद्धि होती है |

पाचन शक्ति बढ़ाता है अमृतारिष्ट / Amrutarishta improves digestion

गिलोय और दशमूल के गुणों से युक्त यह औषधि लिवर के लिए बहुत उपयोगी है | यह दीपन और पाचन गुणों वाली औषधि है | इसके सेवन से खाया पिया पच जाता है और शरीर हष्ट पुष्ट होता है |

दुष्प्रभाव एवं सावधानियां / Side effects and precautions

आसव अरिष्ट प्रकरण की औषधियों में एल्कोहोल की कुछ मात्रा होती है | इनमें 5 से 10 प्रतिशत तक एल्कोहोल रहती है | इसलिए चिकित्सक द्वारा बतायी गयी मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए | इसके अलावा अन्य औषधियों के साथ इसका सेवन करना हो तो लगभग एक घंटे का अन्तराल रख के उपयोग करना सही रहता है |

अमृतारिष्ट से जुड़े सवाल / FAQ related to amrutarishta

अमृतारिष्ट का क्या उपयोग है ?

यह एक आयुर्वेदिक सिरप है | जिसका उपयोग बुखार, पीलिया, टाइफाइड और भूख न लगने की समस्या में किया जाता है |

अमृतारिष्ट में कितना एल्कोहोल होता है ?

इसमें लगभग 10 प्रतिशत एल्कोहोल पाया जाता है |

क्या इसका सेवन करने के बाद गाड़ी चला सकते हैं ?

इसमें एल्कोहोल की मात्रा बहुत कम होती है और इसका सेवन भी कम मात्रा में किया जाता है इसलिए गाड़ी चलाने में कोई खतरा नहीं रहता है |

क्या अमृतारिष्ट के सेवन से वजन बढ़ता है ?

यह पाचन और दीपन गुणों वाला है इसके सेवन से भूख सही से लगती है और खाया पिया पच जाता है | इसलिए वजन बढाने के लिए उपयोगी है |

इसका सेवन कितने दिनों तक करना होता है ?

आप समस्या के अनुसार एक महीने तक इसका उपयोग कर सकते हैं | इसके लिए आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरुरी है |

क्या अमृतारिष्ट का सेवन अन्य दवाओं के साथ किया जा सकता है ?

इसका सेवन चिकित्सक के बताये अनुसार अन्य दवाओं के साथ किया जा सकता है | इसमें कुछ समय का अंतराल रखना सही रहता है |

किस कम्पनी की अमृतारिष्ट सबसे अच्छी है ?

यह एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधि है | बैद्यनाथ, डाबर, धूतपापेश्वर, उंझा, साधना, पतंजलि और केरला आयुर्वेद जैसी कंपनी की दवा का उपयोग कर सकते हैं |

अमृतारिष्ट की कीमत कितनी होती है ?

यह 450 ml के पैक में 250 रूपये तक उपलब्ध हो जाती है |

अगर आपको हमारा यह लेख उपयोगी लगा हो तो कमेंट करके बताएं | धन्यवाद ||

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सन्दर्भ / reference

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