मूत्रल कषाय मूत्राशय के विकारों के लिए अत्यंत उपयोगी दवा है | पेशाब में जलन होना, पेशाब कम आना, साफ नहीं आना और गुर्दे की शोथ में इसका उपयोग होता है | इसमें पुनर्नवा, गोखरू, ईख और कासनी के बीज जैसी जड़ी बूटियों का योग होता है जो मूत्राशय और गुर्दे की समस्याओं में बहुत लाभदायक होती हैं | इस लेख में हम मूत्रल क्वाथ क्या है, इसके घटक, बनाने की विधि और मूत्रल कषाय के फायदे के बारे में जानेंगे |
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मूत्रल कषाय क्या है / what is Mutral Kashaya ?
आयुर्वेद में क्वाथ या कषाय प्रकरण की औषधियां बहुत कारगर मानी जाती हैं | विशेष जड़ी बूटियों को उबाल कर उनका काढ़ा बनाया जाता है जिसे कषाय भी बोलते हैं | मूत्रल कषाय भी इसी परिकल्पना की औषधि है | इसका उपयोग मूत्र विकारों के लिए किया जाता है | यह मूत्रल और पेशाब को साफ करने वाला है | इस औषधि में पुनर्नवा, गोखरू, गिलोय, ककड़ी के बीज, पाषाणभेद जैसी उपयोगी जड़ी बूटियों का योग होता है |
मूत्रल कषाय के घटक द्रव्य क्या हैं / Mutral kashaya ingredients
इस औषधि को बनाने के लिए निम्न जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है :-
- पुनर्नवा की जड़
- ईख की जड़, काकनज के फुल
- डाभ की जड़, कमल के फूल
- कांस की जड़, खीरा के बीज
- छोटा गोखरू, ककड़ी के बीज
- खुरासिनी अजवायन
- रक्त चंदन, कासनी के बीज
- अनंतमूल, मकोय
- सौंफ, धनियाँ
- सागौन के फूल
- गिलोय, पाषणभेद
मूत्रल क्वाथ (कषाय) बनाने की विधि / Mutral Kwath kaise banaye
इस औषधि को आप आसानी से घर पर बना सकते हैं | इसे बनाने के लिए उपरोक्त बतायी गयी जड़ी बूटियों को समान मात्रा में लें | अब इन्हें जौकुट कर लें | सभी जड़ी बूटियों को जौकुट कर मिला लें | अब जड़ी बूटियों के मिश्रण से आठ गुना जल में पकायें जब यह एक चौथाई रह जाये तो इसे गर्म गर्म ही सेवन करें |
मूत्रल कषाय का सेवन कैसे करें / How to use Mutral Kashaya ?
इस कषाय को पहले से बना के नहीं रखना चाहिए | जड़ी बूटियों को जौकुट करके रख लें और जरूरत पड़ने पर इसमें शिलाजीत या क्षार पर्पटी मिला कर उपर बतायी गयी विधि से क्वाथ बना लें | इसकी 2 तोला मात्रा का दिन में दो से तीन बार सेवन करें |
मूत्रल कषाय (क्वाथ) के फायदे एवं उपयोग / Mutral Kashaya uses and benefits
यह क्वाथ बहुत उपयोगी है | जिन रोगियों को मूत्राशय और गुर्दे की समस्या होती है उनके लिए यह बहुत उपयोगी औषधि है | किसी इन्फेक्शन या पत्थरी की समस्या होने पर जब पेशाब खुल कर ना आता हो या दुर्गन्ध वाला हो तो इस दवा का उपयोग करने से बहुत राहत मिलती है | आइये जानते हैं मूत्रल कषाय के फायदे :-
- यह क्वाथ मूत्रल और मूत्र वर्धक है |
- जब पत्थरी के कारण पेट और कमर में दर्द अधिक होता है उस समय इस क्वाथ उपयोग करना बहुत फायदेमंद होता है |
- इसके लिए इसे जटामांसी और खुरासिनी अजवायन के साथ सेवन करना चाहिए |
- मूत्राघात की समस्या में इसका सेवन करना अत्यधिक लाभदायक होता है |
- रुके हुए पेशाब को उतारने के लिए इसका उपयोग करना चाहिए |
- हैजा होने पर पेशाब कम उतरने पर भी इसका उपयोग फायदेमंद रहता है |
मूत्रल कषाय के नुकसान / Mutral kashaya side effects
इस औषधि का सामान्यतः कोई दुष्प्रभाव नहीं है | मूत्र विकारों में चिकित्सक के बताए अनुसार इस औषधि का सेवन करना चाहिए |
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