महासुदर्शन चूर्ण: आयुर्वेद के विभिन्न ग्रंथों में इस शास्त्रोक्त दवा का वर्णन प्राप्त होता है | शारंगधर संहिता, भैषज्य रत्नावली, योग रत्नाकार एवं सिद्ध योग संग्रह आदि ग्रंथो में महासुदर्शन चूर्ण के बारे में जानकारी मिलती है |
यहाँ हम सिद्ध योग संग्रह अनुसार महासुदर्शन चूर्ण के फायदे, घटक एवं सेवन विधि के बारे में बता रहें है | इस लेख में आपको महासुदर्शन चूर्ण की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी |
आयुर्वेद में इस चूर्ण को ज्वर रोगों के लिए सबसे प्रभावी दवा माना जाता है | यह समस्त प्रकार की बुखार (वातज, पित्तज एवं कफज) सभी में निश्चित रूप से फायदेमंद है |
इसके वर्णन में आयुर्वेद ग्रंथों में लिखा गया है कि –
सुदर्शनं यथा चक्रं दानवानां विनाशनम |
महासुदर्शन चूर्ण के बारे में आयुर्वेदिक श्लोक
तद्वज्वरणां सर्वेषामिदं चूर्ण विनाशनम ||
अर्थात: जिस प्रकार भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र सभी दानवों का नाश करता है, उसी प्रकार से महासुदर्शन चूर्ण भी समस्त ज्वारों का नाश करने वाली आयुर्वेदिक दवा है |
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महासुदर्शन चूर्ण के घटक | Ingredients of Mahasudarshan Churna
इस दवा के निर्माण में निम्न आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता है | महासुदर्शन चूर्ण में कुल 53 औषधीय जड़ी-बूटियां काम आती है जिनकी लिस्ट निचे उपलब्ध करवाई है –
- आंवला
- हरीतकी
- विभितकी
- हरिद्रा
- दारू हरिद्रा
- छोटी कटेरी
- बड़ी कटेरी
- कचूर
- सौंठ
- कालीमिर्च
- पीपल
- पीपलामूल
- मुर्बा
- गिलोय
- जवासा
- कुटकी
- पित्तपापड़ा
- नागरमोथा
- त्रायमान
- नेत्रबाला
- नीम की छाल
- पोहकरमूल
- मुलेठी
- कूड़ा की छाल
- अजवायन
- इंद्रजौ
- भारंगी
- सहिजन के बीज
- शुद्ध फिटकरी
- बच
- दालचीनी
- पद्मखार
- खस
- सफ़ेद चन्दन
- अतिस
- खरेंटी
- शालपर्णी
- प्रशनप्रणी
- वायविडंग
- तगर
- चित्रकमुल
- देवदारु
- च्वय
- पटोलपत्र
- कालमेघ
- करंज के बीज
- लौंग
- वंशलोचन
- कमल
- काकोली
- तेजपत्र
- तालीसपत्र
- जावित्री
महासुदर्शन चूर्ण निर्माण विधि – इसे बनाने के लिए सभी 53 जड़ी – बूटियों का समान मात्रा में चूर्ण बना कर मिला लिया जाता है | अब कुल वजन के बराबर चिरायते का चूर्ण बना कर इसमें मिला लिया जाता है | इस प्रकार से तैयार चूर्ण महासुदर्शन चूर्ण कहलाता है | कुछ औषधियाँ जो उपलब्ध न हो उनकी जगह समकक्ष अर्थात उनकी पूरक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जा सकता है |
महासुदर्शन चूर्ण के फायदे | Benefits of Mahasudarshan Churna
यह चूर्ण सभी प्रकार के ज्वर में उपयोगी है | इसके बारे में कहा गया है कि किसी भी प्रकार की बुखार हो महासुदर्शन चूर्ण के सेवन से वह उतर जाती है | यह एक दोषज, द्विदोषज, एवं विषम ज्वर या सन्निपातज बुखार में तीव्रता से कार्य करती है |
मानसिक दोषों के कारण पैदा हुई बुखार भी इसके सेवन से उतर जाती है | प्राकृतिक ज्वर, वैकृतिक ज्वर या सूक्ष्म रूप से होने वाला ज्वर रोग महासुदर्शन चूर्ण के सेवन से ठीक हो जाता है |
जिस बुखार में शरीर के अन्दर दाह पैदा हो अर्थात शरीर अन्दर से तपता मालूम हो उसमे भी इस आयुर्वेदिक दवा का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता है |
बहिर्दाह अर्थात बाहर से जलन महसूस होती हो उस बुखार में भी महासुदर्शन चूर्ण विशेष लाभदायक है | बुखार को खत्म करने की इस औषधि में अत्यंत बलवान शक्ति है |
महासुदर्शन चूर्ण शीतल, पाचक, कटु, और पौष्टिक गुणों से युक्त है | यह बुखार को खत्म करने, जलन को दूर करने एवं पेट के कीड़ों को खत्म करने में फायदेमंद है |
पाचक गुणों से युक्त होने के कारण अरुचि एवं अजीर्ण जैसी समस्या में भी फायदेमंद है | साथ ही अजीर्ण एवं अपच के कारण शरिर में आई ज्वर को शांत करने में फायदेमंद है |
जब बुखार पुराना हो जाता है ; शरीर में विषम ज्वर का विष उत्पन्न होकर अजीर्ण, अपच या भूख लगना बंद हो जाती है तब महासुदर्शन चूर्ण का सेवन करने से सभी रोगों में तीव्रता से लाभ मिलता है |
पेट की स्थिलता को दूर करने में भी महासुदर्शन चूर्ण फायदेमंद है | इसमें त्रिफला, सौंठ, वायविडंग एवं चिरायता आदि जड़ी बूटियां है जो अमाशय के रोगों को ठीक करने में सहायक जड़ी बूटियां है |
अन्न प्रणाली पर महासुदर्शन चूर्ण अपना विशेष प्रभाव डालता है | यह मुंह में डालते ही पाकस्थली के रस प्रवाह को उत्तेजित करता है और बड़ी आंत पर भी अपना प्रभाव दिखाता है | बुखार के जीवाणुओं एवं कृमि को शरीर से बाहर निकालने में अच्छा फायदा देता है |
अगर आप बुखार की अन्य औषधियाँ ले रहें है और उनसे आपके मष्तिष्क पर विपरीत प्रभाव पड़ा है अर्थात मष्तिष्क में शुन्यता आ गई है तो महासुदर्शन चूर्ण का हिम बना कर सेवन करने से सभी विकार दूर होते है | इससे मष्तिष्क पूर्ण रूप से सक्रीय हो जाता है एवं दिमागी शुन्यता खत्म होती है |
महासुदर्शन चूर्ण की सेवन विधि | Dosage
इस चूर्ण का सेवन वैद्य निर्देशानुसार ज्वर व्याधियों में सेवन किया जा सकता है | इसकी सामान्य खुराक 3 से 6 ग्राम है जिसे सुबह – शाम गरम जल के साथ सेवन करवाया जाता है |
विशिष्ट परिस्थितियों में चिकित्सक द्वारा यह मात्रा एवं अनुपान बदला जा सकता है | अत: महासुदर्शन चूर्ण के सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह ले लेनी चाहिए |
निर्माता कंपनियां | Manufacturer Companies
इस दवा का निर्माण विभिन्न आयुर्वेदिक फार्मसी द्वारा किया जाता है | निम्न टेबल में हमने इसकी प्रशिद्ध दवा निर्माता फार्मेसी के बारे में बताया है –
कंपनी का नाम | मूल्य |
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डाबर महासुदर्शन चूर्ण | Rs. 109 |
बैद्यनाथ महासुदर्शन चूर्ण | Rs. 166 |
पतंजलि महासुदर्शन चूर्ण | Rs. 100 |
झंडू महासुदर्शन चूर्ण 125 Gram | Rs. 170 |
धन्यवाद |