कालमेघ (Green Chireta) के आयुर्वेदिक औषधीय गुण एवं फायदे |

कालमेघ जिसे हम ग्रीन चिरायता या Green Chireta भी कहते है | यह एक पुरातन भारतीय औषधीय पौधा है जिसका इस्तेमाल प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणालियों में लम्बे समय से होता आया है |

इसका वानस्पतिक नाम Andrographis Paniculata है | यह ज्वर अर्थात बुखार, बच्चों के रोग, पीलिया, यकृत के रोग, एनीमिया, सूजन एवं कीड़ों की समस्या में लाभदायक परिणाम देता है |

आयुर्वेद चिकित्सा में इसके प्रयोग से विभिन्न औषधीय योगों का निर्माण किया जाता है | यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है अत: यह सूजन, बुखार, पेट के कीड़े एवं फोड़े – फुंसियों में अच्छा परिणामदाई है |

औषध परिचय – कालमेघ भारत की देशज वनस्पति है | यह सपूर्ण भारत में वर्षा ऋतू में बहुतायत से जंगलों में देखने को मिल जाता है | भारत में भी अधिकतर पश्चिमी बंगाल, उत्तरप्रदेश एवं बिहार में बहुतायत से मिलता है |

कालमेघ

बंगाली वैद्य इसे यवतिक्ता मानते है | क्योंकि इसके बीज यवाकर होते है अत: इसे यवतिक्ता पुकारा जाता है | इसके अलावा इसे कालमेघ, किरात, भनिम्ब और आलेकिराइत आदि नामों से भी पुकारा जाता है |

कालमेघ का पौधा 30 सेमि से 1 मीटर तक ऊँचा वर्षायु क्षुप होता है। पौधे का कांड निचे से स्निग्ध एवं ऊपर की रोमश होता है। कालमेघ के पते मोटे चिकने 4 से 6 लम्बे और 1 से 2 सेमी चौड़े होते है। ये आगे से नुकीले रहते है।

इसके फूल सफ़ेद एवं हल्के बैंगनी रंग के आकार में छोटे 5 से 10 सेमी की मंजरी में लगे रहते है | कालमेघ के फल जौ के जैसे 2 से 3 मिमी चौड़े होते है | इन फलों से चौकोर पिले एवं धूसर रंग के बीज निकलते है |

कालमेघ के औषधीय गुण

यह रस में तिक्त , गुणों में लघु एवं रुक्ष, विपाक में कटु और वीर्य अर्थात शीत प्रकृति का होता है | स्वाद में कालमेघ कड़वा रहता है | अपने इन्ही गुणों के कारण यह कफ एवं पित को हरने वाला होता है | साथ ही यह दीपन एवं पाचन के लिए भी लाभदायक रहता है |

रस – तिक्त

गुण – लघु एवं रुक्ष

वीर्य – शीत

विपाक – कटु

दोषकर्म – कफ एवं पित नाशक

अन्यकर्म – दीपन एवं पाचन

कालमेघ के फायदे या उपयोग / Green Chireta Benefits in Hindi

आयुर्वेद चिकित्सा में विभिन्न रोगों के चिकित्सार्थ इसका प्रयोग करवाया जाता है | यह बुखार, पीलिया, एनीमिया, रक्त की अशुद्धि, पेचिस, कृमि सिरदर्द, कृमि पेटदर्द, विष का नाश करने वाला एवं बच्चों के खांसी, श्वास और यकृत – प्लीहा की वृद्धि में बहुत फायदेमंद साबित होता है |

बुखार में कालमेघ के फायदे

अपने तिक्त एवं कटु रस से कफ एवं पित का नाश करता है | दीपन एवं पाचन का कार्य करके अपनी ठंडी प्रकृति के कारण पित्तशामक का कार्य करता है | अत: यह कफ – पीतज्वर में आमपाचनार्थ उपयोगी है | इसके साथ सौंठ मिलाकर चूर्ण बना कर सेवन करने से अजीर्ण, आनाह और बुखार में लाभ मिलता है |

बालरोग में कालमेघ के फायदे

आयुर्वेद चिकित्सा बच्चों की खांसी एवं श्वास रोग में इसका प्रयोग विरेचनार्थ (दस्त लगवाने) के लिए बताया गया है | यह बच्चों के यकृत वृद्धि एवं प्लीहा वृद्धि में बहुत फायदेमंद है | इसलिए इसका प्रचुरता से प्रयोग किया जाता है |

गैस्ट्रिटिस में कालमेघ के स्वास्थ्य प्रयोग

दीपन एवं पाचन गुणों से भरपूर होने के कारण गैस, कब्ज एवं एसिडिटी जैसी समस्या में लाभदायक रहता है | कालमेघ के पत्तों को सील पर पीसकर इसका रस सेवन करने से गैस से सम्बंधित सभी रोगों में फायदा मिलता है |

डायबिटीज में फायदेमंद है कालमेघ

डायबिटीज में रोगी की शर्करा का स्तर बढ़ा हुआ रहता है | यह मधुमेह में अतिरिक्त शर्करा को दूर करने में लाभदायक सिद्ध होता है | ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर में स्थिरता लाने के लिए भी इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सक बताते है |

फोड़े – फुंसियों

अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण घाव या फोड़े – फुंसियों में यह लाभदायक सिद्ध होता है | इसके पौधे को एक लीटर जल में उबाल कर इसका काढ़ा बना कर प्रभावित स्थान पर धोने से जल्द ही ये समस्याएं जाती रहती है |

कैंसर रोग में कालमेघ के फायदे

अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों एवं एंटीइन्फ्लैमटरी गुणों के कारण यह कैंसर जैसे रोगों में भी फायदेमंद साबित हुआ है | इसका उपयोग कैंसर सेल को बढ़ने से रोकने में किया जा सकता है |

अजीर्ण एवं अपच में फायदेमंद

दीपन एवं पाचन होने के कारण अजीर्ण अर्थात अधपचा जैसी समस्या एवं भूख न लगने जैसी समस्याओं में इसका उपयोग लाभदायक रहता है | यह शरीर में आमपाचन का कार्य करता है | अत: अजीर्ण एवं अपच में इसका प्रयोग करवाया जाता है |

होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति में भी इसके प्रयोग से विभिन्न दवाओं का निर्माण किया जाता है | बाजार में विभिन्न कंपनियों की “कालमेघ सिरप” आसानी से उपलब्ध हो जाती है |

बाजार में मिलने वाली कालमेघ सिरप का प्राइस कीमत लबभग 50 रूपए प्रति 100 मिली बॉटल के लिए लिया जाता है |

Kalmegh Syrup Homeopathy Price 100 मिली – 50 to 70 rupees only

धन्यवाद |

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