हमारे देश में मौसम में बदलाव दुनिया अन्य किसी भी देश से अधिक होता है | गर्मी, सर्दी, बरसात, वसंत सभी ऋतू हमारे यहाँ पर देखने को मिलती हैं | मौसम में बदलाव के साथ रोगों का आगमन भी अधिक होता है | गर्मी से सर्दी, सर्दी से गर्मी या फिर बरसाती मौसम ये बदलाव शरीर आसानी से एक्सेप्ट नहीं कर पाता और इस समय में बीमार होने का खतरा अधिक रहता है | सर्दी की शुरुआत के साथ खांसी, कफ, जुखाम बुखार जैसे रोग अधिक देखने को मिलते हैं | इनमे से खांसी सबसे सामान्य और अधिक होने वाला रोग है |
खांसी की दवा की सर्दियों में सबसे ज्यादा जरूरत होती है | आयुर्वेद में खांसी के लिए संकड़ो दवाएं मौजूद है, खांसी के अलग अलग प्रकार के लिए अलग अलग दवा उपलब्ध है | आम तौर पर देखने को मिलता है की दवा लेने के बावजूद भी खांसी ठीक नहीं होती इसका कारण होता है सही दवा का सेवन नहीं करना | जो दवा सुखी खांसी के लिए उपयोग में ली जाती है उसको कफ़ के लिए उपयोग करने पर उतना असर नहीं होता वैसे ही कफ़ वाली दवा सुखी खांसी में लाभदायी नहीं होती |
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इसलिए सही दवा का चयन करना बहुत जरुरी होता है | आयुर्वेदिक सिरप, पाउडर या टेबलेट जिनका उपयोग खांसी के लिए किया जाता है उनकी विस्तृत जानकारी यहाँ पर मिलेगी | किस दवा का उपयोग किस तरह की खांसी में करना चाहिए इसके बारे में भी आप जान पाएंगे |
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खांसी की दवा (आयुर्वेदिक सिरप, पाउडर, टेबलेट) – सभी आयुर्वेदिक दवाओं की लिस्ट
सर्दी खांसी एवं जुकाम बहुत ही सामान्य और अधिकतर होने वाले रोग हैं | बदलते मौसम एवं खान पान के कारण यह रोग हो जाते हैं | बहुत ही सामान्य से इन रोगों का अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाये तो कभी कभी ये बहुत जटिल हो जाते हैं और फिर महीनों तक दवा लेने के बावजूद भी ठीक नहीं होते | इसलिए उचित समय पर इनका इलाज कर लेना चाहिए | खांसी जैसी सामान्य समस्या थोड़ी सी सावधानी एवं घरेलु उपचार से ही ठीक हो जाती है | लेकिन कभी कभी विशेष कारणों या रोग की जटिलता के कारण खांसी की दवा का उपयोग करना जरुरी हो जाता है |
आयुर्वेद में खांसी की दवा आयुर्वेदिक सिरप या काढ़ा, पाउडर (चूर्ण) और टेबलेट के रूप में मिलती है | यह दवाएं विश्वनीय दुष्प्रभाव रहित एवं कारगर होती हैं | अगर रोगानुसार पथ्य अपथ्य का ध्यान रख के इन दवाओं का सेवन किया जाए तो खांसी की समस्या से बहुत जल्द राहत मिल जाती है |
खांसी की दवा – आयुर्वेदिक सिरप (काढ़ा) :-
सर्दी खांसी जैसी समस्याओं के लिए आयुर्वेद में काढ़ा का उपयोग बहुत अधिक किया जाता है | ये सिरप या काढ़ा शास्त्रोक्त विधि से बनाये जाते हैं | खांसी की दवा के रूप में आयुर्वेदिक सिरप बहुत कारगर एवं सुरक्षित साबित होती हैं | आइये जानते हैं इनके नाम :-
- कनकासव – श्वास एवं कास
- चव्यकारिष्ट – खांसी एवं जुकाम
- दशुमुलारिष्ट – खांसी एवं श्वास
- द्राक्षारिष्ट – खांसी, कफ, अस्थमा
- द्राक्षासव – टीबी, खांसी, कफ़ एवं जुकाम
- पिपल्यासव – खांसी एवं जुकाम
- फलारिष्ट – सर्द, खांसी, जुकाम
- बलारिष्ट – राजयक्ष्मा, सर्दी एवं खांसी
- बब्बुलारिष्ट – जमा कफ़, खांसी, अस्थमा
- वासारिष्ट – सभी प्रकार की खांसी, अस्थमा
- भृंगराजआसव – पांचो प्रकार की खांसी की दवा
खांसी की दवा – आयुर्वेदिक टेबलेट / वटी एवं गुटिका :-
जैसे आयुर्वेदिक सिरप खांसी के लिए उत्तम होती हैं वहीँ आयुर्वेदिक टेबलेट भी खांसी की दवा के रूप में बहुत कारगर होती हैं | सुखी खांसी एवं कफ जम जाने पर इनका उपयोग अधिक किया जाता है | इसमें से कुछ रस रसायन प्रकरण की दवाएं है और कुछ वटी के रूप में |
खांसी की दवा :-
- आनंद भैरव रस (कास) – कफ़, श्वास, बुखार आदि
- कफ कुठार रस – सुखी खांसी, जमा कफ़
- कफ़केतु रस – खांसी, कफ़, कफ़ जनित बुखार
- कफचिंतामणि रस – वात एवं कफ़ दोषों में
- कल्पतरु रस – खांसी एवं कफ़
- कल्याण सुंदर रस – सुखी खांसी, न्यूमोनिया
- कस्तूरी भैरव रस – खांसी एवं कफ ज्वर
- कासकुठार रस – अधिक कफ़ वाली खांसी में
- कासकर्तरी रस – समस्त प्रकार की खांसी में
- कासकेशरी रस – सभी प्रकार की खांसी की दवा
- कफ़ कर्तरी रस – जमा कफ़ एवं दमा
- गद मुरारिरस – सुखी खांसी की दवा
- चतुर्मुख रस – खांसी की दवा
- चंद्रकांत रस – कफ़ जनित सर दर्द में
- चंद्रशेखर रस – खांसी एवं श्वास
- चंद्रामृत रस – पांचो प्रकार की खांसी की दवा
- ज्वरांकुश रस – कफ़ जनित ज्वर, सुखी खांसी
- बाल चन्द्र रस – सुखी खांसी, जुकाम एवं श्वास की दवा
- बाल ज्वरांकुश रस – बच्चों की खांसी की दवा
- महालक्ष्मी विलास रस – पुरानी एवं सुखी खांसी की दवा
- रसपिपरी – बच्चों को सर्दी खांसी एवं जुकाम की दवा
- रामबाण रस – कास एवं श्वास
- श्वास कुठार रस – श्वास कफ एवं खांसी
- एलादी बटी – सुखी खांसी, क्षय की खांसी
- कफघ्नी वटी – कफ़ विकारों में
- भागोत्तर गुटिका – खांसी एवं अस्थमा
- लवंगादि वटी – खांसी का दौरा रोकने की दवा
खांसी की दवा – आयुर्वेदिक चूर्ण (पाउडर) :-
चूर्ण आयुर्वेद में सबसे सामान्य और कारगर दवा होती है | इनकी महता इसलिए भी है क्योंकि आप आसानी से इन्हें घर पर बना सकते हो | सर्दी खांसी एवं बुखार जैसी समस्याओं में काम आने वाले आयुर्वेदिक चूर्ण के नाम निचे बता रहें है |
खांसी की दवा (आयुर्वेदिक चूर्ण के नाम ) :-
- कर्पुरादि चूर्ण – खांसी एवं श्वास
- कुंकुमादि चूर्ण – खांसी, कफ एवं जुकाम
- तालिसादि चूर्ण – सुखी खांसी
- नारायण चूर्ण – खांसी एवं अस्थमा
- वृहतसमशर्कर चूर्ण – सुखी एवं पुरानी खांसी की दवा
- मरीच्यादि चूर्ण – खांसी एवं श्वास रोग
- लवंगादि चूर्ण – खांसी
- सितोपलादि चूर्ण – श्वास, कास, खांसी, क्षय
- हिंग्वादि चूर्ण – खांसी एवं जुकाम
खांसी की दवा – ध्यान दें
इस लेख में हमने आपको खांसी की दवा के रूप में काम आने वाली आयुर्वेद की शास्त्रोक्त दवाओं के बारे में बताया है | ये सभी दवाएं सुरक्षित एवं विश्वसनीय हैं | फिर भी इनका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह ले लेनी चाहिए |
धन्यवाद ||