[PDF] योग के प्रकार पीडीऍफ़ | Yoga Types pdf download in Hindi

योग के प्रकार pdf में डाउनलोड करने से पहले एवं इसके प्रकार जानने से पहले योग क्या है ? इसकी जानकारी आपको उपलब्ध करवा रहें है | योग भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग पुरातन समय से ही रहा है | आज सम्पूर्ण विश्व में योग एवं योग आसनों के बारे में लोग जानते है | अधिकतर सभी देशों में योग को अपनाने वाले बहुत से लोग है, लेकिन हाँ कुछ इस्लामिक अपवाद भी हैं जो योग को नहीं मानते |

मुख्यत: योग के चार प्रकार है | हमने यहाँ पर चारों प्रकारों का संक्षिप्त विवरण आपके लिए उपलब्ध करवाया है | साथ ही इन चारों प्रकारों की पीडीऍफ़ फाइल भी हमने डाउनलोड करने के लिए पोस्ट के अंत में उपलब्ध करवाई है |

चलिए सबसे पहले आपको योग क्या है एवं इसके प्रकारों के बारे में बताते है |

योग क्या है एवं इसकी परिभाषा | What is Yoga and it’s definition

योग मानव इतिहास का सबसे पुराना विज्ञानं है | इसका जन्म हमारी इसी धरा पर हुआ | हमारे ग्रंथों में योग का वर्णन प्राप्त होता है | लेकिन यह इन ग्रंथों से पहले से ही यहाँ ऋषि परम्परा में विद्यमान रहा है | अगर शाब्दिक अर्थों में देखा जाये तो योग का अर्थ जोड़ना होता है |

अगर योग का व्यवहारिक अर्थ देखा जाये तो यह बहुत ही विस्तृत विज्ञानं है | साधारण भाषा में योग क्या है अगर समझा जाये तो आत्मा से परमात्मा के मिलन की क्रिया को योग कहते है | अर्थात योग एवं इसके प्रकारों का उपयोग सम्पूर्ण स्वस्थ रहते हुए पूर्ण योगी बनने एवं सांसारिक बंधन से मोक्ष प्राप्त करने में किया जाता है |

योग वसिष्ट के अनुसार योग की परिभाषा

संसार सागर से पार होने के उपाय को ही योग कहते है |

मह्रिषी वशिष्ट
योग के प्रकार pdf

योग के प्रकार pdf | Types of Yoga in PDF

प्राचीन ग्रंथों में योग के विभिन्न प्रकार मिलते है | लेकिन मुख्यत: इसके 4 ही प्रकार माने गए है | इन चारों प्रकारों में भी योग के अन्य प्रकार विद्यमान है | चलिए सबसे पहले योग के प्रकार pdf के बारे में जानते है | इस आर्टिकल के अंत में आपको इन चारों प्रकारों की PDF File Download करने के लिए उपलब्ध होगी |

1. राज योग (अष्टांग योग): यह योग का प्रमुख प्रकार है | राज योग का अर्थ आप शाही योग से लगा सकते है | इसके भी आठ अंग है अर्थात राज योग के भी आठ प्रकार है | इसीलिए इस योग के प्रकार को अष्टांग योग भी कहते है | यहाँ निचे हमने इसके सभी अंगों की सूचि आपको उपलब्ध करवाई है |

  1. यम
  2. नियम
  3. आसन
  4. प्राणायाम
  5. धारण
  6. प्रत्याहार
  7. ध्यान
  8. समाधी (मोक्ष)

2. कर्म योग: यह योग का दूसरा प्रकार है | कर्म योग को हर कोई करता है | योग के इस प्रकार का तात्पर्य है कि वर्तमान में अच्छे कर्म कीजिये जिसका परिणाम आपको भविष्य में प्राप्त हो अर्थात वर्तमान में किये जाने वाले कर्म हमें भविष्य में क्या परिणाम देंगे, यह कर्म योग पर ही निर्भर है | अगर आज वर्तमान में हम अच्छे कर्म करेंगे तो भविष्य में निश्चित ही उनका फल भी अच्छा ही प्राप्त होगा |

3. भक्ति योग: यह योग का प्रकार भक्ति मार्ग का वर्णन करता है | इस योग को जिव ब्रह्म मिलन का मार्ग बताया गया है | मनुष्य का ब्रह्म से मिलन का मार्ग बैगर भक्ति योग के सम्पन्न नहीं हो सकता | अत: भक्ति योग परमात्मा से मिलने का मार्ग है |

4. ज्ञान योग: यह योग का सबसे कठिन मार्ग है | क्योंकि ध्यान इसका मुख्य सिद्धांत है एवं ध्यान के मार्ग पर चलकर ज्ञान की प्राप्ति करना हर किसी के वश की बात नहीं है | यह योग के प्रकार pdf इसलिए कठिन है क्योंकि ध्यान के मार्ग पर चलने के लिए सयंम एवं सामर्थ्य की आवश्कता होती है | इसलिए यह आम मनुष्यों के लिए काफी कठिन है | इस योग को ऋषि, मुनि एवं महर्षि चुनते है एवं अपने ध्येय को प्राप्त करते है |


योग के लाभ / Benefits of Yoga

योग के प्रकार pdf क्या लाभ है ? ये बता पाना थोडा मुश्किल है , क्योंकि योग के लाभों का पता तो तब ही चलेगा जब आप इसे प्रयोग में लायेंगे | लेकिन फिर भी अगर शाब्दिक अर्थों में देखें तो योग के अनगिनत लाभ है | विभिन्न रोग जैसे – अपच, अजीर्ण, हृदय, मोटापा, दमा, दाह, स्त्रियों की समस्याएँ, आँखों के रोग, गैस आदि बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है | साथ ही मानसिक विकार एवं अध्यात्मिक क्षेत्र में भी अनगिनत लाभ मिलते है | आपको योग से होने वाले लाभों को समझने के लिए इसके विभिन्न आसनों का ज्ञान होना भी जरुरी होता है | क्योंकि योग के अनगिनत आसन, मनुष्य को भिन्न – भिन्न प्रकार से लाभ प्रदान करते है | कुछ आसन एसे है जो हृदय विकारों में लाभकारी है एवं वहीं दुसरे आसन किसी अन्य रोग में लाभ प्रदान करते है | योग से होने वाले कुछ लाभों को हमने इन बिन्दुओ में वर्णित किया है –

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