श्वास कुठार रस अस्थमा और एलर्जी जैसे रोगों की परीक्षित औषधि है | इसका उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है | जब अस्थमा अटैक के कारण सांस का वेग बहुत ज्यादा हो जाए इस अवस्था में यह औषधि बहुत गुणकारी साबित होती है | यह खाने और सूंघने (नस्य) दोनों तरह से उपयोग में लिया जाता है |
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श्वास कुठार रस क्या है / What is swas kuthar ras ?
आयुर्वेद में रस रसायन परिकल्पना की यह औषधि श्वास विकारों में बहुत गुणकारी मानी जाती है | इसका उपयोग हजारों सालों से अस्थमा एवं एलर्जी जैसी समस्याओं के लिए किया जाता रहा है | पित्तज अस्थमा एवं खांसी की समस्या को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के श्वास एवं कास रोगों में यह औषधि बहुत राहत प्रदान करती है | बेहोशी, मिर्गी एवं हिस्टीरिया जैसे रोगों में इसका उपयोग नस्य औषध के रूप में किया जाता है | इस लेख में हम श्वास कुठार रस के घटक, इसे बनाने की विधि, सेवन की विधि एवं श्वास कुठार रस के फायदे क्या हैं इसके बारे में जानेंगें |
श्वास कुठार रस के घटक / Shwas kuthar ras ingredients
- शुद्ध पारद
- सुहागे की खील
- शुद्ध बछनाग
- शोधित गंधक
- शुद्ध मैनशील
ऊपर बतायी गयी सभी चीजें एक एक तोला लें | इसके अलावा काली मिर्च आठ तोला, सोंठ, मिर्च एवं पीपल सभी दो – दो तोला की मात्रा में लें |
श्वास कुठार रस बनाने की विधि / Shwas kuthar ras kaise banaye
रस रसायन प्रकरण की इस औषधि को निम्न प्रकार बनाया जाता है :-
- सबसे पहले पारा और गंधक की कज्जली बना लें |
- अब अन्य औषधियों का महीन चूर्ण बना लें |
- इस चूर्ण को कज्जली में मिला खरल में डाल कर घोंट लें |
- अच्छे से घोंटने के बाद थोडा जल मिलाकर मर्दन करें |
- जब गोली बनाने लायक हो जाए तो इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें |
श्वास कुठार रस के फायदे एवं उपयोग / Shwas Kuthar ras uses and benefits
श्वास रोग में यह औषधि बहुत उपयोगी है | इसके सेवन से श्वास का वेग कम होता है एवं कफ़ निकलता है जिससे रोगी को राहत मिलती है | बेहोशी, मिर्गी एव मूर्छा होने पर इसका उपयोग नस्य के रूप में किया जाता है | इसको सुंघाने पर रोगी में चेतना आती है | श्वास कुठार रस के फायदे एवं उपयोग निम्न प्रकार हैं :-
- इसके सेवन से बढ़ा हुवा कफ शांत होता है |
- यह कफ का शमन करता है एवं श्वास लेनें में तकलीफ कम होती है |
- जब श्वास का वेग बहुत अधिक बढ़ जाये, दौरा पड़ने लग जाए तो इसका सेवन करने से रोगी को जल्द राहत मिलती है |
- बेहोशी या मूर्छा की अवस्था में इसे सुंघाने से रोगी की चेतना लौट आती है |
- यह ज्वर, अपस्मार आदि रोगों में भी बहुत फायदेमंद है |
- इसके सेवन से आंधाशीशी में फायदा होता है |
- जुखाम और कफ का प्रकोप अधिक होने पर श्वास कुठार रस का सेवन करने से लाभ होता है |
- वात एवं कफ जनित शिरोरोग में यह बहुत उपयोगी है |
श्वास कुठार रस का सेवन कैसे करें ?
सांस या कफ़ की शिकायत में इसकी एक या दो गोली अदरक के रस अथवा पीपल के चूर्ण और शहद के साथ दिन में दो तीन बार सेवन कराएं | मूर्छा या बेहोशी होने पर रोगी को कुछ देर के लिए सुंघाए |
नुकसान और सावधानियां / Swas kuthar ras side effects
श्वास की समस्या में श्वास कुठार रस बहुत उपयोगी है | लेकिन अगर ह्रदय कमजोर हो गया हो तो इस अवस्था में इस औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह उग्र स्वभाव की होती है इससे हृदय की कमजोरी अधिक हो सकती है | हमेशां इसका सेवन चिकित्सक की देख रेख में ही करें |
धन्यवाद !
सन्दर्भ/ Reference
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