10 सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के नाम, गुण एवं उपयोग (top 10 powerful herbs in hindi)

आज के इस लेख में हम कुछ खास जड़ी बूटियों के बारे में बात करने वाले हैं | ये जड़ी बूटी आयुर्वेद में सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के रूप में जानी जाती हैं | यहाँ पर हम ऐसी ही 10 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का बारे में बताएँगे जिनका उपयोग विभिन्न प्रभावशाली आयुर्वेद दवाओं के रूप में किया जाता है |

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आधुनिक चिकित्सा पद्धति के विकसित होने से पहले दवाओं के रूप में जड़ी बूटियों एवं वनस्पतियों का ही उपयोग किया जाता था | वर्तमान समय में जब चिकित्सा व्यवस्था इतनी विकसित हो चुकी है एवं एलोपैथी दवाओं का बोलबाला है फिर भी जड़ी बूटियों का दवाओं के रूप में प्रयोग उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले हुवा करता था और इसका सबसे बड़ा कारण है दुष्प्रभाव रहित चिकित्सा |

10 सबसे ताकतवर जड़ी बूटी कौनसी हैं ? (10 powerful herbs in hindi)

आयुर्वेद में जड़ी बूटियों का बहुत महत्व है | औषधियों के रूप में विशेष रूप से इन्हीं प्राकर्तिक जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है | यही कारण है कि आयुर्वेद आधुनिक चिकित्सा कि बजाय अधिक प्रभावी एवं दुष्प्रभाव रहित है | यूँ तो हजारों वनस्पतियाँ एवं जड़ी बूटियां हैं जिनका उपयोग दवा के रूप में किया जाता है लेकिन कुछ जड़ी बूटी ऐसी हैं जिनका आयुर्वेद में बहुत महत्व है | ऐसी ही 10 सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के बारे में विस्तार से यहाँ पर बतायेंगे |

सबसे ताकतवर जड़ी बूटी

यहाँ सबसे ताकतवर जड़ी बूटी से हमारा तात्पर्य उन प्रमुख 10 जड़ी बूटियों से है जो मानव शरीर को बल प्रदान करती है एवं उनके जैसा गुण अन्य जड़ी – बूटियां नहीं कर सकती | अत: इस लेख में हम आपको आयुर्वेद चिकित्सा की उन प्रसिद्द एवं बलकारक प्रभावी औषधीय herbs के बारे में बताएँगे जिनका इस्तेमाल आयुर्वेद की विभिन्न दवाओं में होता है |

10 सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के नाम :-

  • तुलसी
  • गिलोय
  • अश्वगंधा
  • जिनसेंग
  • शतावरी
  • ज्योतिष्मती
  • केसर
  • पिप्पली
  • धतूरा
  • गोखरू

आइये जानते हैं सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के बारे में विस्तार से :-

यह जानकारी देने से पहले आपको बता दें कि संसार में ज्ञात एवं अज्ञात सभी जड़ी – बूटियां अपने गुणों के अधार पर ताकतवर ही होती है |लेकिन उनका उपयोग किस प्रकार से करना है यह अधिक मायने रखता है | जैसे धतुरा एक औषधीय पौधा है लेकिन इसे आमजन द्वारा विष ही समझा जाता है लेकिन आयुर्वेद में यह विष भी विभिन्न रोगों की ताकतवर औषधि के रूप में कार्य करता है |

उदहारण के लिए धतुरा ही देख लें अगर इसका रस निकाल कर दर्द वाली जगह या रूशी की समस्या में बालों पर मला जाये तो इसके जैसा असर दूसरी कोई भी जड़ी – बूटी नहीं करती |

अत: जड़ी – बूटियां सभी ताकतवर ही होती है लेकिन उनका उपयोग कैसे करना है ?, कब करना है? , कब उनको उखाड़ना चाहिए ? एवं कौनसी जड़ी – बूटियां होती है जो मनुष्य को ताकत देकर रोगप्रतिरोधक क्षमता बनाये रखती है ; आदि जानकारिया होनी चाहिए | इसलिए हमने यहाँ पर 10 सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के बारे में आपको जानकारी उपलब्ध करवाई है |

1. तुलसी :-

तुलसी से आप सभी परिचित हैं यह एक दैवीय पौधा है | भारतवर्ष में लगभग सभी हिन्दू घरों में तुलसी की पूजा होती है | आँगन में तुलसी का पौधा लगाना बहुत शुभ माना जाता है | यह हजारों औषधीय गुणों वाला पौधा है | इसमें विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं | रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए तुलसी सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के रूप में जानी जाती है | इसमें निम्न औषधीय गुण होते हैं :-

  • रोग प्रतिरोधक
  • पाचक
  • रक्त शोधक
  • मेधा वर्धक
  • कफ़ वात नाशक
  • पित्त कारक
  • स्वेद जनक

इसका उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • रक्त विकार
  • मूत्रकृछ
  • कास
  • श्वास
  • क्षय
  • चर्म रोग

2. गिलोय :-

इसे आयुर्वेद की अमृता कहते हैं | अनगिनत औषधीय गुणों से युक्त यह जड़ी बूटी सबसे ताकतवर जड़ी बूटी कही जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी | आयुर्वेद में इसे रसायन माना गया है | इसका उपयोग सामान्य से लेकर गंभीर रोगों में भी किया जाता है | यह आसानी से उपलब्ध होने वाली वनस्पति है जो इसे और भी उपयोगी बनाती है | यह समस्त भारत में पाई जाती है | आइये जानते हैं इसके औषधीय गुण :-

  • त्रिदोषनाशक
  • दीपनीय
  • रसायन
  • बलकारक
  • रोग प्रतिरोधक
  • ज्वर नाशक

गिलोय का उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • समस्त प्रकार के ज्वर
  • प्रमेह रोग
  • मूत्रकृछ
  • हृदय रोग
  • कामला
  • अम्लपित्त
  • वातरोग
  • आमवात
  • क्षय

3. अश्वगंधा :-

अश्वगंधा सबसे बलवर्धक एवं ताकतवर जड़ी बूटी है | यह पुरुषों एवं महिलाओं दोनों के लिए समान गुणकारी है | शारीरिक एवं यौन कमजोरी में इसका उपयोग अत्यधिक किया जाता है | आइये जानते हैं इसके औषधीय गुण क्या हैं :-

  • बलवर्धक
  • पुष्टिकारक
  • शुक्रवर्धक
  • कफ़वात शामक
  • मेदो वर्धक
  • स्वेदल
  • मूत्रल

अश्वगंधा एक ताकतवर रसायन जड़ी बूटी है इसका उपयोग निम्न रोगों के लिए किया जाता है :-

  • स्तन्यवर्धक
  • शुक्र विकार
  • श्वेत प्रदर
  • कमर दर्द
  • अनिद्रा
  • भ्रम
  • श्वास एवं कास
  • बालशोष
  • क्षय

4. जिनसेंग :-

यह जड़ी बूटी पुरुषों के लिए बेहद गुणकारी है | यह यौन कमजोरियों में बहुत लाभ करती है | इसके अलावा संक्रामक रोगों में इससे बहुत लाभ होता है | इसका उपयोग चीनी चिकित्सा में हजारो सालो से किया जाता है | यह जीवनीय शक्ति से भरपूर औषधि है | आइये जानते हैं इसके औषधीय गुण :-

  • जीवनीय शक्ति वर्धक
  • शुक्रल
  • बलकारक
  • रोग प्रतिरोधक
  • मेधा वर्धक

जिनसेंग एक ताकतवर जड़ी बूटी है इसका उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • मानसिक तनाव
  • शारीरिक कमजोरी
  • लिवर की कमजोरी
  • पुरुषों में यौन दुर्बलता
  • मधुमेह

5. शतावरी :-

शतावरी आयुर्वेद में सबसे ताकतवर जड़ी बूटियों में आती है | यह अत्यंत गुणकारी जड़ी बूटी है | इसका उपयोग विभिन्न रोगों एवं दवाओं में किया जाता है | इसके औषधीय गुण इस प्रकार हैं :-

  • वातपित्त नाशक
  • रसायन
  • बलकारक
  • मेध्य
  • पौरुष शक्ति वर्धक
  • पौष्टिक
  • दीपनीय

शतावरी का उपयोग निम्न रोगों के लिए किया जाता है :-

  • शिरोरोग
  • चर्म रोग
  • कामोत्तेजना में कमी
  • वाजीकारक
  • जीवनीय शक्ति वर्धक
  • स्तन्यवर्धक
  • अर्श नाशक

6. ज्योतिष्मती

बुद्धि और स्मरण शक्ति बढाने वाली यह सबसे ताकतवर जड़ी बूटी है | इसका प्रभाव मष्तिष्क पर विशेष होता है | यह एक लता है जो भारत में पंजाब, बंगाल एवं बिहार आदि राज्यों में पाई जाती है | इसे माल्काग्नी के नाम से भी जाना जाता है | आइये जानते हैं ज्योतिष्मती के औषधीय गुण क्या हैं :-

  • कफ वात नाशक
  • मेधा वर्धक
  • जठराग्नि वर्धक
  • स्वेदक
  • त्वचा रोग नाशक

ज्योतिष्मती एक बेहद ताकतवर जड़ी बूटी है | इसका उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • स्मरण शक्ति बढाने के लिए
  • चर्म रोग
  • कटिशूल
  • वाजीकरण
  • जलोदर
  • आमवात
  • ध्वजभंग
  • मस्तिष्क के लिए

7. केसर

केसर से आप सभी परिचित हैं | यह अत्यंत प्रभावशाली एवं सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के रूप में जानी जाती है | कमजोरी दूर करने के लिए एवं हष्ट पुष्ट रहने के लिए केसर बहुत उपयोगी जड़ी बूटी है | आइये जानते हैं इसके औषधीय गुण क्या हैं :-

  • बल वर्धक
  • त्रिदोष नाशक
  • वाजीकारक
  • उष्ण वीर्य
  • वर्णकारक

केसर का उपयोग आमतौर पर सभी घरों में किया जाता है | इसका उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • अतिसार
  • उदरकृमि
  • प्रवाहिका
  • शिरशूल
  • शारीरिक कमजोरी
  • आमवात
  • यकृत विकार
  • श्वास
  • कास

8. पिप्पली

इसे छोटी पीपल के नाम से भी जाना जाता है | यह खांसी और श्वास की समस्या में बहुत उपयोगी जड़ी बूटी है | इसके औषधीय गुण इस प्रकार हैं :-

  • वात एवं कफ़ शामक
  • रसायन
  • ज्वर नाशक
  • बलवर्धक
  • पाचक
  • अग्निदीपक

पिप्पली का उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • कफ़ एवं खांसी
  • श्वास रोग
  • जीर्ण ज्वर
  • अनिद्रा
  • आमवात
  • प्रमेह
  • गुल्म
  • अर्श
  • प्लीहा

9. धतूरा

धतूरा मादक गुणों वाली जड़ी बूटी है | आयुर्वेद में इसका विशेष स्थान है | इसका उपयोग सबसे ज्यादा गंभीर रोगों के लिए किया जाता है | यह एक ताकतवर जड़ी बूटी है | अनेकों आयुर्वेद दवाओं में इसका उपयोग किया जाता है | इसके औषधीय गुण इस प्रकार हैं :-

  • मादक
  • कफवात शामक
  • शुक्रस्तंभक
  • जठराग्निवर्धक
  • विषनाशक
  • उष्ण वीर्य
  • शोथहर

धतूरा श्वेत और कृष्ण दो प्रकार का होता है | इसका उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • श्वास रोग
  • उन्माद
  • ज्वर
  • शोथ
  • इंद्रलुप्त
  • स्तनशैथिल्य
  • धातु दुर्बल्य
  • शीघ्रपतन
  • आमवात

10. गोखरू

गोखरू बेहद उपयोगी जड़ी बूटी है | यह लगभग समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है | यह अत्यंत बलवर्धक एवं पौष्टिक गुणों से युक्त है | इसमें निम्न औषधीय गुण हैं :-

  • बलवर्धक
  • दीपक
  • बस्तीशोधक
  • शोथहर
  • मूत्रल
  • वातपित्त नाशक
  • प्रमेह नाशक

गोखरू का उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • मूत्ररोग
  • श्वास
  • कास
  • अर्श
  • यौन कमजोरी
  • अश्मरी
  • स्वपनदोष
  • सुजाक
  • श्वेत प्रदर
  • यकृत रोग

ध्यान दें :-

जड़ी बूटियों के बारे में यहाँ पर दी गयी जानकारी शैक्षिणक है | किसी भी रोग में इनका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से उचित सलाह अवश्य ले लेवें |

धन्यवाद ||

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