जो शारीरिक एवं यौन रूप से कमजोर है वे आयुर्वेदिक तरीकों से अपनी खोई हुए काम शक्ति को वापस पाना चाहते है | आयुर्वेद में एसी बहुत सी जड़ी बूटियाँ है जिनका इस्तेमाल करके व्यक्ति अपनी मर्दाना ताकत को बढ़ा सकते है |
आयुर्वेद में कामशक्ति को बढाने वाली जड़ी – बूटियों को वाजीकरण द्रव्यों में गिना जाता है | वाजीकरण द्रव्य वे जड़ी बूटियाँ होती है जिनका इस्तेमाल करके व्यक्ति अपनी खोई हुई मर्दाना ताकत को पा सकता है |
अश्वगंधा, शतावरी, कौंच के बीज, काली मुसली, सफ़ेद मुसली, अकरकरा, तालमखाना आदि एसी बहुत सी जड़ी बूटियाँ है जिनका इस्तेमाल अगर योग स्वरुप किया जाये तो व्यक्ति अपनी खोई हुए कामशक्ति को वापस पाकर यौन क्रियाओं में सक्षम हो जाता है |
आज हम अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, सफ़ेद मुसली एवं तालमखाना के मेल से एक एसा योग आपको बताएँगे जो पूर्णत: आयुर्वेदिक है एवं यौन कमजोरियों जैसे शीघ्रपतन, यौन उत्साह की कमी एवं धात आदि में बहुत ही लाभदायक है |
इस योग को बनाने से पहले इसमें प्रयुक्त जड़ी – बूटियों के बारे में थोडा जानलें |
अश्वगंधा, शतावरी, कौंच, तालमखाना एवं सफ़ेद मूसली के साथ कुल 21 जड़ी – बूटियों के एक्सट्रेक्ट से निर्मित इस दवा का सेवन भी आप कर सकते है | यह उत्पाद अन्य बाजारू उत्पादों से बेहतर है | स्वदेशी कामसुधा योग के बारे में आप गूगल पर सर्च कर सकते है | या निचे दिए गए फोटो पर क्लिक करके पढ़ सकते है |
1 . अश्वगंधा / Ashwagandha
यह आयुर्वेद की प्रचलित जड़ी – बूटी है | इसका इस्तेमाल चिकित्सक यौन कमजोरियों के साथ – साथ अन्य रोगों जैसे घुटनों का दर्द, शरीरिक कमजोरी एवं कफ – वात को खत्म करने वाली होती है | चरक संहिता में इसका विरेचनोपग द्रव्यों में वर्णन किया है |
आयुर्वेद चिकित्सा में इसे बल्य अर्थात वाल प्रदान करने वाली एवं रसायन औषधि माना है | यह शरीर में वीर्य की वृद्धि करती है और शारीरिक कमजोरी को दूर करती है |
2. शतावरी / Shatavari
इसे भी बल वृद्धक और रसायन द्रव्यों में गिना जाता है | यह शरीर में उर्जा का संचार करती है एवं शरीर को बल प्रदान करने में सहायक होती है | अश्वगंधा के साथ इसको मिलाकर सेवन करने से भी शरीर को बल मिलता है एवं कमजोर व्यक्ति ताकत प्राप्त करते है |
आयुर्वेदिक ग्रन्थ चरक संहिता (Charak Samhita) के अनुसार यह बल्य, रसायन एवं स्त्रियों में दूध बढाने वाली होती है |
3. कौंच के बीज / Kounch ke Beej
इसे कपिकच्छु, केवांच या कौंच बीज आदि नामों से पुकारा जाता है | इस आयुर्वेदिक जड़ी – बूटी के बारे में कहा गया है कि यह उष्ण स्वाभाव अर्थात गरम तासीर की, वृष्य, ब्रिहन, तिक्त एवं भारी होती है |
सिमित मात्रा में लेने से शरीर में वीर्य की कमी को दूर करती है एवं यौन शक्ति का संचार करती है | तासीर में यह अत्यंत उष्ण होती है अत: इसका सेवन सिमित या निर्देशित मात्रा में ही करना चाहिए | अधिक मात्रा ग्रहण करने से विपरीत असर भी पड़ सकते है |
कौंच के बीजों का सेवन हमेशां शोधन करके ही करना चाहिए |
4. सफ़ेद मूसली / Safed Musali
इस आयुर्वेदिक हर्ब को कौन नहीं जनता ? आयुर्वेद की यह जड़ी – बूटी खूब प्रसिद है |सर्दियों में सफ़ेद मुसली के लड्डू बना कर सेवन किया जाता है | यह स्वाद में मधुर एवं गुणों में बलवृद्धक होती है |
वीर्य में शुक्राणुओं की कमी एवं मर्दाना ताकत की कमी में इसका सेवन प्रमुखता से किया जाता है | सफ़ेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे भी इसको अधिक लाभदायक बनाते है | सफ़ेद मूसली को गाय के दूध के साथ मिलाकर नियमित सेवन से यौन कमजोरियां दूर होती है |
5. तालमखाना / Talamkhana
यह एक क्षुप जाति की बेल होती है | जो अधिकतर जलीय क्षेत्रों में पाई जाती है | इसके बीजों को तालमखाना पुकारा जाता है | ये आसानी से किसी भी पंसारी की दुकान पर मिल जाते है | इसे कामोद्दीपक द्रव्य माना जाता है | अर्थात यह कामेन्द्रिय को उत्तेजना प्रदान करती है | गुणों में यह बलवृद्धक होती है |
आयुर्वेद में इसे उत्तम कामोद्दीपक, बल्य एवं पौष्टिक माना जाता है | इन पांचो जड़ी – बूटियों का योग बना कर इस्तेमाल करने से यौन दुर्बलता जैसे शीघ्रपतन, नपुंसकता, धातु – दुर्बलता आदि ठीक होती है |
चलिए अब जानते है इस अद्भुत योग के बारे में
अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, सफ़ेद मूसली और तालमखाना का योग
इस औषध योग का निर्माण करने के लिए सबसे पहले इन्हें एक निश्चित मात्रा में आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियाँ बेचने वाले पंसारी से ले आवे | जड़ी – बूटियाँ लेते समय ध्यान रखें ये साफ सुथरी एवं अधिक पुरानी न हो |
जड़ी – बूटियां असली हो और अधिक पुरानी न हो तो इनमे पुरे गुण विद्यमान रहते है | ख़राब एवं पुरानी होने पर ये जड़ी – बूटियाँ अपने गुण खो देती है | अत: इस प्रकार की औषधियों का सेवन करने से कुछ भी फायदा नहीं होता |
अब सबसे पहले अश्वगंधा, शतावरी, कौंच बीज, सफ़ेद मूसली और तालमखाना इन सभी को 50 – 50 ग्राम की मात्रा में लाकर अच्छी तरह सुखा कर साफ करलें | कौंच के बीजों का सेवन शोधन करने के पश्चात ही करना चाहिए |
कौंच बीज का शोधन करने के लिए इन्हें गाय के दूध में कुच्छ देर उबाले | जब ये कुच्छ फुले – फुले दिखें तो निचे उतार कर ठंडा करके इनका छिलका उतार लें | इस प्रकार से कौंच के बीज शुद्ध हो जाते है |
अब इन सबको बराबर 50 – 50 ग्राम की मात्रा में लेकर खरल में कूट पीसकर महीन चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को कपडछान करके कांच के बर्तन में सहेज लें |
कामोद्दीपक योग का सेवन
इसका सेवन नियमित 3 से 5 ग्राम की मात्रा में अपने बल बलानुसार आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से सुबह – शाम दूध के साथ करना चाहिए |
Meri age 40 yrs hai mujhe sex timing aur ling size badhane ke liye koi achha medicine ho to please batao
thanks sir
तालमखाना बेचना है ,खरीदार चाहिए,
Hello sir mera name amit kumar hai.sir main kafi dino se pareshan hu maine kaafi paisa kharch kiya hai pr mujhe kahi aaram nhi mila.sir mujhe problem hai ki main jab bhi apni gf ke sath sex karta hu to main uske sath sex nhi kr pata kyun ki mera sigrapatan ho jata hai.aur mera sex time bhi 1.min.hai mera penic bhi chhota hai aur mota bhi nhi hai.aur haa sir mera virya patla hai.sir main kaun si jadibooti khaun.plzzz sir meri help krvdijiye.
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