प्रतियोगिताओं के इस युग में हर कोई अपनी स्मरण शक्ति बढ़ाना चाहता है | आगे बढ़ने की इस होड़ में तेज दिमाग होना बहुत जरुरी है | नौकरी पाने से लेकर प्रमोशन, व्यावसाय बढाने एवं बच्चों के क्लास रूम में भी बहुत प्रतिस्पर्धा है | अगर आपकी यादाश्त अच्छी है तो आपको जीवन के हर मोड़ पर उसका लाभ मिलता है | वर्तमान समय में नौकरी पाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है | लेकिन मेहनत काफी नही है अगर आपकी स्मरण शक्ति कमजोर है |
मानसिक क्षमता कमजोर होने से आप हर जगह पीछे रह जाते हैं | बहुत मेहनत के बावजूद भी उचित परिणाम नही मिल पाता | और आपका साथी जिसका तेज दिमाग है कम मेहनत करके भी आपसे आगे निकल जाता है | दिमाग तेज करके आप अपनी स्मरण शक्ति (यादाश्त) बढ़ा सकते हैं | इस लेख में हम आपको ऐसी सात आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में बतायेंगे जो आपकी मानसिक क्षमता को दोगुना कर सकती हैं | आइये जानते हैं तेज दिमाग करने वाली जड़ी बूटियों के बारे में |
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इन 7 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से पायें तेज दिमाग एवं बढ़ाये स्मरण शक्ति !
आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है | यह एक दैवीय वरदान है जो हमें स्वस्थ एवं उत्कृष्ट जीवन प्रदान करता है | आयुर्वेदानुसार मानसिक क्षमता तीन कारको पर निर्भर करती है |
- धी :- सीखने एवं समझने की शक्ति, यह वात दोष पर निर्भर करती है |
- धृति:- स्मरण करने एवं याद रखने की प्रक्रिया, यह पित्त दोष पर निर्भर करती है |
- स्मृति :- स्मरण शक्ति या यादाश्त, यह कफ दोष से प्रभावित होती है |
इस प्रकार स्पष्ट है की आपके शरीर में त्रिदोषो का संतुलन बहुत जरुरी है | इसी पर आपकी यादाश्त निर्भर करती है | आपका दिमाग तेज हो इसके लिए जरुरी है की तीनो दोष संतुलित हों | आयुर्वेदानुसार उचित खान-पान, दिनचर्या एवं अच्छी नींद दिमाग को तेज बनाने के लिए बहुत जरुरी है | आइये अब जानते है दिमाग तेज करने वाली जड़ी-बूटियों के बारे में :-
1. ब्राह्मी से पायें तेज दिमाग :- जाने कैसे आपकी स्मरण शक्ति बढ़ा शक्ति है ब्राह्मी |
ब्राह्मी प्रकृति का अनमोल वरदान है | भारत में सर्वत्र पाया जाने वाला यह पौधा कई रोगों का रामबाण इलाज है | यह स्मरण शक्ति वर्धक, आयुवर्द्धक, स्वर सुधारक एवं रक्त शोधक गुणों वाली होती है | आइये जानते हैं ब्राह्मी किन किन रोगों में उपयोगी है :-
- आमवात :- ब्राह्मी स्वरस का उपयोग करें |
- स्मरण शक्ति वर्धक:- तेज दिमाग पाने के लिए ब्राह्मी से बना सारस्वत चूर्ण का सेवन 2 महीने तक करें |
- शितपित :- काली मिर्च को 12 घंटे तक ब्राह्मी रस में खरल करके सेवन करें |
- उन्माद :- ब्राह्मी रस को मधु के साथ सेवन करें |
- अपस्मार एवं शोकोंमाद :- ब्राह्मी स्वरस को बचकूट एवं शंखपुष्पी के साथ मधु से दे |
सारस्वत चूर्ण एवं मेधावर्धक चूर्ण से बढ़ाएं अपनी यादाश्त :-
ब्राह्मी शीत वीर्य गुणों वाला होता है | यह मानसिक विकार एवं उन्माद को कम करता है | जिससे दिमाग तंदरुस्त रहता है एवं मानसिक क्षमता बढती है | आइये जानते हैं इनके बारे में :-
सारस्वत चूर्ण :-
- घटक :- ब्राह्मी स्वरस, शंखपुष्पी, काला जीरा, सफ़ेद जीरा, त्रिकुट, पाठा एवं अश्वगंधा
- उपयोग:- यह मानसिक विकारों, कमजोर यादाश्त, उन्माद एवं कमजोरी के लिए उत्तम औषधि है |
- सेवन:- तेज दिमाग पाने के लिए 2 ग्राम सारवस्त चूर्ण रोजाना शहद के साथ सेवन करना चाहिए |
मेधावर्धक चूर्ण :-
- घटक :- ब्राह्मी, अमृता, जटामांसी, अश्वगंधा, मंडूकपर्णी
- उपयोग :- दिमाग तेज करने के लिए, मानसिक कमजोरी में, यादाश्त बढाने के लिए
- सेवन :- रोजाना 5 ग्राम 2 महीने तक
2. बादाम:- यादाश्त बढ़ाने के लिए कैसे उपयोगी है बादाम ?
इसे संस्कृत में वाताद एवं वातखैरी के नामों से भी जाना जाता है | आइये जानते हैं इसके गुण :-
- इसका वीर्य उष्ण होता है |
- यह पित्त एवं वात नाशक है |
- रस मधुर होता है |
- विपाक भी मधुर होता है |
- यह शुक्र वर्धक, रक्तपित नाशक, पुष्टिवर्धक एवं स्मरण शक्ति वर्धक होता है |
यूँ तो आप सभी बादाम से परिचित हैं | सर दर्द एवं यादाश्त बढाने के लिए इसका उपयोग सर्वविदित है |आइये जानते हैं इसके उपयोग :-
- मधुमेह में :- बिना शक्कर की खीर बना कर खिलाएं |
- दिमाग की ताजगी के लिए :- गाय के घी के साथ बादाम, मिश्री, एला, कंकोल एवं शहद मिलाकर सेवन करें |
- तेज दिमाग :- यादाश्त या स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए बादाम भिगोकर खाएं |
- सर दर्द :- बादाम एवं केसर को गाय के घी में खरल करके खाएं |इसके तेल से मालिश करें |
- कान में दर्द :- बादाम का तेलकान में डालें |
- दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए :- भिगोई हुयी बादाम, असगंध, पीपल, गाय का घी एवं मिश्री की खीर बनाकर खाएं |
3. पिप्पली से बढ़ाये स्मरण शक्ति एवं दिमाग को करें तेज
छोटी पीपल या पिप्पली भारत के उष्ण प्रदेशों में पाई जाने वाली वनस्पति है | इसके फल एवं मूल औषधिय प्रयोग में लिए जाते हैं | आइये जानते है इसके गुण एवं उपयोग :-
- वीर्य :- अनु उष्ण होता है |
- रस :- कटू होता है |
- त्रिदोष प्रभाव :- वात एवं कफ शामक है |
- विपाक :- मधुर होता है |
पिप्पली का उपयोग बहुत से रोगों की दवा तैयार करने के लिए किया जाता है | जानते है उन रोगों एवं दवाओ के बारे में :-
- श्वास एवं कास रोग में :- पिप्पली का चूर्ण मधू (शहद) के साथ दें |
- तेज दिमाग के लिए :- स्मरण शक्ति बढाने के लिए पिप्पली, शंखपुष्पी एवं ब्राह्मी को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें | रोज दूध के साथ 1 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से मानसिक क्षमता बढती है |
- अनिद्रा :- पिप्पली एवं अश्वगंधा का चूर्ण भैंस के दूध के साथ लें |
- ज्वर या बुखार में :- सोंठ(1 ग्राम ), अजवायन (6 ग्राम) एवं पिप्पली (3 ग्राम ) रात में भिगोकर छोड़ दें | इस पानी को गर्म करके छानकर पीलें |
- कटीशूल या कमर दर्द :- सोंठ एवं पिप्पली से सिद्ध तेल से मालिश करें |
- उदर रोग :- पिप्लयाशव का उपयोग करें |
4. ज्योतिष्मती है बुद्धि एवं मानसिक क्षमता बढाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी
इसे स्थानीय भाषा में माल्कग्नी एवं अंग्रेजी में स्टाफ ट्री भी कहते हैं | यह एक लता या बेल होती है |यह हिमालय के उष्ण क्षेत्रो में पायी जाती है |आइये जानते है इसके गुण एवं उपयोग :-
- रस :- कटू होता है |
- वीर्य :- उष्ण होता है |
- विपाक :- कटू होता है |
- त्रिदोष :- कफ एवं वात नाशक है |
इस बेल के बीज एवं तेल औषधिय उपयोग में आते हैं | जानते हैं किन रोगों एवं औषधियों में उपयोग आती है ज्योतिष्मती :-
- चर्म रोग :- ज्योतिष्मती के तेल का उपयोग करें |
- वाजीकरण :- मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए इसका दुग्ध घृत के साथ सेवन करें |
- तेज दिमाग के लिए :- मालकांगनी के तेल को (10 बूंद) गौ-घृत के साथ सेवन करें |
- अनियमित मासिक धर्म :- अनार्तव, कष्टार्तव एवं अल्पार्तव में इसका तेल (15 बूंद) सुबह शाम दें |
- मधुमेह में रामबाण :- ज्योतिष्मती तेल, रसायन, गो घृत, सार गंधक एवं आंवला समान मात्रा में लेकर उसका कल्प करा लें | 15 दिन तक 125 ग्राम सेवन करें |
- बुद्धि बढाने के लिए :- मानसिक क्षमता बढाने के लिए इसके कृष्ण तेल का प्रयोग करें |
5. रसोन (लहसुन) है मानसिक क्षमता बढाने की आयुर्वेदिक दवा, जाने इसके उपयोग
लहसुन से आप सभी परिचित हैं | रक्तदाब वृद्धि, मानसिक क्षमता बढाने एवं जीर्ण ज्वर जैसे रोगों में रसोन बहुत लाभदायक होता है | लहसुन को कुछ लोग तामसिक बुद्धि बढाने वाला भी मानते हैं | क्योंकि इसका वीर्य उष्ण होता है | आइये जानते हैं रसोन या लहसुन के गुण :-
- रस :- कटू होता है |
- वीर्य :- उष्ण होता है |
- विपाक :- कटू होता है |
- त्रिदोष प्रभाव :- कफ एवं वात शामक है |
लहसुन के औषधिय गुणों के कारण इसका उपयोग बहुत से रोगों के लिए किया जाता है | आइये जानते हैं उन रोगों एवं एवं दवाओं के बारे में :-
- चर्म रोग :- लहसुन को या इसके पेस्ट को घिसें |
- कान में दर्द :- रसोन से पक्व तेल डालें |
- दिमाग तेज करने के लिए :- लहसुन के उपयोग से मानसिक विकास होता है लेकिन यह तामसिक प्रकर्ति का है |
- वाजीकरण :- यह उत्तेजना लाता है | इसके उपयोग से शीघ्रपतन , इन्द्रिय शिथिलता आदि में अच्छा लाभ मिलता है |
- कफ विकार एवं श्वास रोग :- लहुसन का अवलेह बना कर खिलाएं |
6. मंडूकपर्णी (मांडूकी) से बनाये अपना तेज दिमाग :-
यह ब्राह्मी की तरह ही दिखता है | हरिद्वार क्षेत्र में इसे ब्राह्मी समझ कर बेचा भी जाता है |इसके पंचांग औषधिय गुणों से भरपूर होते हैं | आइये जानते हैं इसके आयुर्वेदिक गुणों के बारे में :-
- रस :- तिक्त एवं कषाय होता है |
- वीर्य :- शीत होता है |
- विपाक :- मधुर होता है |
- त्रिदोष प्रभाव :- कफ एवं पित्त शामक होता है |
भारत में ऊँचे प्रदेशो में जलाशयों के किनारे होने वाली इस औषधि के बहुत से स्वास्थ्य लाभ है | यहाँ पर जानते है उन रोगों एवं दवाओं के बारे में जिनमे इसका उपयोग होता है :-
- जीर्ण आमवात :- मंडूकपर्णी का चूर्ण (500 मिली ग्राम ) रोजाना 10 दिन तक सेवन करें |
- आयु बढाने के लिए :- इसका चूर्ण (2 ग्राम ) रोजाना दूध के साथ 41 दिन तक सेवन करें |
- बुद्धि बढाने के लिए :- मंडूकपर्णी चूर्ण (2 ग्राम) गाय के दूध के साथ रोजाना 45 दिन तक सेवन करने से मानसिक क्षमता बढ़ जाती है एवं दिमाग तेज दोड़ने लगता है |
- तोतलापन दूर करने में :- बच्चों का तोतलापन दूर करने के लिए इसके पत्ते चब्बाने को दें |
- श्रवण शक्ति वर्धन के लिए :- इसके साथ ब्राह्मी , जटामांसी एवं मुलेठी को समान मात्रा में मिलाकर रोजाना 2 ग्राम खिलावें |
7. धान्यक (धनियाँ) से बढ़ाये अपनी मानसिक क्षमता एवं स्मरण शक्ति
धनियाँ या धान्यक के उपयोग से आप सभी परिचित है | मसालों में इसका अहम स्थान है | लेकिन इसके औषधिय गुणों के कारण मसालों के साथ आयुर्वेद में भी इसका बहुत सी औषधियों में उपयोग किया जाता है | इसके आयुर्वेदिक गुण इस प्रकार हैं :-
- रस :- कषाय होता है |
- वीर्य :- उष्ण होता है |
- विपाक :- मधुर होता है |
- त्रिदोष प्रभाव :- त्रिदोष नाशक है |
स्वादिष्ट व्यंजन एवं मसोलों के रूप में इसके उपयोग को आप सभी जानते है | इसके फल पंचांग एवं तेल का उपयोग औषधि के रूप में होता है | यहाँ पर हम बात करेंगे इसके औषधिय उपयोग क्या हैं ?
- रक्तपित :- धनियाँ, किशमिश, बिही दाने का हिम एवं शक्कर मिला कर खिलाने से लाभ होता है |
- अम्लपित्त :- धनियाँ एवं मिश्री का क्वाथ पिलायें |
- बवासीर :- हरे धनिये की चटनी गर्म करके अर्श की सिकाई करें |
- स्मृति बढ़ाने के लिए :- धनियाँ बिजमज्जा का क्षीर पाक बना कर खिलाने से दिमाग तेज होता है एवं स्मरण शक्ति बढ़ जाती है |
- रक्तप्रदर :- धनियाँ के शीतकषाय का सेवन करें |
यहाँ पर दी गयी जानकारी कोई भी चिकित्सकीय सलाह नहीं है | किसी भी रोग में यहाँ बतायी गयी जानकारी का उपयोग चिकित्सकीय सलाह के उपरांत ही करें या उचित जानकारी अवश्य ले लेवें |
धन्यवाद