श्वेत पर्पटी (Shwet parpati) : जानें गुण उपयोग एवं फायदे

पर्पटी का उपयोग मुख्यतः उदर रोगों और आन्त्रिक विकारों में किया जाता है | गृहणी, अजीर्ण, एवं पाचन के सभी विकारों पर्पटी परिकल्पना की दवाओं का उपयोग किया जाता है | श्वेत पर्पटी इन सभी गुणों के अलावा मूत्र विकारों में भी बहुत उपयोगी है | फिटकरी नौसादर जैसे द्रव्यों से बनी श्वेत पर्पटी का सेवन करने से मुत्रकच्छ, मूत्राघात और अश्मरी (पत्थरी) जैसे रोगों में बहुत फायदा होता है |

श्वेत पर्पटी क्या है / What is shwet parpati ?

यह पर्पटी परिकल्पना की आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग मूत्र विकारों, अम्लपित्त और पाचन विकारों में किया जाता है | पित्त विकार या पित्त की गर्मी के कारण जब पेशाब रुक जाता हो या पेशाब में जलन होती हो तो इस औषधि का सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है |

श्वेत पर्पटी के घटक / Swet parpati ingredients

मूत्र विकारों में उपयोगी और दीपन पाचन गुणों से युक्त इस पर्पटी को बनाने के लिए निम्न घटक द्रव्यों की आवश्यकता होती है :-

  • कलमी सोरा – 40 तोला
  • फिटकरी – 5 तोला
  • नौसादर – 2 तोला
श्वेत पर्पटी के घटक

जानें श्वेत पर्पटी बनाने की विधि / Shwet parpati preparation

  • ऊपर बतायी गयी सभी द्रव्यों का मोटा चूर्ण बना लें |
  • इस चूर्ण को मिटटी की हांड़ी में अग्नि देकर पकाएं |
  • जब सारे द्रव पिघल जाए तो आंच देना बंद कर दें |
  • अब जमीन पर गोबर बिछा इस पर केले का पत्ता रख दें |
  • इस पिघले हुए द्रव्य को केले के पत्ते पर निकाल लें |
  • अब ऊपर से दूसरा पत्ता डाल कर ढक दें |
  • इससे इसकी पपड़ी बन जाएगी |
  • इस पपड़ी को चूर्ण बना कर शीशी में डाल कर रख लें |

इस तरह से अच्छी श्रेणी का श्वेत पर्पटी तैयार हो जाता है |

श्वेत पर्पटी का सेवन कैसे करें / how to use shwet parpati ?

इस पर्पटी का सेवन पांच से दस रत्ती की मात्रा में करना चाहिए | अनुपान के तौर पर ठंडा पानी, नारियल पानी या दही का पानी लें |

श्वेत पर्पटी के फायदे

जानें इसके उपयोग एवं फायदे / Shwet parpati uses and benefits

मुख्यतः मूत्र विकारों में उपयोग में ली जाने वाली यह औषधि पाचक गुणों से वाली भी है | इसके सेवन से जठराग्नि प्रज्वलित होती है जिससे मन्दाग्नि और अजीर्ण के कारण पेट दर्द होने की समस्या में लाभ होता है | यह एक उत्तम पाचक का काम करती है |

मूत्र विकारों में श्वेत पर्पटी के फायदे :- यह पर्पटी शीत वीर्य गुण वाली है एवं इसका प्रभाव विशेष रूप से मूत्राशय पर होता है | इसलिए सभी तरह के मूत्र विकारों में इसका सेवन करना लाभदायी होता है | जब पित्त बढ़ जाने या गर्मी से पेशाब रुक गया हो अन्यथा जलन हो रही हो तो इसका सेवन करने से पेशाब खुलकर और साफ आने लगता है |

अश्मरी (पत्थरी) में भी फायदेमंद है श्वेत पर्पटी :- शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले द्रव्य, लवण, क्षार आदि पेशाब के साथ बाहर निकलते हैं | जब यह तत्व किसी कारणवश कहीं पर जमा होने लग जाए तो छोटे आकार के पत्थर का रूप ले लेते हैं | इसे ही पत्थरी कहते हैं | श्वेत पर्पटी का सेवन करने से पेशाब खुल कर और साफ़ आता है इससे पत्थरी बनने का खतरा नहीं होता है |

धन्यवाद ||

यह भी पढ़ें :-

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *