प्रदरान्तक यानि प्रदर रोग (श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर आदि) का अंत करने वाला | जैसा नाम से स्पष्ट है प्रदरान्तक लौह महिलाओं में प्रदर रोगों का नाश करने वाली आयुर्वेदि औषधि है | यह लौह मंडूर परिकल्पना की औषधि है | लौह (आयरन) अनेकों औषधीय गुणों से युक्त होता है | लौह के इन्ही गुणों को ध्यान में रखकर आयुर्वेद में अनेकों औषधियों का निर्माण इससे किया जाता है | खासकर रक्त और अन्य शारीरिक धातुओं की वृद्धि के लिए आयरन से बनी औषधियां बहुत कारगर होती हैं |
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प्रदरान्तक लौह क्या है / What is Pradarantak Lauha
आयुर्वेद में लौह का विशेष स्थान है | लौह और मंडूर शरीर में रक्त की कमी को पूर्ण कर सभी आवश्यक धातुओं के बनने में अहम भूमिका निभाते हैं | प्रदरान्तक लौह भी इसी सिद्धांत पर आधारित दवा है | हमारे शरीर में लौह की आपूर्ति बहुत से खाद्य पदार्थों से होती है | लेकिन किसी रोग और खान पान में विकार से जब इसकी कमी हो जाए तो बहुत से रोग और कमजोरियां होने लगती हैं |
स्त्रियों में प्रदर रोग होने से रक्त की कमी हो जाती है जिससे शरीर बहुत ही दुर्बल और कांतिहीन हो जाता है | ऐसे में प्रदरान्तक लौह बहुत उपयोगी है | इसमें लौह के साथ ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म, चित्रक मूल जैसी अनेकों उपयोगी औषधियों का योग होता है |
प्रदरान्तक लौह के घटक द्रव्य / Pradarantak lauh ingredients
- लौह भस्म, चव्य
- अभ्रक भस्म, शंख भस्म
- ताम्र भस्म, वच
- शुद्ध हरताल, हाउबेर
- वंग भस्म, कूठ
- कौड़ी भस्म, कचूर
- सोंठ, मिर्च, पाठा
- पीपल, हर्रे, देवदारु
- बहेड़ा, आंवला, इलायची
- चित्रक मूल, विधारा
- वायविडंग
यह सभी द्रव्य/ जड़ी बूटियां समान मात्रा में लेनी चाहिए |
प्रदरान्तक लौह कैसे बनाते हैं / Pradarantak lauh preparation
इस औषधि को बनाने के लिए सबसे पहले सभी जड़ी बूटियों का महीन चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को पानी के साथ खूब अच्छे से खरल करें | जब यह गोली बनाने के लायक हो जाए तो इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें | इन्हें छाया में रखकर सुखा लें और सुरक्षित रख लें |
प्रदरान्तक लौह का सेवन कैसे करें / How to use Pradarantak lauha ?
इसका सेवन एक एक गोली सुबह शाम मिश्री, घृत या शहद के साथ करें |
प्रदरान्तक लौह के उपयोग और फायदे / Pradarantak lauh uses and benefits
महिलाओं में रक्त विकार और प्रदर रोगों में यह औषधि बहुत उपयोगी है | प्रदर रोग पुराना हो जाने से रक्त की कमी होकर शरीर अत्यंत दुर्बल और रोग ग्रस्त हो जाता है | इससे स्त्री को भूख न लगना, मन्दाग्नि, देह पीला पड़ जाना, गर्भाशय की कमजोरी हो जाना जैसी बहुत सी समस्या हो जाती है | ऐसे में प्रदरान्तक लौह का उपयोग करने से बहुत लाभ होता है | इसके सेवन से रक्त रसादि धातुओं की वृद्धि होकर शरीर फिर से हष्ट पुष्ट होने लगता है | आइये जानते हैं इसके फायदे :-
- यह रक्त प्रदर और श्वेत प्रदर में बहुत उपयोगी है |
- शरीर में कमजोरी आ जाने से कमर दर्द और योनी शूल की समस्या में इसका सेवन करने से बहुत लाभ होता है |
- यह गर्भाशय की कमजोरी को भी दूर करती है |
- इससे गर्भाशय और बीज कोष सशक्त होकर स्राव रुक जाता है |
- यह शरीर में नवीन रक्त का निर्माण करता है |
दुष्प्रभाव और सावधानियां / Side effects and precautions
सामान्यतः इस औषधि का कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है | फिर भी बिना चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए और बताए गयी मात्रा में ही इसका सेवन करें |
धन्यवाद ||
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