तुलसी एक दैवीय पौधा है | हिन्दू धर्म में तुलसी को माँ लक्ष्मी का रूप माना जाता है | लेकिन आयुर्वेद की नजर से देखें तो तुलसी एक बहुत ही गुणकारी पौधा है इसमें अनेकों औषधीय गुण पाए जाते हैं | तुलसी पांच प्रकार की होती है | राम तुलसी भी तुलसी का ही एक प्रकार है | इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी ओक्सिडेंट और एंटी फ्लू गुण होते हैं | तुलसी के पांच प्रकार ये हैं :-
- वन तुसली
- निम्बू तुसली
- राम तुलसी
- विष्णु तुलसी
- श्याम तुलसी
राम तुलसी क्या है / what is ram tulsi?
यह तुलसी प्रजाति का ही एक पौधा है | भारत में यह मुख्यतः उष्ण प्रान्तों में पायी जाती है | अंग्रेजी में इसे wild basil के नाम से जाना जाता है | इसका उपयोग पंच तुलसी अर्क में किया जाता है | राम तुलसी के बारे में जाने :-
- कुल :- Lamiaceae
- स्थानीय नाम – राम तुलसी
- संस्कृत नाम – फणीज्जक, अर्जक
- आकार (स्वरुप) – क्षुप, २ से ३ फीट ऊँचा होता है |
- पत्ते – हरे रंग के सरल एवं अभिमुख होते हैं |
- पुष्प – सफ़ेद रंग के होते हैं |
- उत्पति स्थान – उष्ण प्रान्तों में
- संग्रह काल – मार्च, अप्रैल
Ram tulsi (राम तुलसी) के औषधीय गुण
रामतुलसी अत्यंत लाभदायक एवं स्वास्थ्यवर्धक गुणों से युक्त होता है | इसके औषधीय गुण निम्न है :-
- रस – कटु, तिक्त
- गुण – रुक्ष
- वीर्य – उष्ण
- विपाक – कटु
- त्रिदोष प्रभाव – वात नाशक
- उपयोग – कफ़ निस्सारक, कास एवं श्वास नाशक, दीपन, ज्वरनाशक, स्वेदजनक, कृमि नाशक
रोगानुसार राम तुलसी के फायदे एवं उपयोग
तुलसी एक औषधीय पौधा है | प्राचीन काल से ही इसका उपयोग अनेकों रोगों की दवा के रूप में किया जाता रहा है | इसमें एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी ओक्सिडेंट एवं एंटी बायोटिक तत्व पाए जाते हैं | इसका उपयोग शरीर से हानिकारक एवं अवांछित तत्वों को बाहर निकालने के लिए भी किया जाता है |
- कान में दर्द होने पर तुलसी स्वरस गर्म करके कान में डाले |
- शुक्रमेह, सुजाक होने पर इसके पत्तो का फांट दें |
- ज्वर, खांसी, जुखाम आदि के लिए रामतुलसी के पत्र एवं बीजों का फांट दें |
- सर दर्द होने पर तुसली बीज चूर्ण फायदेमंद होता है |
- आमवात एवं पक्षाघात होने पर इसके तेल का उपयोग बहुत फायदेमंद रहता है |
- महिलाओं में होने वाले प्रदर रोगों में इसके पत्र का स्वरस पिलायें |
- गर्भवती महिलाओं को उल्टी होने की समस्या में तुलसी बीज चूर्ण शहद के साथ सेवन करायें |
- मुहं में दुर्गन्ध आने पर इसके पत्तो एवं बीजों का सेवन करें |
- शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने के लिए इसके बीजो का चूर्ण सेवन करें |
- यह कीटाणुनाशक भी होता है |
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