रक्तपित्तकुलकंडन रस : रक्तपित्त की रामबाण दवा

रक्तपित्तकुलकंडन रस रक्तपित्त रोग की सबसे असरदार दवा है | नया पुराना कैसा भी रक्तपित्त हो यह दवा बहुत जल्दी असर करती है | रक्तपित्त रोग में शरीर के उपरी एवं निचले अंगो से खून बहता रहता है | इस रोग में मुख, कान, नाक, आँख, गुदा मार्ग आदि से खून बहने लग जाता है | इससे शरीर में कमजोरी, दुर्बलता, ज्वर, भूख न लगना एवं आलस जैसी समस्याएँ हो जाती हैं | अगर इस रोग का सही समय पर इलाज न किया जाये तो यह जानलेवा भी हो सकता है |

रक्तपित्तकुलकंडन रस क्या है एवं इसके घटक ?

यह रस रसायन प्रकरण की आयुर्वेदिक औषधि है जो रक्तपित्त जैसे भयानक रोग में बहुत असरदार दवा का काम करती है | इसके सेवन से रक्त पित्त, नकसीर, रक्तप्रदर जैसी समस्या में शीघ्र लाभ मिलता है | रक्तपित्तकुलकंडन रस के घटक :-

  • शुद्ध पारा
  • शुद्ध गंधक
  • प्रवाल भस्म
  • स्वर्ण माक्षिक भस्म
  • वंग भस्म
  • नाग भस्म
  • चन्दन, धनियाँ, गज पीपल
  • मालति की कलियाँ, शतावर
  • कमल, सेमल की छाल

रक्तपित्तकुलकंडन रस बनाने की विधि

उपर बतायी गयी सभी जड़ी बूटियों एवं भस्मों को १-१ तोला के मात्रा में लें | अब सबसे पहले पारा एवं गंधक की कज्जली बना लें | इसमें प्रवाल भस्म, स्वर्ण माक्षिक भस्म, वंग भस्म एवं नाग भस्म को मिला लें |

अब अन्य सभी जड़ी बूटियों का क्वाथ या स्वरस लेकर भावना दें एवं इस मिश्रण को खरल में अच्छे से घोंट लें | जब गोली बनाने लायक हो जाये तो एक एक रत्ती की गोलियां बना लें | इस तरह से रक्तपित्तकुलकंडन रस तैयार हो जाता है |

सेवन या अनुपान कैसे करें ?

इसकी एक एक गोली सुबह शाम शहद या वासक के रस के साथ सेवन करे या कुष्मांड रस के साथ लें |

रक्तपित्तकुलकंडन रस के औषधीय गुण

  • यह सौम्य गुण वाला रसायन है |
  • इसमें पित्तशामक गुण होते हैं |
  • यह रक्तप्रसादक है |
  • रक्तपित्तकुलकंडन रस धातु एवं बल्य वर्धक होता है |

रक्तपित्तकुलकंडन रस के फायदे एवं उपयोग

यह औषधि रक्तपित्त रोग की सबसे अच्छी दवा है | इसके सेवन से कितना भी पुराना रक्तपित्त क्यों न हो ठीक हो जाता है | इसके सेवन से रक्त रसादि धातुओं की पुष्टि होती है एवं शरीर हष्ट पुष्ट एवं रोग विहीन हो जाता है | इसके मुख्य फायदे निम्न प्रकार हैं :-

  • यह रक्तस्राव को रोकता है |
  • रक्त पित्त की समस्या में बहुत जल्दी असर करता है |
  • महिलाओं में रक्त प्रदर एवं रज स्राव की समस्या में बहुत फायदेमंद रहता है |
  • पुरुषो में प्रमेह रोग एवं स्वप्नदोष में यह रस बहुत फायदेमंद साबित होता है |
  • रक्तपित्तकुलकंडन रस सफ़ेद पानी की समस्या में भी बहुत असरदार है |
  • धातु क्षीणता एवं शुक्राणुओं की कमी में इसका उपयोग करना चाहिए |
  • यह खुनी बवासीर में बहुत असरदार है |
  • राजयक्ष्मा एवं श्वास रोगों में भी असरदार है |

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