जल पिप्पली (Jal pippali): गुण उपयोग एवं फायदे

जल पिप्पली जैसा इसके नाम से प्रतीत हो रहा है यह जल में उगने वाला और पिप्पली के समान दिखने वाला पौधा है जो भारत में मुख्यतः सभी प्रान्तों में पाया जाता है | यह तालाबों, झीलों एवं नदियों के आस पास पाया जाता है जहाँ जल इक्कठा होता है | यह बहुत छोटे आकार का होता है और क्षुप की भांति धरती पर फैला रहता है | आयुर्वेद में इस वनस्पति का बहुत उपयोग होता है | आइये जानते हैं जल पिप्पली के बारे में :-

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जल पिप्पली क्या है / Jal pippali kya hai

यह १५ से २० सेंटीमीटर ऊंचाई वाला पौधा है जो अधिक पानी वाली जगह पर उगता है | इसके फल एवं पत्ते पिप्पली के जैसे होते हैं इसलिए इसे जल पिप्पली के नाम से जाना जाता है | जल पिप्पली एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेद में बहुत से रोगों की दवा के लिए किया जाता है | इस पौधे में मछली की जैसी गंध आती है इस कारण इसे मत्स्गंधा नाम से भी जाना जाता है |

जैविक नाम और अन्य भाषाओँ में नाम / Jal pippali botanical name and other name

  • कुल – verbenaceae
  • Botanical name (जैविक नाम) Phyla nodiflora
  • जल पिप्पली का स्थानीय नाम – जल पीपल, देवकंडार, मोकना, मई ओकरा
  • संस्कृत नाम – शारदी, शकुलादनी, मत्स्पादनी, मत्स्यगंधा, लांगनी

जलपिप्पली की सामान्य जानकारी / general information of Jal pippali

  • स्वरुप – क्षुप, प्रसरी यह छोटे आकार का धरती पर फैला रहता है |
  • पत्र – इसके पात्र हरे रंग के वृंत रहित लगभग १ इंच के होते हैं एवं आमने सामने लगे होते हैं |
  • फुल – यह भी आकार में छोटे श्वेत रंग के एवं एक से तीन इंच लम्बे होते हैं |
  • फल – लम्ब गोलाकार, पिप्पली की तरह दिखने वाले होते हैं |
  • उत्पति स्थान :- यह सभी प्रान्तों में गीली भूमि में पाया जाता है |

जल पिप्पली के औषधीय गुण / Jal pippali medicinal properties

इस वनस्पति का उपयोग उदार रोगों में एवं अर्श के लिए बहुत होता है | इसके फल औषधीय गुणों से युक्त होते हैं | जल पिप्पली के औषधीय गुण इस प्रकार हैं :-

  • प्रयोज्य अंग :- फल (fruit)
  • रस – कटु, कषाय
  • वीर्य – शीत
  • विपाक – कटु
  • त्रिदोष प्रभाव – पित्त एवं वात नाशक

जल पिप्पली के औषधीय उपयोग / Jal pippali medicinal uses

इस उपयोगी वनस्पति का उपयोग निम्न रोगों में किया जाता है :-

  • यह ह्रदय के लिए लाभदायक है |
  • इसमें नेत्रज्योति बढ़ाने वाले गुण होते हैं |
  • यह शुक्रवर्धक है |
  • जल पिप्पली मूत्रल है इससे मूत्र विकारों में लाभ मिलता है |
  • यह दाह रोग एवं उदर विकारों में गुणकारी है |
  • जठराग्नि बढ़ाने वाले गुण भी इसमें पाए जाते हैं |
  • यह शीत वीर्य वाली वाजीकारक जड़ी बूटी है |

जल पिप्पली के फायदे एवं उपयोग / Jal pippali benefits and uses

आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली यह वनस्पति बहुत उपयोगी एवं अनेकों रोगों में फायदेमंद है | जल पिप्पली के रोगानुसार उपयोग एवं फायदे :-

जल पिप्पली के फायदे

खुनी बवासीर में जल पिप्पली के फायदे

इस रोग में जल पिप्पली बहुत फायदेमंद है | इसके पत्तो का स्वरस पिने से तीन में दिन में रक्त आना बंद हो जाता है | इस रोग में 10 ml स्वरस दिन में दो बार रोगी को सेवन करना चाहिए |

बच्चो की कब्ज दूर करने के लिए जलपिप्पली का उपयोग

इसके पत्तो का रस दस से बीस बूंद शहद के साथ चटाने से बच्चों में मलावरोध की समस्या दूर हो जाती है |

अतिसार एवं अजीर्ण रोग में जल पिप्पली के फायदे

इन रोगों में इसके पत्तो का फांट देने से शीघ्र लाभ होता है | अगर आप इन रोगों से परेशान हैं तो इसका उपयोग करें |

सरदर्द को ख़त्म करने के लिए उपयोगी है जल पिप्पली

सर दर्द एक आम रोग है, काम की अधिकता, तनाव, शोरगुल वाला वातावरण एवं गर्मी के कारण सर दर्द होने लगता है | इस समस्या में जल पिप्पली के पत्तों का लेप बनाकर सर पर लगाने से बहुत राहत मिलती है |

जोड़ो के दर्द में जल पिप्पली के फायदे

संधिवेदना या जोड़ो में दर्द रहना आज आम आदमी की समस्या हो गयी है | सामान्य कारणों से होने वाले जोड़ो के दर्द में जल पिप्पली का उपयोग करना बहुत फायदेमंद रहता है | इसके पत्तो का स्वरस पिने एवं लेप बना कर लगाने से दर्द में आराम मिलता है |

गर्मियों में नकसीर की समस्या में फायदेमंद है जल पिप्पली

नाक से खून बहने की समस्या गर्मियों में अधिक देखने को मिलती है | यह समस्या बच्चों में ज्यादा होती है पर बड़ो को भी यह हो सकती है | इसमें जल पीपल के पंचांग को चूर्ण बना उसे शक्कर एवं दूध में मिलाकर सेवन करने से नकसीर बंद हो जाती है |

मूत्र विकारों में जल पिप्पली के फायदे

जल पिप्पली में मूत्र विकारों को दूर करने वाले गुण होते हैं | पेशाब नहीं लगने या पेशाब करते समय जलन होने जैसी समस्याओं में इससे बहुत लाभ होता है | जल पीपल की ताजा पत्तियो का रस भुने हुए जीरे के साथ मिला कर पिने से पेशाब में होने वाली जलन एवं दर्द आदि में जल्द राहत मिलती है |

धन्यवाद |

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