Divya Swasari Pravahi uses in hindi | श्वासारी प्रवाही के उपयोग

Swasari Pravahi Uses in Hindi: पतंजलि श्वासारि प्रवाही क्वाथ श्वांस रोगों की उत्तम दवा है | पतंजलि कम्पनी द्वारा बनाए जाने वाली यह पेटेंट औषधि अस्थमेटिक अटैक में उपयोगी है | इसका उपयोग सामान्य स्वसन विकारों के उपचारार्थ किया जाता है | हर्बल फार्मूलेशन होने के कारण नुकसान रहित है | इसके निर्माण में उपयोग होने वाले घटक स्वसन तंत्र को मजबूती प्रदान करते है |

आज के इस आर्टिकल में हम आपको पतंजलि दिव्य श्वासारि प्रवाही क्वाथ के बारे में जानकारी देंगे | यहाँ हम आपको इसके घटक द्रव्य, निर्माण विधि, उपयोग, सेवन की विधि एवं होने वाले संभावित नुकसानों के बारे में बताएँगे |

स्वासारी प्रवाही क्वाथ सिरप फॉर्म में आने वाली दवा है | यह अस्थमा, साँस लेने में दिक्कत, सामान्य सर्दी – जुकाम, फ्लू एवं साइनस के उपचार में उपयोगी औषधि है |

श्वासारी प्रवाही के बारे में सामान्य जानकारी | Swasari Pravahi Uses in Hindi Basic Details

दवा का नामश्वासारि प्रवाही
मैन्युफैक्चरर पतंजलि
रोगोपयोगअस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कॉमन कोल्ड, साइनस
मात्रा 250 ML
मूल्य 80 रूपए
Swasari Pravahi Uses in Hindi

Ingredients of Swasari Pravahi in Hindi | श्वासारि प्रवाही के घटक द्रव्य

इस दवा के निर्माण में किसी भी केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता, इसके सभी घटक प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ है | श्वासारि प्रवाही में 16 प्रकार की प्राकृतिक जड़ी – बूटियों का संगम रहता है | यहाँ हमने इसमें पड़ने वाली सभी जड़ी बूटियों के नाम एवं उनके उपयोग के बारे में बताया है | इस टेबल के माध्यम से आप अच्छी तरह समझ सकते है |

घटक का नाम घटक का उपयोग
अमलतास (Cassia Fistula)श्वसन विकारों में उपयोगी
ईख (गन्ना) Sugar Cane रोगप्रतिरोधक क्षमता वर्द्धक एवं गले के रोगों में लाभदायक
सफ़ेद अडूसा (Adhatoda Vasica)वासा श्वसन विकारों में लाभदायक है |
काला अडूसा (Justicia Gendarussa)श्वसन तंत्र को मजबूती देने में उपयोगी
बनफ्सा (Viola Osorata)श्वसन विकारों में बेहतरीन
तेजपता (Cinnamomum Tamala)सर्दी – जुकाम में लाभदायक
कालीमिर्च (Black Pepper)कफ, स्वांस एवं ज्वर में उपयोगी
सौंठ (Zingiber Officinale)उष्णतासीर एवं कफज विकारों में लाभदायक
लौंग (Syzgium Aromaticum)सुजन को दूर करती है एवं कीटाणुओं का नाश करने में उपयोगी
पिप्पली छोटी (Piper Longum)उष्णतासीर का द्रव्य है एवं सर्दी जुकाम से बचाती है |
तुलसी (Ocimum Sanctum)तुलसी एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीइन्फ्लामीटरी गुणों से युक्त जड़ी – बूटी है |
मुलेठी (Glycyrrhiza Glabra)कफज विकारों में उत्तम परिणाम देने वाला द्रव्य है |
दालचीनी (Cinnamomum Zeylanicum)शीतल एवं श्वसन को सुचारू करने में उपयोगी
लिशोडा (Cordia dichotoma)संक्रमण को दूर करने एवं फफुन्दीय संक्रमण में उपयोगी
भृंगराज (Eclipta Alba)इम्युनिटी वर्द्धक एवं कफ – वात विकारों में उपयोगी
बड़ी कटेरी (Solanum Indicum)श्वसन विकारों में उपयोगी जड़ी – बूटी

Swasari Pravahi Health Uses in Hindi | श्वासारि प्रवाही के स्वास्थ्य उपयोग

निम्न रोगों में श्वासारि प्रवाही का चिकित्सार्थ उपयोग किया जाता है | हमने यहाँ रोगों की सूचि आपके लिए उपलब्ध करवाई है ताकि आप इसके बारे में अधिक जान सके कि यह कौनसे रोगों में उपयोग ली जाती है |

  • अस्थमा
  • साइनस
  • कफ
  • सर्दी – जुकाम
  • ब्रोंकाइटिस
  • गले की खरास एवं सुजन
  • फेफड़ों का संक्रमण
  • अन्य कफज एवं स्वसन विकार

Swasari Pravahi Medicinal Properties | श्वासारि प्रवाही के औषधीय गुण धर्म

पतंजलि कंपनी की यह दवा एंटी इन्फ्लामेटरी गुणों से युक्त होती है अर्थात सुजन को दूर करने वाले गुणों से युक्त होती है | श्वसन मार्ग में होने वाली सुजन को दूर करती है | एंटीअस्थमेटिक भी इसका एक प्रमुख गुण है, अपने इसी गुण के कारण यह अस्थमा में उपयोगी साबित होती है |

एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण बैक्टीरिया एवं वायरस संक्रमण से स्वसन रोगियों को दूर रखती है |

एंटीओक्सिडेंट होने के कारण रोगी की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखती है |

मुकोल्यटिक गुण होने के कारण म्यूकस को बनने से रोकती है जिस कारण श्वांस रोगियों को आराम मिलता है |

ब्रोंकोडाइलेटर भी Swasari Pravahi दवा का एक गुण है जो इसे ब्रोंकाईटिस की समस्या में उपयोगी बनाता है |

Side Effects of Swasari Pravahi in Hindi | संभावित नुकसान

यह औषधि पूर्णत: प्राकृतिक जड़ी – बूटियों से निर्मित है अत: इसके कोई भी ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं है | यह पूर्णत: सुरक्षित दवा है | बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाओं को इसका सेवन करवाया जा सकता है | गर्भवती स्त्रियों एवं दूध पिलाने वाली स्त्रियों को आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श अनुसार श्वासारी प्रवाही दवा का उपयोग करवाया जा सकता है |

हालाँकि यह दवा पूर्णत: सुरक्षित है लेकिन किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अनुसार उपयोग करना अधिक फायदेमंद रहता है | चिकित्सक परामर्श अनुसार सेवन करने पर औषधि के फायदे अधिक मिलते है | अत: उपयोग से पहले वैद्य सलाह अवश्य लें एवं अनुपान और परहेज का ध्यान रखें |

Doses of Swasari Pravahi | श्वासारि प्रवाही की सेवन विधि

स्वसन विकारों से ग्रसित रोगी 1 चम्मच की मात्रा में बराबर गरम जल मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है | प्रतिदिन 2 से 3 बार इस औषधि का उपयोग रोगी कर सकता है |

अगर समस्या अधिक है तो 1 चम्मच से बढाकर 2 चम्मच दिन में दो या तीन बार उपयोग कर सकता है | अनुपान के रूप में गरम जल का सेवन करना चाहिए | इस दवा का उपयोग भोजन करने के आधा से एक घंटा पहले करना चाहिए |

FAQ / सामान्य सवाल – जवाब

क्या श्वासारि प्रवाही श्वसन विकारों में उपयोगी है ?

जी हाँ यह औषधि अस्थमा, जुकाम, खांसी, ब्रोंकाटिस, साइनस एवं सामान्य सर्दी – जुकाम में उपयोगी है |

दिव्य श्वासारि प्रवाही किस फार्मेसी की दवा है ?

यह पतंजलि कंपनी की आयुर्वेदिक पेटेंट दवा है |

श्वासारि प्रवाही में कितनी जड़ी – बूटियां है ?

इसमें लगभग 16 जड़ी – बूटियां है | ये सभी प्राकृतिक जड़ी – बूटियां है |

इसका उपयोग कितने समय तक के लिए किया जा सकता है ?

यह पूर्णत; सुरक्षित औषधि है वैद्य सलाह से 45 से 60 दिन तक इसका सेवन किया जा सकता है |

श्वासारि प्रवाही के फायदे क्या है ?

यह अस्थमा रोग, साइनस, जुकाम, गले की समस्या में फायदेमंद दवा है | इसके सेवन से स्वसन तंत्र की रूकावट दूर होती है |

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