महामृगांक रस : यह एक आयुर्वेदिक टेबलेट है | रस रसायन प्रकरण की यह औषधि मुख्यतः टीबी, अस्थमा, अपच, मंदाग्नि और दिल की कमजोरी में उपयोगी है | इस दवा में स्वर्ण भस्म, रस सिन्दूर, मोती पिष्टी और स्वर्ण माक्षिक भस्म जैसे द्रव्यों का योग होता है | चिकित्सक के दिशा निर्देशों और पथ्य अपथ्य के साथ इसका नियमित सेवन करने से ऊपर बताए रोगों में बहुत लाभ मिलता है | आइये जानते हैं इस दवा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी :-
औषधि का नाम | महामृगांक रस |
प्रकार | टेबलेट या वटी स्वरुप की औषधि |
परिकल्पना | रस रसायन |
मुख्य द्रव्य | स्वर्ण माक्षिक भस्म, मोती भस्म, रस सिंदूर |
उपयोग | टीबी, फेफड़ो के विकार, क्षय रोग, अपच अतिसार आदि |
सेवन की विधि | एक एक गोली दिन में दो बार |
अनुपान | पीपल का चूर्ण, मधु, काली मिर्च चूर्ण के साथ |
समयावधि | एक महीने तक चिकित्सक के दिशा निर्देशों के साथ |
खान पान | इसका सेवन करते समय पौष्टिक और शुक्रवर्धक पदार्थो का सेवन करें | |
सावधानियां | बिना चिकित्सकीय सलाह के सेवन ना करें / गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सेवन न कराएं |
महामृगांक रस क्या है / What is Mahamrigank Ras ?
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका निर्माण रस रसायन परिकल्पना के तहत किया जाता है | इसमें क्षयनाशक और बल्यवर्धक गुण होते हैं | स्वर्ण, मोती और स्वर्ण माक्षिक भस्म जैसे ताक़तवर और गुणकारी रसायनों से बनी यह दवा टीबी, अस्थमा, ज्वर के बाद कमजोरी, उदर विकार आदि में अत्यंत उपयोगी है | फेफड़ो और दिल के लिए भी यह औषधि बहुत उपयोगी है |
महामृगांक रस के घटक क्या हैं / Mahamrigank Ras composition and contents
इस औषधि को बनाने के लिए निचे दिए गये द्रव्यों का उपयोग होता है :-
- स्वर्ण भस्म
- मोती भस्म
- स्वर्ण माक्षिक भस्म
- रस सिंदूर
- शुद्ध गंधक
- रोप्य भस्म
- प्रवाल भस्म
- शुद्ध टंकण
- हीरा भस्म
इसके अलावा निम्बू का रस भावना देने के लिए लिया जाता है |
महामृगांक रस कैसे बनाते हैं / Mahamrigank ras preparation
इस बल्यवर्धक रसायन को बनाने के लिए उपर बताये गये घटकों को महीन चूर्ण कर मिला लें | इस चूर्ण में अब निम्बू के रस से भावना दें और मर्दन करें | जब यह गोला बनाने लायक हो जाए तो इसका गोला बना लें | इस गोले को तीव्र धूप में सुखाना होता है |
अब इस गोले को सेंधा नमक भरे पात्र में रख कर 12 घंटे तक मंद और मध्यम आंच पर सेकें | इसके पश्चात इसका मर्दन कर औषधि का 64 वा भाग हीरा भस्म मिला कर मर्दन कर छोटी छोटी गोलियां बना लें |
औषधीय गुण / Medicinal Properties
- बल्यवर्धक
- रसायन
- पाचक
- कृमिनाशक
महामृगांक रस का सेवन कैसे करें / How to use Mahamrigank ras
इसकी एक एक गोली सुबह शाम काली मिर्च चूर्ण, पीपल चूर्ण और शहद के साथ लें | सेवन से पहले चिकित्सक से उचित सलाह अवश्य ले लेवें |
महामृगांक रस के फायदे एवं उपयोग / Mahamrigank ras uses and benefits
यह औषधि एक बल्यवर्धक रसायन है | इसके सेवन से क्षय टीबी, अपच, अस्थमा, अतिसार एवं पीलिया जैसे रोग नष्ट हो जाते हैं | इसका विशेष प्रभाव फेफड़ो पर होता है | इसलिए क्षय रोगों में यह बहुत लाभ करता है | क्षय की सभी अवस्थाओं में यह रसायन अत्यंत लाभकारी है | आइये जानते रोगानुसार इसके फायदे एवं उपयोग :-
क्षय रोग में गुणकारी है महामृगांक रस
क्षय रोग में व्यक्ति अत्यंत निर्बल हो जाता है एवं बुखार व कफ़ बना रहता है | ऐसी अवस्था में यह रसायन विशेष लाभ करता है | इसके सेवन से उपद्रव नष्ट हो शरीर पुनः हष्ट पुष्ट होने लगता है | क्षय रोगियों के लिए महामृगांक रस अमृत तुल्य है |
अस्थमा में उपयोगी है महामृगांक रस, जानें फायदे
यह रसायन कफ़ नाशक है एवं इसका विशेष प्रभाव फेफड़ो पर होता है | इसके सेवन से कफ़ दूर हो जाता है जिससे अस्थमा रोग में लाभ मिलता है |
पाचन ठीक करे एवं भूख बढाए
क्षय एवं अन्य कफ़ रोगों के कारण भूख ना लगने की समस्या हो जाती है | पाचन शक्ति कमजोर हो जाने एवं मंदाग्नि के कारण भूख नही लगती जिससे व्यक्ति निर्बल होता जाता है | ऐसे में महामृगांक रस अपने पाचक गुणों के कारण बहुत लाभकारी सिद्ध होता है | इसके सेवन से जठराग्नि प्रदीप्त होती है एवं पाचन सही होता है |
शुक्रक्षय में भी लाभकारी है महामृगांक रस
वृक्क विकारों एवं वातवाहिनी नाड़ियो में क्षोभ के कारण शुक्र क्षय होता हो ऐसे क्षय रोगियों के लिए यह औषधि अत्यंत लाभदायक है | इसके सेवन से शुक्रस्राव बंद हो जाता है |
महामृगांक रस का सेवन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें :-
यह एक उत्तम रसायन है | क्षय रोगियों के लिए लाभदायक इस औषधि का सेवन करते समय खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए | इसका सेवन करते समय पौष्टिक और शुक्रवर्धक पदार्थो का सेवन करना चाहिए |
नुकसान एवं सावधानियां / Side Effects and precautions
महामृगांक रस में स्वर्ण भस्म मोती भस्म, रस सिन्दूर जैसे घटकों का उपयोग होता है | ये सभी खनिज युक्त औषधियां है अतः इनका सेवन करते समय विशेष ध्यान देना होता है | इस औषधि का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लिए बिना नहीं करना चाहिए | अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करना हानिकारक हो सकता है | दीर्घकाल तक इसका सेवन करने से बचना चाहिए |
महामृगांक रस से जुड़े आपके सवाल / FAQ related to Maharmrigank ras
यह एक आयुर्वेदिक औषधि है | टीबी और अस्थमा जैसे विकारों में लाभदायक है |
यह रस रसायन परिकल्पना की दवा है | टेबलेट रूप में उपलब्ध होती है |
इसका सेवन एक एक गोली दिन में दो बार चिकित्सक की सलाह से करें |
इस दवा का उपयोग टीबी, अस्थमा, अपच, दस्त जैसे रोगों में किया जाता है |
इसके सेवन से नींद आना या नशे जैसा को प्रभाव नहीं होता है अतः आप वाहन चला सकते हैं |
चिकित्सक की सलाह के साथ इसका सेवन किया जा सकता है |
कुछ समयांतराल के साथ इसका सेवन अन्य दवाओं के साथ किया जा सकता है |
शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | हालांकि इस दवा का सेवन शराब पिने वाला व्यक्ति कर सकता है |
अभी तक इस दवा के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं | लेकिन हमेशां इसका उपयोग चिकित्सक की सलाह से ही करें |
धन्यवाद ||
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