दाड़ीमाष्टक चूर्ण (Dadimashtak Churna): गुण उपयोग एवं फायदे

दाड़ीमाष्टक चूर्ण : यह आयुर्वेदिक चूर्ण बहुत ही स्वादिष्ट और पाचक गुणों वाला है | यह पित्तशामक, अग्निमांध और आमातिसार नाशक औषधि है | अनार दाना, हिंग, सेंधा नमक एवं काली मिर्च जैसे द्रव्यों से बनी यह औषधि अत्यंत गुणकारी एवं स्वास्थ्य वर्धक है | इस लेख में दाड़ीमाष्टक चूर्ण से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी |

औषधि का नामदाड़ीमाष्टक चूर्ण
प्रकारशास्त्रोक्त औषधीय चूर्ण
परिकल्पनाचूर्ण परिकल्पना
मुख्य घटक अनार दाना
औषधीय गुण पाचक, रुचिवर्धक, पित्तशामक, अग्निवर्धक
रोग पित्त विकार, गृहणी (IBS), अपच, भूख की कमी
अरुचि, खट्टी डकारें आना, हृदय की पीड़ा
उपयोग/ फायदेबढे हुए पित्त का शमन करने के लिए, भूख बढाने के लिए,
अतिसार नाशक, स्वादिष्ट एवं रुचिकारक
सेवन की मात्रा 3 से 5 ग्राम सुबह शाम छाछ या पानी से
चिकित्सक की सलाह से
समयावधि3 महीने तक चिकित्सक की सलाह से
दुष्प्रभावकोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं
सावधानियां पित्त जनित पाचन विकारों में अधिक उपयोगी
दाड़ीमाष्टक चूर्ण की जानकारी

Post Contents

दाड़ीमाष्टक चूर्ण क्या है / What is Dadimashtak Churna ?

यह चूर्ण एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग उदर विकारों में किया जाता है | बढे हुए पित्त का शमन करने के लिए यह चूर्ण बहुत उपयोगी औषधि है | यह खाने में स्वादिष्ट और पाचन शक्ति बढाने वाला है | भूख की कमी, आमातिसार, अग्निमांध जैसी समस्या में इसका सेवन करने से बहुत फायदा होता है |

दाड़ीमाष्टक चूर्ण के फायदे

दाड़ीमाष्टक चूर्ण के घटक क्या हैं / Composition or contents of Dadimashtak churna ?

इस चूर्ण में उपयोग में ली जाने वाली सारी जड़ी बूटियां सामान्यतः आपके रसोई घर में मिल जाती हैं | दाड़ीमाष्टक चूर्ण में निम्न जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है :-

  • अनार दाना
  • हींग (भूनी हुयी)
  • काली मिर्च
  • सफ़ेद जीरा (भूना हुवा)
  • बड़ी इलायची
  • सेंधा नमक

दाड़ीमाष्टक चूर्ण के औषधीय गुण / Medicinal properties of Dadimashtak Churna

  • पित्तशामक
  • अतिसार नाशक
  • पाचनीय
  • रूचि वर्धक

इस चूर्ण को कैसे बनाते हैं / How to prepare Dadimashtak Churna

यह चूर्ण जितना स्वास्थ्यवर्धक और गुणकारी है उतना ही बनाने में आसान है | आप उपर बताये द्रव्यों को लेकर आसानी से इसे घर पर बना सकते हैं | इसे बनाने के लिए निम्न विधि का उपयोग करें :-

  • सबसे पहले हींग और जीरे को भून लें |
  • अब सभी जड़ी बूटियों का महीन चूर्ण बना लें |
  • सभी चूर्ण को आपस में अच्छे से मिला लें |
  • इस तरह से दाड़ीमाष्टक चूर्ण तैयार हो जाता है |

सेवन कैसे करें / How to use Dadimashtak Churna

इसकी 3 से 5 ग्राम मात्रा का सेवन सुबह शाम छाछ या पानी के साथ करें |

दाड़ीमाष्टक चूर्ण के फायदे एवं उपयोग / Dadimashtak churna uses and Benefits

अनार दाना, हींग, सेंधा नमक जैसे द्रव्यों के गुणों से युक्त यह चूर्ण पित्त शामक एवं पाचन शक्ति बढाने वाला है | पाचक पित्त की निर्बलता के कारण आमाशय कमजोर हो जाने पर अपच हो जाती है एवं खट्टी डकारें आती हैं | ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस समस्या में खाया हुवा खाना आमाशय में ज्यों का त्यों पड़ा रहता है | ऐसी समस्या में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है | आइये जानते हैं रोगानुसार इसके फायदे :-

खानें में रूचि बढाता है दाड़ीमाष्टक चूर्ण :-

अपच हो जाने या जठराग्नि मंद हो जाने पर खाने में रूचि कम हो जाती है और भूख बंद हो जाती है | ऐसे में व्यक्ति बहुत कम खान पान करता है और दुर्बल हो जाता है | दाड़ीमाष्टक चूर्ण रुचिकारक औषधि है | इसके सेवन से पाचन सही होता है एवं खाने में रूचि बढ़ती है |

गृहणी रोग में कारगर है दाड़ीमाष्टक चूर्ण का सेवन करना :-

गृहणी एक जटिल पाचन विकार है, इस रोग में पाचन शक्ति बहुत क्षीण हो जाती है | खाना खाते ही पेट दर्द, भारीपन, डकारें आना जैसी समस्या हो जाती है | भूख बिल्कुल कम हो जाती है | इस रोग दाड़ीमाष्टक चूर्ण का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है | यह पाचन सही करता है और जठराग्नि को प्रदीप्त करता है |

पाचक पित्त बिगड़ने पर दाड़ीमाष्टक चूर्ण का सेवन करना बहुत फायदेमंद है :-

पित्त बिगड़ जाने पर आमाशय में विकार उत्पन्न हो जाता है | दाड़ीमाष्टक चूर्ण अपने पित्त शामक गुणों के कारण आमाशय के विकार को नष्ट कर देता है और पाचन शक्ति बढाता है | पित्त प्रधान रोगों में इसका उपयोग विशेष लाभकारी होता है |

गैस कब्ज की समस्या में विशेष लाभदायक है दाड़ीमाष्टक चूर्ण :-

पाचन शक्ति क्षीण हो जाने एवं पित्त बिगड़ जाने पर खाया हुवा पदार्थ आमाशय में पड़ा रहता है | इससे गैस बनती है जिससे पेट दर्द, हृदय में पीड़ा होना, सर दर्द, सीने में जलन जैसी समस्या हो जाती है | इस तरह की समस्याओं में यह औषधीय चूर्ण बहुत फायदेमंद है | गैस कब्ज की समस्या में इस चूर्ण का सेवन करने से लाभ होता है |

दाड़ीमाष्टक चूर्ण के नुकसान और सावधानियां / Side effects and precautions of Dadimashtak Churna

यह रुचिवर्धक और स्वादिष्ट चूर्ण है | इसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं | सामान्य पाचन विकारों में इसका सेवन किया जा सकता है | कोई विशेष रोग या जटिल समस्या होने पर चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन करें |

धन्यवाद ||

यह भी पढ़ें :-

सन्दर्भ/ Reference

AYURVEDA REVIEW ON “DADIMASHTAKA CHURNA” AND ITS CLINICAL IMPORTANCE

ROLE OF DADIMASHTAKA CHURNA IN THE MANAGEMENT OF GRAHANI DOSHA
W.S. R. TO DISEASE PREVALENCE IN SCHOOL GOING CHILDREN

दाड़ीमाष्टक चूर्ण से जुड़े आपके सवाल / FAQ Related to Dadimashtak Churna

यह चूर्ण बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्य वर्धक है | पाचन विकारों में इसका उपयोग किया जाता है |

यह चूर्ण आप 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सेवन छाछ या पानी के साथ सेवन कर सकते हैं |

इसमें मुख्य जड़ी बूटी अनार दाना होता है | इसके अलावा सेंधा नमक, हींग जैसे द्रव्यों का उपयोग होता है |

दाड़ीमाष्टक चूर्ण का सेवन अन्य दवाओं के साथ किया जा सकता है | कोई जटिल रोग होने पर चिकित्सक की सलाह से सेवन करें |

इसमें नशे वाली किसी चीज का उपयोग नहीं किया गया है | इसका सेवन करने के बाद गाड़ी चला सकते हैं |

यह शास्त्रोक्त औषधि है | आप साधना, बैद्यनाथ, उंझा, स्वदेशी या डाबर का दाड़ीमाष्टक चूर्ण ले सकते हैं या इसे घर पर भी बना सकते हैं |

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *