मृत संजीवनी सूरा जैसा आपको नाम से प्रतीत हो रहा है एक जीवनीय शक्ति प्रदान करने वाली औषधि है | यह स्त्री एवं पुरुष दोनों के लिए बहुत गुणकारी है | सूरा, शराब या मद्य को आधुनिक समय में सिर्फ नशे का पर्याय मान लिया गया है | जबकि आयुर्वेद में कुछ ऐसी औषधियां हैं जिनमें मद्यकांश अधिक होने के बावजूद उन्हें दवा के रूप में प्रयोग लिया जाता है | यह सूरा रूपी औषधि तभी गुणकारी होती हैं जब बतायी गयी विधि और मात्रा में इनका सेवन किया जाये |
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मृत संजीवनी सूरा क्या है / What is mrit sanjivani sura ?
यह आसव अरिष्ट प्रकरण की आयुर्वेदिक औषधि है | इसमें मद्यकांश (एल्कोहोल की मात्रा) अधिक होता है इसलिए इसे सूरा नाम दिया गया है | बबूल की छाल, गुड़, सुपारी जैसे अवयवों से बनी यह औषधि पौष्टिक, अग्निवर्धक एवं बलवर्धक है | निमोनिया, हैजा, सन्निपात ज्वर जैसी व्याधियां इस दवा के सेवन से दूर हो जाती हैं | इस लेख में हम आपको मृत संजीवनी सूरा के घटक द्रव्यों, इसे बनाने की विधि, फायदे एवं नुकसान के बारे में बतायेंगे |
मृत संजीवनी सूरा के घटक / Mrit Sanjivani vati Ingredients
इस सूरा रूपी औषधि में निम्न घटक द्रव्यों का उपयोग किया जाता है |
- गुड़ (नवीन तैयार किया गया) – 6 किलोग्राम
- बबूल की छाल, बेर की छाल, सुपारी – प्रत्येक 1 किलोग्राम
- लोध – 20 तोले
- अदरक – 10 तोले
- सुपारी, एलबालुक, देवदारु, लौंग – प्रत्येक 2 तोला
- पद्माख, खस, सफ़ेद चंदन – सभी 2- 2 तोला
- सोया, अजवायन, काली मिर्च – प्रत्येक 2 तोला
- सफ़ेद जीरा, स्याह जीरा, कचूर, जटामांसी – सभी दो दो तोला
- दालचीनी, इलायची, जायफल, नागरमोथा – प्रत्येक 2 तोला
- गठिवन, सोंठ, मेथी, मेढ़ासिंगी, चंदन – प्रत्येक 2 तोला
मृत संजीवनी सूरा कैसे बनाते हैं / Mrit Sanjivani Sura banane ki vidhi
इस आसव प्रकरण की औषधि को निम्न विधि से तैयार किया जाता है :-
- गुड़, बबूल की छाल, अदरक, बेर की छाल, सुपारी, लोध को जौकुट कर लें |
- इन सब को चिकने मटके में भर कर ढक दें |
- मटके को संधान करके 20 दिन के लिए छोड़ दें |
- 20 दिन बाद इसमें अन्य जड़ी बूटियों का चूर्ण भी मिला दें |
- इस मिश्रण को अब मयूर यंत्र में डाल कर धीमी आंच पर अर्क निकाल लें |
- नाड़िका यंत्र दे अर्क निकालकर शीशी में डाल लें |
- यह अर्क ही मृत संजीवनी सूरा है |
मृत संजीवनी सूरा का सेवन कैसे करें / how to use mrit sanjivani sura ?
इसकी 5 ml मात्रा का सेवन बराबर मात्रा में जल मिलाकर करें |
मृत संजीवनी सूरा के फायदे एवं उपयोग / Mrit sanjivani sura uses and benefits
मृत संजीवनी सूरा बहुत गुणकारी औषधि है | हैजा एवं सन्निपात ज्वर में जब शरीर ठंडा पड़ जाये तो इसका सेवन करने से बहुत लाभ होता है | यह शरीर में बल एवं कांति लाने वाली सूरा है | शीतकाल में इसका सेवन बहुत उपयोगी है | यह शरीर में गर्मी लाती है इससे ठंड कम लगती है | स्त्रियों के लिए यह अत्यंत गुणकारी है | प्रसव के बाद आयी कमजोरी एवं रोगों में इसके सेवन से शीघ्र लाभ मिलता है | आइये जानते हैं मृत संजीवनी सूरा के फायदे एवं उपयोग :-
- इसके सेवन से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है |
- जब हैजा, सन्निपात ज्वर एवं निमोनिया जैसी समस्या के कारण शरीर ठंडा पड़ जाए तो इसका सेवन कराना चाहिए |
- जब रोग की अधिकता के कारण हृदय की गति मंद पड़ जाए एवं नाड़ी भी धीमी हो जाए तो मृत संजीवनी सूरा का सेवन बहुत लाभकारी होता है |
- इसका असर हृदय और रक्तवाहिनी शिराओं पर होता है |
- प्रसूता महिला की व्याधियों में यह बहुत फायदेमंद है |
- इसके सेवन से श्वास, दमा और खांसी के वेग का शमन होता है |
- यह वाजीकारक भी है |
- प्रकुपित वायु को शांत करने के लिए इसका सेवन बहुत लाभकारी है |
- इसके सेवन से स्फूर्ति और कांति की वृद्धि होती है |
मृत संजीवनी सूरा के नुकसान / Mrit sanjivani sura side effects
इस औषधि में एल्कोहोल की मात्रा में ज्यादा होती है अतः बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन ना कराएं | अधिक समय तक मृत संजीवनी सूरा का सेवन नहीं करना चाहिए | चिकित्सक द्वारा बतायी गयी विधि और मात्रा में ही सेवन करें |
सावधानी/ caution
इस औषधि में एल्कोहोल की मात्रा ज्यादा होती है इसलिए इसको बिना आबकारी विभाग से पूर्व अनुमति के नहीं बनाना चाहिए |
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बहुत बढीया असरदार दवा है ।