शशिशेखर रस आयुर्वेद में रस रसायन कल्पना की औषधि है | इसका उपयोग अन्डकोशों के विकार एवं अंत्र वृद्धि में किया जाता है | इसमें लौह भस्म, अभ्रक भस्म एवं रस सिन्दूर जैसी औषधियों का योग होता है |
शशिशेखर रस क्या है, इसके घटक, बनाने की विधि एवं फायदे
तीन गुणकारी औषधियों (लौह भस्म, अभ्रक भस्म एवं रस सिंदूर) से बनी यह दवा बहुत गुणकारी औषधि है | यह शरीर में सभी धातुओं की वृद्धि करती है | जिससे बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है व शरीर हष्ट पुष्ट बनता है | यह पांडू रोग, कामला रोग, कठिन वात रोग एवं दुर्बलता में बहुत उपयोगी दवा का काम करती है | इस लेख में हम शशि शेखर रस के घटक क्या हैं, इसे कैसे बनाते हैं एवं इसके फायदे एवं अनुपान की विधि से जुड़ी जानकारी के बारे में बताएँगे |
शशिशेखर रस के घटक द्रव्य / Shashi shekhar ras ingredients
इस औषधि में निम्न औषधियों का योग होता है |
- लौह भस्म
- अभ्रक भस्म
- रस सिंदूर
- घृत कुमारी रस
शशि शेखर रस बनाने की विधि / Shashi shekhar ras kaise banaye
इस रसायन प्रकरण की औषधि को आप आसानी से घर पर भी बना सकते हैं | इसके लिए निम्न विधि का उपयोग करें :-
- लौह भस्म, अभ्रक भस्म और रस सिन्दूर को बराबर मात्रा में लें |
- इनको आपस में अच्छे से मिला लें |
- अब इस मिश्रण को खरल में घृत कुमारी रस के साथ घोंटे |
- इसे तब तक घोंटते रहें जब तक यह गोली बनाने लायक न हो जाए |
- अब इसके छोटी छोटी गोलियां बना लें |
- इनको छायाँ में सुखाकर किसी पात्र में सुरक्षित रख लें |
- इस तरह से शशिशेखर रस तैयार हो जाता है |
शशि शेखर रस का सेवन कैसे करें / How to use shashi shekhar ras
इस रसायन की एक एक गोली सुबह शाम एरंड मूल के क्वाथ के साथ दें | या इसका सेवन सोंठ चूर्ण और बड़ी हर्रे के क्वाथ एवं शहद के साथ भी कर सकते हैं |
शशिशेखर रस के फायदे एवं उपयोग / Shashi shekhar ras uses and benefits
यह औषधि खास तौर पर अंडकोष के विकारों में उपयोगी है | इसके सेवन से रस रक्तादि धातुओं की वृद्धि होती है एवं शरीर हष्ट पुष्ट होता है |
- अगर अंडकोष लटक गये हों या बढ़ गए हों तो शशि शेखर रस का सेवन करने से बहुत लाभ होता है |
- अन्त्र विकारों में यह औषधि बहुत गुणकारी है |
- इसमें लौह भस्म है जो रक्त वृद्धि का काम करती है |
- अभ्रक भस्म के गुणों के कारण यह त्रिदोषों का शमन करने वाला एवं क्षय, कफ आदि विकारों में लाभ करता है |
- रस सिंदूर बलवर्धक और वाजीकारक गुण होते हैं |
- इसके सेवन से शरीर में कांति और बल की वृद्धि होती है |
- यह त्वचा के व्रण को सुधारता है |
- पांडू और कामला रोग में इसके सेवन से बहुत फायदे होते हैं |
- प्रमेह रोगों में इसका सेवन हल्दी के रस एवं शहद के साथ करने पर रोग नष्ट हो जाते है |
शशि शेखर रस के नुकसान एव सावधानियां / Shashi shekhar ras side effects
इस दवा में खनिज भस्मों की अधिकता होती है अतः लम्बे समय तक और अधिक मात्रा में सेवन करने से नुकसान हो सकता है, इसलिए चिकित्सक के बताए अनुसार और कम मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए | गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए |
धन्यवाद !
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