दाद खाज खुजली एक संक्रामक त्वचा रोग है | यह एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में स्पर्श या कपड़ो के आदान – प्रदान से बड़ी आसानी से हो जाता है | अधिकतर रोगियों में हाथ, पैर, घुटनों, पैरों की अँगुलियों के बीच एवं जननागों पर होता है | त्वचा पर गोल परतदार घेरे के रूप में ललाई लिए हुए प्रकट होता है | जिसमे तीव्र खाज खुजली प्रकट होती है |
इस रोग को चिकित्सकीय भाषा में Tinea नाम से जाना जाता है | दाद खाज खुजली को आयुर्वेद में विभिन्न औषधियों द्वारा आसानी से उपचार किया जा सकता है | आज इस आर्टिकल में हम आपको दाद खाज खुजली की आयुर्वेदिक दवा एवं घरेलु उपचारों के बारे में बताएँगे |
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दाद क्या है ? / What is Tinea in Hindi ?
इसे आधुनिक चिकित्सा में Ringworm या Tinea नाम से जाना जाता है | आयुर्वेद अनुसार अधिक मिट्ठा, गरिष्ठ, बासी भोजन करने एवं साफ़ सफाई की कमी से त्वचा पर एक पीडिका के रूप में प्रकट होता है जो खाज – खुजली, लालिमा जैसे लक्षण प्रकट होकर दाद की उत्पति करते है | आयुर्वेद के अनुसार यह कफ एवं कफदोष की वृद्धि के कारण उत्त्पन्न होने वाला रोग है |
दाद खाज खुजली होने के क्या कारण है ? / What is the Cause
- फंगल इन्फेक्शन के कारण दाद खाज खुजली हो सकती है |
- किसी दुसरे व्यक्ति जिसे दाद की समस्या है उसके कपड़े या छूने मात्र से दाद हो सकता है |
- प्रकुपित कफ जो अधिक मीठा, गरिष्ठ एवं बासी भोजन से होता है के कारण भी स्किन प्रॉब्लम पनपती है |
- किसी पशु के संपर्क में आने से जिसे दाद खाज खुजली की शिकायत है |
- तंग कपडे भी इसका एक कारण बन सकते है |
दाद खाज खुजली की आयुर्वेदिक दवा / Dad khaj khujli ki Ayurvedic Dava
यहाँ हम आयुर्वेद की दाद खाज खुजली के लिए प्रयोग होने वाली आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में आपको अवगत करवाएंगे | हालाँकि उपचार में विभिन्न दवाओं के औषध योगो का प्रयोग किया जाता है | लेकिन हम यहाँ आपको एक – एक दवा के बारे में जानकारी देंगे जो दाद के इलाज में आयुर्वेद चिकित्सा में प्रयोग की जाती है |
1. गंधक मलहरा / Gandhak Malhara
सभी त्वचा संक्रमण एवं दाद खाज खुजली में यह दवा बहुत उपयोगी है | इसका निर्माण गंधक, गिरिसिंदुर एवं तिल तेल के योग से होता है | स्किन इन्फेक्शन में इसका प्रयोग बाह्य रूप से लगाने के लिए किया जाता है | दाद खाज खुजली में प्रभावित स्थान पर नियमित उस स्थान को धोकर लगाया जाये तो मात्र कुच्छ ही दिनों में दाद से राहत मिलती है |
उपयोग का तरीका – प्रभावित स्थान को अच्छे से साफ़ करके इस तेल को लगाना चाहिए | इसे दिन में दो बार लगाया जा सकता है |
उपलब्धता – ऑनलाइन एवं ऑफलाइन बाजार में उपलब्ध |
मूल्य – विभिन्न फार्मेसियों की मूल्य सूचि मात्रा अनुसार अलग – अलग | लगभग 30 से 50 रूपए |
2. जात्यादि तेल / Jatyadi Oil
यह आयुर्वेद का प्रसिद्द औषधीय तेल है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के त्वचा पर होने वाले घावों को भरने के लिए किया जाता है | इसका प्रयोग करने से बहुत ही तीव्रता से घाव एवं त्वचा विकार ठीक होते है | दाद खाज खुजली में जात्यादि तेल का इस्तेमाल मालिश के रूप में किया जाना चाहिए | इसे प्रभावित स्थान पर कुछ बूंदों की मात्रा में लगाना लाभदायक रहता है | नियमित दो समय लगाने से जल्द ही दाद खाज खुजली से राहत मिलती है |
उपयोग का तरीका – दाद वाले स्थान पर कॉटन के माध्यम से लगायें | इसे नित्य दो बार सुबह एवं शाम लगाया जाना चाहिए |
दवा की उपलब्धता – ऑनलाइन एवं ऑफलाइन बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाती है |
मूल्य – बैद्यनाथ जात्यादि तेल 50 मिली 130 रूपए
3. धुर्धुपत्रादी तैलम / Dhurdhupatradi Tailam
इस तेल का निर्माण तिल तेल, धतूरे के पत्र एवं बीजों के सहयोग से किया जाता है | यह स्किन प्रोब्लेम्स जैसे दाद खाज खुजली, बालों का झाड़ना, बालों की कमजोर जड़े आदि में प्रयोग होने वाला आयुर्वेदिक तेल है | दाद की समस्या में इस तेल का प्रयोग करने से जल्द ही दाद से मुक्ति मिलती है | दाद एवं खाज खुजली वाले स्थान पर कॉटन के माध्यम से लगाने से कुछ ही दिनों में दाद से राहत मिलती है |
उपयोग का तरीका – कॉटन में कुछ बुँदे धुर्धुपत्रादी तैलम की लगाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है |
दवा की उपलब्धता – ऑनलाइन एवं ऑफलाइन उपलब्ध (आर्य वैद्य शाला फार्मेसी का लीजिये हमारे अनुभव अनुसार)
मूल्य – 200 मिली के लगभग 150 रूपए लगते है |
4. नीम आयल / Neem Oil
नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते है | अत: दाद खाज खुजली में नीम आयल का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद रहता है | नीम आयल का प्रयोग दाद खाज खुजली वाले प्रभावित स्थान पर नियमित किया जाये तो जल्द ही दाद ठीक होने लगता है | त्वचा के अन्य संक्रमणों में भी नीम तेल काफी फायदेमंद रहता है |
उपयोग का तरीका – कॉटन में कुछ बुँदे लगाकर प्रभावित स्थान पर अच्छे से मलें | दिन में दो से तीन बार
दवा की उपलब्धता – ऑनलाइन एवं ऑफलाइन
मूल्य – 200 मिली 150 से 180 रूपए तक मिल जाता है |
5. गंधक रसायन / Gandhak Rasayana
गंधक रसायन आन्तरिक उपयोग वाली आयुर्वेदिक दवा है | यह टेबलेट्स एवं पाउडर दोनों फॉर्म में उपलब्ध होती है | इसका प्रयोग सभी प्रकार के त्वचा विकार, खाज – खुजली एवं तीव्र बुखार में किया जाता है | गंधक रसायन आयुर्वेद के रस रसायन प्रकरण की दवा है एवं इसका निर्माण गंधक आदि के योग से होता है | अत: उपयोग से पहले आयुर्वेदिक वैद्य का परामर्श अवश्य लेना चाहिए | यह रक्त को शुद्ध करती है जिससे त्वचा के विकार दूर होते है |
उपयोग का तरीका – 250 से 500 mg वैद्य के परामर्शानुसार सेवन की जानी चाहिए |
दवा की उपलब्धता – ऑनलाइन एवं ऑफलाइन बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाली दवा |
मूल्य – लगभग 100 रूपए से 150 रूपए के बिच मिलने वाली अलग – अलग पैकेजिंग अनुसार मूल्य |
दाद खाज खुजली के घरेलु उपचार / Home Remedies for Tinea (Dad Khaj Khujli)
सभी प्रकार के त्वचा विकारों में आयुर्वेद अनुसार रक्त की अशुद्धि एवं त्रिदोषों का असंतुलन रहता है | जैसे दाद की समस्या में आयुर्वेद अनुसार पित्त एवं कफ दूषित होता है जो आगे चलकर दाद खाज खुजली का कारण बनता है | इन सभी विकारों में संतुलित आहार एवं पोषण युक्त आहार का सेवन (पित्त एवं कफ के असंतुलन को ठीक करते हो) करना चाहिए |
यहाँ हम आपको कुछ घरेलु परीक्षित उपचार बताते है जो दाद खाज खुजली को ठीक करने में कारगर होंगे |
- दाद की समस्या होने पर नीम के तेल में थोड़ी हल्दी का पाउडर मिलाकर इसका पेस्ट बना लें | इस पेस्ट को दाद खाज खुजली वाले प्रभावित स्थान पर दिन में दो बार लगायें | यह घरेलु उपचार दाद खाज खुजली को जल्द ही ख़त्म कर देता है | यह घरेलु उपचार परीक्षित है इसे अवश्य अजमाना चाहिए |
- पवित्र तुलसी के 10 पते लेकर इन्हें कुचल लें | अब इसमें थोडा हल्दी पाउडर एवं नीम की पतियाँ मिलालें | इस प्रकार से तैयार लेप को अगर दाद वाले स्थान पर नियमित 5 दिन लगाया जाये तो यह दाद को ठीक करने में काफी सहायक सिद्ध होता है | तुलसी में एंटीफंगल गुण होते है जो दाद के उपचार के लिए इसे उपयोगी बनाते है |
- अगर घर में पपीते का पेड़ है तो इसमें लगे हुए कचे पपीते के फल को तोड़ लें | पपीते को तोड़ते ही इसके जोड़ वाले स्थान पर दूध निकलता है | इस दूध को दाद पर लगायें यह जल्द ही दाद को खत्म करने का कार्य करेगा | यह परीक्षित नुस्खा है; अपना कर देखें |
- लहसुन की कुछ कलियों का रस निकाल कर दाद पर लगाने से जल्द राहत मिलती है |
- दाद में करेला भी लाभदायक होता है | करेले के रस को निकालकर प्रभावित स्थान पर लगायें लाभ मिलेगा |
- नौसादर (Ammonium Chloride) पंसारी के पास आसानी से उपलब्ध हो जाती है | इसे पीसकर इसमें निम्बू का रस मिलाकर लगाने से लाभ होता है |
- गुलाब के फूलों के अर्क में निम्बू मिलाकर लगाने से भी दाद ठीक हो जाता है |
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