शरीर के अंदर दूषित विषों को निकालने के लिए जम्बीर द्राव बहुत गुणकारी औषधि है | इसके सेवन से यकृत विकार, उदर रोग, गुल्म, प्लीहा, कृमि जनित रोग, वात एवं कफ दोष नष्ट हो जाते हैं | यकृत, गुल्म एवं उदर रोगों के लिए जम्बीर द्राव जितनी गुणकारी औषधि दूसरी नहीं है | शरीर में जितने भी दूषित अवयव होते हैं इसके सेवन से पेशाब पसीने और मल के साथ बाहर निकल जाते हैं |
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जम्बीर द्राव क्या है / What is Jambir drav ?
इस औषधि में प्रधान द्रव्य जम्बिरी निम्बू का रस होता है | यह आसव प्रकरण की आयुर्वेदिक औषधि है | इसका उपयोग मुख्यतः उदर विकार, कृमि जनित रोग, आमाशय एवं यकृत विकारों में किया जाता है | यह पाचन क्रिया को शुद्ध करता है और दूषित मल एवं विष को बाहर निकालता है | टाइफाइड, अतिसार, हैजा जैसे रोगों में भी इसके सेवन से अच्छा लाभ देखने को मिलता है |
जम्बीर द्राव के घटक द्रव्य / Jambir drav ingredients
इसमें प्रधान द्रव्य निम्बू का रस होता है इसके अलावा निम्न घटक द्रव्य उपयोग में लिए जाते हैं :-
- निम्बू का रस – 5 सेर
- हिंग – 8 तोला
- सेंधा नमक, वायविडंग – चार चार तोला
- सोंठ, मिर्च – दोनों चार चार तोला
- सरसों – 16 तोला
- सोंचर नमक – 16 तोला
- पीपल और अजवायन – चार चार तोला
जम्बीर द्राव बनाने की विधि / Jambir drav kaise banaye
- मिटटी के चिकने पात्र में निम्बू का रस डाल लें |
- अब अन्य सभी जड़ी बूटियों का चूर्ण बना लें |
- इस चूर्ण को निम्बू के रस में मिलाकर पात्र का मुख बंद कर दें |
- अब इसे 21 से 30 दिन तक छोड़ दें |
- इसके बाद छानकर अलग पात्र में रख लें |
- इस विधि से जम्बीर द्राव तैयार हो जाता है |
जम्बीर द्राव के फायदे एवं उपयोग / Jambir drav uses and benefits
आमाशय के लिए जम्बीर द्राव अमृत तुल्य औषधि है | इसके सेवन से सभी प्रकार के कृमि जनित रोग नष्ट हो जाते हैं | यह रक्त में मिलने के बाद पानी एवं कार्बोलिक एसिड के रूप में परिवर्तित हो जाता है | इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है | जम्बीर द्राव भोजन पचाने वाला और जठराग्नि को प्रदीप्त करने वाली औषधि है | इसके निम्न फायदे हैं :-
- यह कृमि नाशक औषधि है |
- इसके सेवन से दूषित विष शरीर से बाहर निकलता है |
- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है |
- यकृत विकार, उदर रोग, गुल्म एवं प्लीहा में जम्बीर द्राव बहुत उपयोगी है |
- यह वात एवं कफ़ संबंधी रोग नष्ट करता है |
- वायु विकार, नाभिशुल में भी इसके सेवन से फायदा होता है |
- यह पाचन शक्ति बढाता है |
- इसके सेवन से वजन बढाने में मदद मिलती है |
सेवन एवं अनुपान की विधि
एक से दो तोला पानी मिलाकर सुबह शाम सेवन कराएं |
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