कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप अभयारिष्ट एवं Colonofly में से कौन है बेहतर जानें

कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप: आजकल खान पान एवं लाइफस्टाइल के कारण पाचन से सम्बंधित समस्याएँ हर किसी को हो रही हैं । इनमे से सबसे अधिकतर जो समस्या परेशान करती है वह है कब्ज । कब्ज के लिए आयुर्वेद चिकित्सा में बहुत सी सिरप, चूर्ण एवं गोलियां उपलब्ध हैं । जिनका वर्णन आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है ।

मुझे email एवं Whatsapp पर बहुत से मेसेज आते हैं जो कब्ज की सबसे बेहतरीन आयुर्वेदिक सिरप अभयारिष्ट एवं Colonofly के बारे में पूछते हैं । इसलिए आज मैं आपको कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप अभयारिष्ट एवं कोलोनोफ्ली के बारे में जानकारी देने वाला हूँ ।

कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप

तो चलिए जानते हैं कब्ज को ठीक करने के लिए आयुर्वेद की क्लासिकल और नविन फार्मूलेशन के बारे में साथ ही कब्ज के कारण, लक्षण एवं सामान्य घरेलु उपायों के बारे में जान लेते हैं ताकि आपको कब्ज से सम्बंधित सभी समस्याओं में आराम मिल सके ।

कब्ज के कारण क्या हैं ?

कब्ज के कारण बहुत ही साधारण हैं इन्हें आप निम्न बिन्दुओं से समझ सकते हैं:

  • आहार में कम फाइबर युक्त भोजन का अधिक होना ।
  • भोजन में तरल पदार्थों की कमी ।
  • सही समय पर शौच के लिए नहीं जाना या लेट जाना ।
  • बड़ी आंत की समस्या ।
  • लम्बे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करना ।
  • शारीरिक श्रम की कमी ।
  • शरीर में वात विकृति के कारण भी कब्ज हो जाती है ।
  • पेट की मांशपेशियों का कमजोर हो जाना ।

कब्ज के लक्षण क्या है?

कब्ज का सबसे मुख्य लक्षण है मल त्याग में परेशानी होना –

  • मल त्याग करने की इच्छा न होना ।
  • पेट भरा – भरा महसूस होना ।
  • गैस एवं आफरा ।
  • पेट साफ़ करने के लिए 2 या तीन बार जाना
  • 2 से 3 बार जाने के पश्चात भी पेट साफ़ न होना ।
  • कब्ज के कारण एसिडिटी से परेशान रहना ।

👉अभयारिष्ट है शास्त्रोक्त कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप

अगर आप जानना चाहते हैं कि कब्ज के लिए बेहतरीन क्लासिकल आयुर्वेदिक सिरप कौनसी है तो इस कड़ी में सबसे ऊपर जो नाम आता है वह है अभयारिष्ट सिरप का । अभयारिष्ट सिरप एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक दवा है जो प्राचीन समय से ही कब्ज एवं गैस जैसी पाचन समस्याओं को ठीक करने के लिए प्रयोग होते आई है ।

पेट के सभी पाचन रोगों में अभयारिष्ट बहुत ही लाभदायक माना जाता है । इसमें 15 से अधिक आयुर्वेदिक घटक इस्तेमाल होते हैं जो मुख्यत: पाचन को ठीक करने एवं कब्ज जैसे विकारों को दूर करने के लिए प्रयोग होते हैं । कब्ज, गैस एवं मन्दाग्नि में अभयारिष्ट का सेवन करने से ये विकार दूर होने लगते हैं ।

घटक

अभयारिष्ट में निम्न सामग्री मिलती है

द्रव्य का नाममात्रा
हरीतकी 500 ग्राम
मुन्नका 250 ग्राम
गुड़ 500 ग्राम
विडंग 50 ग्राम
महुआ पुष्प 50 ग्राम
चव्य 10 ग्राम
गोखरू 10 ग्राम
निशोथ 10 ग्राम
धनिया 10 ग्राम
धाय के फुल 10 ग्राम
इन्द्रायण की जड़ 10 ग्राम
दंती मूल 10 ग्राम
सौंफ 10 ग्राम
मोचरस 10 ग्राम
सौंठ 10 ग्राम

फायदे एवं नुकसान

फायदे संभावित नुकसान
1. कब्ज को ठीक करने में फायदेमंद 1. निश्चित अनुपात एवं मात्रा में लेने से कोई भी नुकसान नहीं
2. कठोर मल को लूज करके 2. अधिक मात्रा में लेने से पेट में मरोड़ एवं एंठन हो सकती है
3. पेट के कीड़ों को खत्म करने में भी अभयारिष्ट का प्रयोग होता है 3. आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर इस्तेमाल करें
4. मन्दाग्नि अर्थात भूख न लगने की समस्या में भी यह लाभदायक है 4. अन्य कोई नुकसान नहीं
5. अभयारिष्ट की आदत नहीं लगती
6. पेट में होने वाली जलन, पीड़ा एवं एसिडिटी को कम करने में भी लाभदायक है
7. आँतों में फंसे हुए सड़े हुए मल को निकालने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है ।
8. बवासीर में भी यह दवा लाभदायक है ।

👉Colonofly (Butterfly Ayurveda) एक नविन कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप

बटरफ्लाई आयुर्वेदा द्वारा निर्मित कोलोनोफ्ली सिरप के बारे में भी मुझसे बहुत बार पूछा गया है कि इस दवा के बारे में भी बताइए । तो जहाँ तक मेरा मानना है यह दवा भी नए फार्मूलेशन के आधार पर तैयार की गई है । अगर इसके हर्बल ingredients देखे जाएँ तो कब्ज के लिए इसमें सम्मिलित सभी घटक अच्छा कार्य करते हैं ।

यह पेट की सफाई करने एवं कब्ज को खत्म करने में बहुत ही लाभदायक है । विबंध को तोड़ने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है । इसमें कुल 8 प्रकार के घटक इस्तेमाल होते हैं जो पाचन को सुचारू करने एवं आँतों की सफाई करने के लिए लाभदायक है । चलिए सबसे पहले इसके घटक के बारे में जानकारी देते हैं ।

घटक

  1. हरीतकी
  2. कुटकी
  3. त्रिवृत
  4. द्राक्षा
  5. स्वर्णपत्री
  6. विडंग
  7. शुंठी
  8. विभितकी

फायदे और नुकसान

फायदे नुकसान
1. कब्ज तोड़ने में लाभदायक ।1. सोनापत्री होने की वजह से आदत लग सकती है ।
2. पाचन को सुधारने में फायदेमंद हैं ।2. लम्बे समय तक उपयोग में न लें ।
3. आंतों के इन्फेक्शन को भी ठीक करती है । 3. सिमित मात्रा में ही इस्तेमाल करें ।
4. E. coli एवं  C. perfringens bacteria में भी फायदेमंद है ।4. अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में एंठन हो सकती है ।
5. नियमित सेवन से आँतों की सक्रियता बढती है ।

अभयारिष्ट एवं Colonofly में से कौन है बेहतर

अब आप दोनों दवाओं के बारे में जान चुकें हैं कि कौनसी सिरप क्या काम करती है और इनके घटक आदि क्या हैं ! तो अब मैं अपने 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर इन दोनों सिरप में से आपके लिए कौनसा बेहतर रहेगा एवं क्यों रहेगा इसके बारे में बताता हूँ ।

देखिये अभयारिष्ट एक क्लासिकल कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप है । जो कब्ज एवं पाचन विकृतियों के लिए अधिकतर वैद्यों द्वारा उपयोग में लिया जाता है । वहीँ कोलोनोफ्ली एक नविन फार्मूलेशन है इसलिए इसके परिणामों की अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है । हालाँकि कब्ज में यह आयुर्वेदिक सिरप भी अच्छा रिजल्ट देती है । परन्तु अभयारिष्ट में कुल 15 घटक द्रव्यों की वजह से यह अधिक लाभदायक साबित होती है । साथ ही अभयारिष्ट सिरप का कोई नुकसान नहीं है और इसकी आदत नहीं लगती । वहीँ कोलोनोफ्ली कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप में सनाय होने के कारण यह एंठन और आदत लगने जैसी समस्या पैदा कर सकती है ।

उप.वैद्य योगेन्द्र

अत: अगर आप लम्बे समय से कब्ज से परेशान हैं एवं आपको कब्ज के अलावा अन्य पाचन विकृतियों जैसे गैस, आफरा, अपच और बदहजमी या पाइल्स के लिए आयुर्वेदिक सिरप की आवश्यकता है तो वैद्य सलाह से आपको अभयारिष्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए । हालाँकि Colonofly आयुर्वेदिक सिरप भी इन सभी समस्याओं में अच्छा परिणाम देती है परन्तु लम्बे समय तक सेवन करने से इसकी आदत लग सकती है । इसके अलावा Colonofly आयुर्वेदिक सिरप में कोई भी नुकसान नहीं है ।

आप अपने स्वयं के विवेक एवं वैद्य सलाह अनुसार कब्ज की आयुर्वेदिक सिरप का चुनाव कर सकते हैं ।

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