पाचन विकार वर्तमान में सबसे साधारण और अधिक पाए जाने वाला रोग है | अग्रेजी में इसे digestive disorder के नाम से जाना जाता है | यह समस्या बहुत जटिल होती है क्योंकि यह हमारे दैनिक जीवन से जुड़ी हुयी है और इसका इलाज भी दिनचर्या और खान पान से ही किया जा सकता है |
इस लेख में हम आयुर्वेद के द्रष्टिकोण से पाचन विकृतियों का इलाज कैसे किया जाये इस बारे में बताएँगे | आप इस लेख को पूरा पढ़ के भूख ना लगना, अपच रहना और कब्ज जैसी समस्याओं को बड़ी आसानी से घर बैठे ठीक कर पाएंगे |
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भूख की कमी / अपच / कब्ज (Poor apetite / indigestion / constipation) क्या हैं ?
भूख की कमी (poor apetite) :- खाने की इच्छा नहीं होना
अपच (indigestion) :- खाना सही से नहीं पचना
कब्ज (constipation) :- पेट साफ़ नहीं होना, पेट में कड़ापन या दर्द रहना, पूरी तरह से पेट साफ नहीं होना
भूख की कमी / अपच / कब्ज (Poor apetite / indigestion / constipation) के प्रभाव और लक्षण
भूख की कमी (poor apetite) :- कुछ भी खाने का मन नहीं होना, भूख नहीं लगना, भूख होने पर भी खाना खाने का मन नहीं होना
अपच (indigestion) :- पेट में भारीपन, पाचन सही से नहीं होना, पुरे शरीर में दर्द रहना, अधिक प्यास लगना, स्वाद चला जाना
कब्ज (constipation) :- पेट में असहजता महसूस होना, दस्त नहीं लगना, कठोर दस्त होना, पेट दर्द रहना
आयुर्वेद में भूख की कमी / अपच / कब्ज (Poor apetite / indigestion / constipation) को कैसे ठीक किया जाता है ?
आयुर्वेद के अनुसार वात दोष वाले व्यक्तियों को कब्ज की समस्या ज्यादा रहती है | इस रोग में उन्हें स्निग्ध गुणों वाले खान पान को ग्रहण करना चाहिए | इसके लिए तेल से एनिमा देना, विरेचन और आयुर्वेद दवाओं का सहारा लिया जाता है |
कुछ विशेष आयुर्वेदिक औषधियाँ :-
भूख की कमी (poor apetite) :-
- अग्नितुण्डी वटी
- द्राक्षारिष्ट
- वैश्वनारा चूर्ण
- निम्बू पानी काले नमक के साथ
अपच (indigestion) :-
- लह्सुनादि वटी
- हिंग्वाष्टक चूर्ण
- शंख वटी
- जीराकाध्यारिष्ट
- दाड़ीमाश्टक चूर्ण
कब्ज (constipation) :-
- त्रिफला चूर्ण
- अभयारिष्ट
- अविपत्तिकर चूर्ण
- हरीतकी चूर्ण
पाचन विकारों के लिए उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां कौनसी हैं ?
भूख की कमी (poor apetite) :-
- अदरक
- चित्रक
- पुदीना
- सून्ठी
अपच (indigestion) :-
- सून्ठी
- चित्रक
- हिंगू
- पिप्पली
कब्ज (constipation) :-
- सेन्ना
- अर्गवाधा
- इसबगोल
- एरंड
- हरीतकी
सावधानियां (Do’s and Don’ts) – क्या करें और क्या ना करें ?
ये करें (Do’s) :-
- गेंहू, पुराने चावल खाएं
- आंवला सोंठ, हिंग का सेवन करें
- ताजा फल खाएं
- हरी सब्जियां खाएं
- स्वस्थ दिनचर्या का पालन करें
- पथ्य अपथ्य के अनुसार भोजन करें
ये न करें (Dont’s) :-
- असंतुलित आहार न लें
- असमय भोजन न करें
- मसालेदार और तैलीय चीजें न खाएं
- ज्यादा चाय और कॉफ़ी न पियें
- रात में देर तक न जागें
References (सन्दर्भ) :-
https://www.nhp.gov.in/sites/default/files/ayurveda
धन्यवाद ||