चांदनी (Crepe Jasmine) : परिचय, औषधीय गुण, उपयोग फायदे और नुकसान

चांदनी (Crepe Jasmine) : सामान्यतः इसका उपयोग सजावट के लिए किया जाता है | सभी बाग बगीचों एवं घरों में चांदनी के फूल सजावट के लिए लगाये जाते हैं | इसके पुष्प श्वेत वर्ण (सफ़ेद रंग के) होते हैं जो मन को बहुत लुभाते हैं | लेकिन आयुर्वेद के द्रष्टिकोण से देखें तो चांदनी के औषधीय गुण इसकी उपयोगिता बढ़ा देते हैं | इसका उपयोग सर दर्द, आँखों के विकार, पेट के रोगों एवं दांतों में दर्द के लिए किया जाता है | इस लेख में हम चांदनी का सम्पूर्ण परिचय उपलब्ध करा रहें हैं |

पौधे का नाम (Name)चांदनी (Crepe Jasmine)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Tabernaemontana Divaricata Linn.
कुल (Family)Apocynaceae
संस्कृत नाम (Sanskrit Name)सुगंधा
उत्पति स्थान (Place of origin)भारत में सभी जगह
रासायनिक संघटन (Chemical Composition)कोरोनेरिन, आक्षीर, ड्रेगामीन, वोआक्रिस्टिन
औषधीय गुण (Medicinal Properties) ज्वरशामक, स्तम्भक, मूत्रकृच्छ, मूत्रल
रोगानुसार उपयोग (Uses)सर दर्द, नेत्र रोग, दंत रोग, त्वचा रोग
दुष्प्रभाव (side effects) कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं
चांदनी (Crepe Jasmine)

चांदनी (Crepe Jasmine) का परिचय / what is Crepe Jasmine ?

यह समस्त भारत में पाया जाने वाला पौधा है | इसकी ऊंचाई २ से २,५ मीटर तक तक होती है | इसके पत्र हरे रंग के सरल और चमकीले होते हैं | इसके पुष्प श्वेत रंग के एवं अत्यंत सुन्दर होते हैं | बाग़ बगीचों में इस पौधे का विशेष स्थान रहता है | जितना यह पौधा सुंदर और मन को लुभाने वाला है उतने ही इसमें औषधीय गुण भी हैं | इसका उपयोग अनेकों रोगों में दवा के रूप में किया जाता है | आइये जानते हैं इसके बारे में :-

चांदनी (Crepe Jasmine) के औषधीय गुण

चांदनी (Crepe Jasmine) :-

  • कुल (Family) – Apocynaceae
  • Botanical Name (वानस्पतिक नाम) :- Tabernaemontana divaricata (Linn.)
  • संस्कृत नाम (Sanskrit Name) :- सुगंधा
  • हिंदी नाम (Name in hindi) :- चांदनी, तगर
  • अंग्रेजी नाम (english name) :- Crepe jasmine, moon beam
  • उड़िया (Odiya name) :- काटो, काटोचंपा
  • कोंकणी (Konkan) :- वडलीनामदित
  • कन्नड़ नाम (Kannad) :- कोट्टू
  • गुजराती नाम (gujarati name) :- चांदनी, सागर
  • तेलगु नाम (Telagu) :- गंधितगराप्पू
  • बंगाली नाम (Bengali Name) :- चमेली, तगर
  • नेपाली नाम (Nepali) :- चांदनी
  • मराठी नाम (Marathi) :- अनंता, गोंद तगर
  • मलयालम (Malayalam name) :- बेलुटा, अमेल पोडी

अफ़ीम के औषधीय गुण एवं फायदे क्या हैं ?

सामान्य परिचय (Basic Information) :-

  • उत्पति स्थान – भारत में सभी जगह
  • ऊंचाई – २.५ मीटर
  • पत्र – सरल हरे रंग के
  • फूल – श्वेत वर्ण के सुगन्धित
  • फल – चंचुयुक्त, बेलनाकार
  • पुष्पकाल – वर्षप्रयंत

चांदनी (Crepe Jasmine) के औषधीय गुण क्या हैं / Medicinal properties of chandani (Crepe Jasmine)

यह सुंदर से फूलों वाला पौधा जितनी उपयोगिता बाग़ बगीचों में रखता है उतना ही इसमें औषधीय गुण हैं | आयुर्वेद में इसका उपयोग अनेकों रोगों के लिए किया जाता है | आइये जानते है इसके औषधीय गुण कर्म एवं प्रभाव :-

  • इसकी मूल कटु, तिक्त, स्तम्भक गुणों वाली होती है |
  • यह ज्वरशामक, मूत्रकृच्छ एवं कृमिघं है |
  • इसका निर्यास शीत एवं शोथ नाशक होता है |
  • इसके पत्र का क्वाथ मूत्रल है |
  • इसमें वेदना नाशक, संक्रमण रोधी गुण हैं |

रासायनिक संघटन / Chemical composition

  • इसके तने और मूल में रेजिन, क्षारभ, कोरोनेरिन एवं आक्षीर पाया जाता है |
  • पत्रों में कोरोनेरीडीन, डेग्रामीन, वोआक्रिस्टिन पाया जाता है |

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चांदनी (Crepe Jasmine) के रोगानुसार उपयोग एवं प्रभाव / Uses and effects of Chandani (crepe jasmine)

इसका उपयोग सामान्य समस्याओं के लिए किया जाता है | यह पेट के विकारों, आँखों एवं दांतों की समस्या और सर दर्द में उपयोगी जड़ी बूटी है | इसका उपयोग निम्न प्रकार किया जाता है :-

सर दर्द :- इसके पौधे से प्राप्त आक्षीर को तेल में मिलाकर मस्तक पर लगाने से सर दर्द दूर होता है |

नेत्र रोग :- चांदनी के फूलों एवं कलिकाओं को पीस कर चटनी बना कर आँखों के बाहर की ओर लगाने पर दर्द दूर होता है एवं लालिमा का भी शमन होता है | इसकी मूल भी नेत्रों के लिए गुणकारी है | मूल को नीम के रस में उबाल कर अंजन करने से नेत्र शूल का शमन होता है |

नेत्रबाला (सुगंधबाला) के औषधीय गुण, उपयोग एवं फायदे

दंत रोग :- चांदनी की मूल दांतों के लिए बहुत गुणकारी होती है | इसको चबाने से दांतों में दर्द होने की समस्या ठीक होती है | इसकी मूल के चूर्ण को मंजन करने से मसूड़ों में पीव निकलने की समस्या ठीक हो जाती है |

उच्च रक्तचाप (High bp) :- इसके पतों का क्वाथ बनाकर पिने से ब्लड प्रेशर कम होता है |

उदर रोगों में :- मूल को पीस कर कल्क बनाकर एक से दो ग्राम मात्रा में सेवन से पेट में कीड़े मर जाते हैं | अतिसार (दस्त) की समस्या में इसके पतों का स्वरस पीना चाहिए |

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त्वचा रोग :- चांदनी के पौधों से प्राप्त दुग्ध तथा पत्रों को पीसकर घाव पर लेप करने से लाभ होता है | इसके फूलों के स्वरस को त्वचा पर लगाने से दाह, वेदना एवं शोथ की समस्या में फायदा होता है |

चांदनी (Crepe Jasmine) के नुकसान / side effects

यह औषधीय पौधा अनेकों रोगों में असरदार दवा का काम करता है | चिकित्सक के परामर्श से इसका उपयोग करने से कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है |

FAQ / सवाल जवाब

इसके औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता है |

यह मूत्रल, ज्वर शामक, शोथ नाशक और संक्रमण रोधी है |

यह सिर दर्द, दंत रोग, नेत्र रोग एवं त्वचा रोगों में उपयोगी है |

नहीं इसका इसका सेवन करने से किसी प्रकार का नशा नहीं होता |

इसके पत्रों और मूल का उपयोग होता है | इनका स्वरस, क्वाथ एवं चूर्ण बना कर सेवन किया जाता है |

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