आनंद भैरव रस (ज्वर) के फायदे / Anand Bhairav Ras Jwar ke fayde

बुखार एक सामान्य रोग है, आप सभी कभी न कभी इस रोग से ग्रस्त रहे होंगे | आम तौर पर इस रोग में इस्तेमाल होने वाली दवा है “पेरासिटामोल” क्योंकि यह तापमान को जल्दी कम कर देती है एवं आसानी से सस्ते दामों में उपलब्ध हो जाती है | आनंद भैरव रस (ज्वर) के बारे में जानकारी नहीं होने से लोग पेरासिटामोल जैसी हानिकारक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं जिसके भविष्य में बहुत हानिकारक प्रभाव देखने को मिलते हैं | इसके निम्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं :-

  • त्वचा पर लाल चकते हो जाना |
  • किडनी की समस्या |
  • कमजोरी महसूस करना |
  • कमर में दर्द होना |
  • मुँह में छाले पड़ जाना |
  • उल्टी दस्त हो जाना |

प्रकृति में ऐसी अनेको जड़ी बूटियां मौजूद है जिनका उपयोग करके निरोगी रहा जा सकता है | ऐसी ही जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके बुखार (ज्वर) को ठीक किया जा सकता है | आनंदभैरव रस एक शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधि है | इसके दो प्रकार हैं |

  • आनंद भैरव रस (कास) :- यह कफ एवं खांसी की समस्या में काम में आता है |
  • एवं आनंदभैरव रस (ज्वर) :- यह बुखार को ठीक करने के लिए उपयोग में लिया जाता है |

आनंद भैरव रस (ज्वर) क्या है एवं इसे कैसे बनाते हैं ? Anand Bhairav Ras (Jwar) kya hai ?

यह सभी प्रकार के ज्वर में उपयोगी आयुर्वेदिक दवा है | इसके सेवन से बुखार ठीक हो जाता है | इसके अलावा यह अतिसार, खांसी एवं जुखाम में भी असरदार है | इसमें निम्न घटक द्रव्यों का इस्तेमाल किया जाता है :-

  • शुद्ध हिंगुल
  • सोंठ
  • जायफल
  • कालीमिर्च
  • शुद्ध विष
  • फुला हुवा सुहागा
  • छोटी पीपल
  • जम्बिरी निम्बू का रस
आनंद भैरव रस (ज्वर)
बुखार की आयुर्वेदिक दवा

बुखार की आयुर्वेदिक दवा आनंदभैरव रस बनाने की विधि | Anand Bhairav Ras (Jwar) Bnane ki vidhi

यह एक गुणकारी एवं विश्वसनीय औषधि है जो ज्वर को जड़ से ख़त्म कर देती है | अंग्रेजी दवाओं के इस्तेमाल से बुखार तो उतर जाता है लेकिन शरीर की कमजोरी दूर नहीं होती | आनंद भैरव रस (ज्वर) के इस्तेमाल से ज्वर में भी आराम मिलता है एवं शरीर की कमजोरी भी दूर हो जाती है | बुखार की आयुर्वेदिक दवा के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं |

इस योग को बनाने के लिए निम्न विधि का उपयोग किया जाता है :-

  • हिंगुल, फुला हुवा सुहागा, शुद्ध विष, जायफल एवं सोंठ एक एक तोला लें |
  • इनको पीस कर बहुत महीन चूर्ण बना लें |
  • काली मिर्च एवं छोटी पीपल दो दो तोला लेकर इन्हें भी महीन पीस लें |
  • अब इन सब को अच्छे से मिला लें |
  • इस मिश्रण को खरल में डालकर निम्बू के रस में मिलाकर अच्छे से घोंट लें |
  • जब यह गोली बनाने लायक हो जाए तो इसकी छोटी छोटी गोलियां बना लें |
  • इन गोलियों को छाया में सुखा लें |
  • इस तरह से बुखार की आयुर्वेदिक दवा तैयार हो जाती है |

जानें बुखार में आयुर्वेदिक दवा आनंदभैरव रस के फायदे / Anand Bhairav Ras Jwar Ke Fayde

आनंद भैरव रस (ज्वर) एक परीक्षित एवं कारगर आयुर्वेदिक औषधि है | यह हर प्रकार के बुखार में उपयोगी है | बहुत जोरों का बुखार होने पर भी यह असर करता है | आइये जानते हैं इसके फायदे एवं उपयोग :-

  • हल्के ज्वर में इसका सेवन करने से तुरंत राहत मिलती है
  • ज्यादा बुखार होने पर इसके सेवन से बुखार धीरे धीरे कम हो जाता है एवं कुछ समय बाद पच कर उतर जाता है |
  • यह अतिसार में भी उपयोगी है |
  • इसके सेवन से सर्दी जुखाम एवं खांसी की समस्या भी ठीक हो जाती है |
  • इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है |
  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है |
  • सभी प्रकार के ज्वर में इसका सेवन किया जा सकता है |

बुखार में आनंद भैरव रस का सेवन एवं अनुपान कैसे करें / Anand Bhairav Ras (Jwar) Ka Sevan Kaise kare

  • साधारण बुखार में एक एक गोली सुबह शाम शहद के साथ दें |
  • तीव्र बुखार होने पर इसके साथ अदरक का रस शहद के साथ दिन में 3 बार दें |
  • अतिसार में जायफल या बेलगिरी के काढ़े के आनंद भैरव रस (ज्वर) साथ लें |

अगर आपको इस लेख में दी गयी जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट करके जरुर बताएं |

धन्यवाद !

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