सफ़ेद दाग (Vitiligo) की आयुर्वेदिक दवा

इस लेख में हम सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा, सफ़ेद दाग क्या है, आयुर्वेदानुसार इसके क्या कारण है एवं इसे ठीक कैसे कर सकते हैं आदि के बारे में बतायेंगे |

सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा
सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा

श्वेतकुष्ठ या सफ़ेद दाग त्वचा का प्रगतिशील विकार है, प्रगतिशील इसलिय बोला जाता है क्योंकि यह लगातार बढ़ता रहता है | इस रोग में त्वचा पर सफ़ेद चकते होने लग जाते हैं एवं समय के साथ यह पुरे शरीर पर फ़ैल जाते हैं | आधुनिक चिकित्सा में इस रोग को Vitiligo के नाम से जाना जाता है एवं पूवा थैरपी (Puva) से इसका उपचार किया जाता है | वहीँ आयुर्वेद में यह रोग श्वित्रा या किलासा (shvitra or kilasa) के नाम से जाना जाता है | सफ़ेद दाग की दवा के रूप में आयुर्वेद में बाकुची, श्वित्रहारा कषाय और श्वित्रहारा लेप का उपयोग किया जाता है |

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सफ़ेद दाग (vitiligo) क्या है / safed dag kya h ?

इसे vitiligo या leukoderma के नाम से भी जाना जाता है | इसमें त्वचा, बालों के पास एवं श्लेष्मा झीली के आस पास सफ़ेद चकते बन जाते हैं | यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन एक सर्वेक्षण के अनुसार 50 % लोगो में यह 20 वर्ष की आयु से पहले ही देखने को मिलता है | यह रोग अनेक कारणों के साथ जुड़ा हुवा है, आयुर्वेद में इसका मुख्य कारण विरुद्ध आहार बताया गया है | मानसिक तनाव भी इस रोग का कारण बनता है |

सफ़ेद दाग (vitiligo) के कारण क्या हैं / safed dag causes in hindi ?

आयुर्वेद के अनुसार वात एवं भ्रजक पित्त दोष त्वचा में होते हैं जिन्हें संस्कृत में त्वक कहा जाता है | जब इन दोषों में असंतुलन हो जाता है तो त्वचा में विकार उत्पन्न हो जाते हैं | सफ़ेद दाग को ऑटो इम्यून रोग भी कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रतिरक्षा तंत्र शरीर की कोशिकाओं को ही क्षति पहुँचाने लगता है | इस रोग के निम्न कारण हो सकते हैं :-

  • विरुद्ध आहार का सेवन करना |
  • अत्यधिक मानसिक तनाव होना |
  • रेडिएशन इफ़ेक्ट के कारण |
  • अधिक लवण, क्षार एवं खट्टी चीजों का सेवन करना |
  • बहुत अधिक मात्रा में भोजन करना |
  • वात एवं पित्त दोष में असंतुलन हो जाना |
  • phenolic और catecholic chemicals के प्रभाव से |
  • नविन अन्न, दही एवं मछली का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से |
  • वातावरण से सम्बंधित कारणों से |
  • sunburn के कारण से |
  • chemotherapy के दुष्प्रभाव के कारण भी सफ़ेद दाग हो सकते हैं |

सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा / vitiligo (safed dag) ayurvedic medicine in hindi

आयुर्वेद में इस रोग का कारण अनुचित आहार विहार एवं त्रिदोषों में असंतुलन माना जाता है | इसलिए उचित आहार विहार अपनाकर एवं वात पित्त दोष को संतुलित करके इस रोग को ठीक किया जा सकता है | इसके लिए सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा एवं उपचार पद्धति को अपनाना चाहिए | safed dag को दीर्घ रोग (chronic) माना जाता है | इसलिए सफ़ेद दाग का उपचार जितना जल्द शुरू किया जाये उतना इसके ठीक होने की सम्भावना होती है |

बाकुची तेल से सफ़ेद दाग का इलाज
बाकुची तेल से सफ़ेद दाग का इलाज

आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार श्वित्रा (सफ़ेद दाग) का उपचार चार चरणों में करना चाहिए :-

  • शोधन कर्म (Purification therapy)
  • तेल मालिश (Oil massage)
  • सूर्यपादा संथापम (Exposure to sun rays)
  • सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा का सेवन (Medication)

क्या है पूरी क्रिया ?

  • इसमें सबसे पहले बाकुची क्वाथ से रोगी का शोधन कर्म किया जाता है |
  • इसके बाद रोगी को तेल से मालिश की जाती है | तेल का चयन रोगी के शरीर की प्रकृति के अनुसार किया जाता है |
  • अब सफ़ेद दाग के रोगी को सूर्य की धुप में रखा जाता है जितना वो सहन कर सके |
  • इसके बाद safed dag की आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन कराया जाता है जैसे बाकुचादी चूर्ण, जात्यादी घृत आदि |

सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवाओं के नाम / Safed dag ayurvedic medicine name

त्वचा विकारों के लिए आयुर्वेद में बहुत सारी दवाएं बतायी गयी हैं इनमे वटी, गुटिका, लेप, क्वाथ, भस्म एवं क्वाथ प्रकरण की बहुत सी दवाएं हैं जो सफ़ेद दाग को ठीक करने के लिए काम में ली जाती है |

सफ़ेद दाग को ठीक करने के लिए लेप प्रकरण की आयुर्वेदिक दवा / सफ़ेद दाग हटाने वाली क्रीम :-

  • अंकोलाकादि लेप, अवलगुजादि लेप, बाकुच्यादी लेप, बाल्यादी लेप
  • भल्ल्कादि लेप, भृंगराजादि लेप, गंधाकादी लेप, गुन्जादी लेप
  • गूंजाफलादि लेप, पथ्यादी लेप, पत्रकादि लेप, त्रिफलादी लेप, निम्बवा लेप

safed dag ख़त्म करने वाली आयुर्वेदिक दवा (चूर्ण) :-

  • बाकुच्यादी चूर्ण
  • काकोदुम्बारिकादि चूर्ण
  • खदिरादि चूर्ण
  • पंचनिम्बा चूर्ण

सफेद दाग की आयुर्वेदिक दवा (अवलेह) :-

अवलेह प्रकरण में भल्लातक अवलेह और विडान्गादि लौह का उपयोग सफ़ेद दाग को ठीक करने के लिए किया जाता है |

घृत प्रकरण में सफ़ेद दाग को ठीक करने वाली आयुर्वेदिक दवाओं के नाम :-

आयुर्वेद में घी का उपयोग बहुत से रोगों में किया जाता है | गाय के घी को औषधियों से सिद्ध करके अनेकों रोगों को ठीक करने के लिए उपयोग में लिया जाता है | सफ़ेद दाग को ठीक करने के लिए निम्न घृत उपयोग करते हैं :-

सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा जात्यादी घृत
सफ़ेद दाग की आयुर्वेदिक दवा जात्यादी घृत
  • जात्यादी घृत, महातिक्त घृत
  • नीला घृत, महामारक घृत
  • नीलीन्यादी घृत, सोमार्जी घृत

सफ़ेद दाग के लिए आयुर्वेदिक तेल :-

इस रोग में निम्न तेलों का उपयोग कर सकते हैं :-

सफ़ेद दाग में बाकुची तेल के फायदे
सफ़ेद दाग में बाकुची तेल के फायदे
  • चित्रकादी तेल, ज्योतिष्मती तेल, कुष्ठ कलानाला तेल, बाकुची तेल
  • कुष्ठ रसाका तेल, लघु मृच्यादी तेल, विष तेल, महावज्र तेल

Safed dag की आयुर्वेदिक औषधियां :-

  • चंद्रप्रभा वटी, खंगेश्वर रस, कुष्ठ भाकेश्री रस
  • तारेश्वर रस, विजयाश्वर रस, मेदानीसार रस, पित्तल रसायन

सफ़ेद दाग को ठीक करने के लिए वटी / गुटिका :-

स्वयंभू गुग्गुलु, बृहत् स्वयंभू गुग्गुलु, त्रिफला वटी का उपयोग सफ़ेद दाग की दवा के रूप में किया जाता है |

सफ़ेद दाग को ठीक करने के लिए किन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग करें ?

बाबची या बाकुची का उपयोग प्राचीन काल से ही सफ़ेद दाग एवं अन्य त्वचा विकारों में किया जाता रहा है | इसके अलावा काली मिर्च, सोंठ, पीपल आदि का उपयोग भी इसके लिए होता है |

सफ़ेद दाग से बचाव के लिए क्या करें ?

यह समस्या विरुद्ध आहार एवं असंतुलित आहार के कारण अधिक देखने को मिलती है | नियमित वृत्त रखना, सादा और हल्का खाना, पुराने चावल, गेंहू एवं पथ्य आहार का सेवन करने पर इस रोग से बचा जा सकता है |

धन्यवाद |

संदर्भ :-

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